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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 29 Jan 2025 07:07:09 AM IST
Mauni Amavasya - फ़ोटो Mauni Amavasya
Mauni Amavasya 2025: भारतीय संस्कृति में मौनी अमावस्या का विशेष महत्व है। यह दिन वाणी को मौन रखकर आत्मशुद्धि और एकाग्रता प्राप्त करने का होता है। ‘मौनी’ शब्द का तात्पर्य वाणी को मौन रखना है, जो मन को स्थिर करने में मदद करता है। वहीं ‘अमावस्या’ सूर्य और चंद्रमा के संगम का प्रतीक है, जो इस दिन के महत्व को और बढ़ाता है। इस दिन त्रिवेणी संगम पर स्नान और साधना से अक्षय पुण्य प्राप्त होता है।
महाकुंभ पर्व के अवसर पर प्रयागराज में गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती का संगम अमावस्या तिथि के साथ मिलकर दिव्य योग का निर्माण करता है। इस दिन गंगास्नान से आत्मशुद्धि होती है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। लेकिन यदि आप प्रयागराज नहीं जा पा रहे हैं, तो भी आप घर बैठे इस पुण्य फल का लाभ उठा सकते हैं।
घर बैठे गंगास्नान का पुण्य कैसे प्राप्त करें
जालोर के ज्योतिषाचार्य पण्डित भानु प्रकाश दवे के अनुसार, यदि आप किसी कारणवश प्रयागराज नहीं जा पा रहे हैं, तो आप घर बैठे भी इस दिन के पुण्य फल का लाभ उठा सकते हैं। इसके लिए आपको निम्नलिखित प्रक्रिया अपनानी चाहिए:
प्रातःकाल स्नान: सबसे पहले प्रातःकाल स्नान करते समय जल में थोड़ी गौ रज (गाय के गोबर की राख) मिलाएं।
मंत्र उच्चारण: स्नान करते समय निम्न मंत्र का उच्चारण करें:
त्रिवेणी माधवं सोमं भरद्वाजं च वासुकिम्।
वन्दे अक्षय वटं शेषं प्रयागं तीर्थनायकम।।
स्वच्छ वस्त्र पहनना: स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
दुर्वांकुर से पूजा: दाहिने हाथ में दुर्वांकुर (दूब घास) की 16 गांठें लेकर भगवान का ध्यान करें। मानसिक पूजा करते हुए भगवान के नाम का संकीर्तन करें।
मौन रहकर साधना: इस दौरान मौन रहकर अपने मन को भगवान के चरणों में समर्पित करें और साधना करें।
मौनी अमावस्या का उद्देश्य
मौनी अमावस्या का मुख्य उद्देश्य वाणी और मन पर नियंत्रण पाकर ईश्वर के प्रति समर्पण करना है। जब आप घर पर रहते हुए अपनी इंद्रियों को संयमित करते हुए साधना करते हैं, तो आप अपनी ऊर्जा को सही दिशा में केंद्रित कर पाते हैं। इस तरह, त्रिवेणी संगम में स्नान के पुण्य का अनुभव आप घर बैठे भी कर सकते हैं।
मौनी अमावस्या का दिन आत्मशुद्धि, मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा के लिए विशेष रूप से उपयुक्त है। चाहे आप प्रयागराज में स्नान करने के लिए न जा पा रहे हों, लेकिन इन साधनाओं और विधियों के माध्यम से आप इस दिव्य अवसर का पुण्य घर बैठे ही प्राप्त कर सकते हैं।