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Tortoise Statue: वास्तु शास्त्र में कछुए की मूर्ति का महत्व, सही दिशा में रखने के फायदे

वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में कछुए की मूर्ति रखना शुभता और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है। खासतौर पर पीतल, सोना, चांदी या क्रिस्टल से बनी कछुए की मूर्ति घर की सुख-शांति और समृद्धि में वृद्धि करती है।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 26 Jan 2025 06:36:06 AM IST

Tortoise Statue

Tortoise Statue - फ़ोटो Tortoise Statue

Tortoise Statue: वास्तु शास्त्र में घर की सजावट में इस्तेमाल होने वाले हर प्रतीक का खास महत्व होता है। इन्हीं में से एक है कछुए की मूर्ति, जो सुख-समृद्धि, शांति और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक मानी जाती है। कछुए को भगवान विष्णु के कूर्म अवतार से भी जोड़ा जाता है। वास्तु के अनुसार, घर में कछुए की मूर्ति रखने से न केवल सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है, बल्कि यह आपके करियर और व्यक्तिगत जीवन में भी उन्नति लाती है।


किस धातु का कछुआ रखना शुभ?

वास्तु शास्त्र के अनुसार, कछुए की मूर्ति पीतल, चांदी, सोने, या क्रिस्टल की बनी होनी चाहिए। इनमें से प्रत्येक धातु की मूर्ति शुभ मानी जाती है, लेकिन इसे रखने का दिन और दिशा बेहद महत्वपूर्ण होते हैं।

पीतल का कछुआ: इसे घर की उत्तर दिशा में रखना चाहिए।

सोने या चांदी का कछुआ: इसे उत्तर-पश्चिम दिशा में रखा जा सकता है।

क्रिस्टल का कछुआ: इसे ईशान कोण यानी उत्तर-पूर्व दिशा में रखने से शुभ फल प्राप्त होते हैं।


कछुए की मूर्ति रखने के लिए सही दिशा

कछुए को सही दिशा में रखने से इसके सकारात्मक प्रभाव कई गुना बढ़ जाते हैं।

उत्तर दिशा: पीतल, सोना, या चांदी का कछुआ रखने के लिए सबसे उत्तम मानी जाती है।

उत्तर-पश्चिम दिशा: यह दिशा भी पीतल और धातु के कछुए के लिए अनुकूल है।

ईशान कोण (उत्तर-पूर्व): क्रिस्टल के कछुए को रखने के लिए यह दिशा सबसे शुभ होती है।

मुख्य द्वार के पास: कछुए को मुख्य द्वार के पास, घर के अंदर की ओर मुंह करके रखा जा सकता है।

मंदिर: घर के मंदिर में कछुए की मूर्ति रखने से भी सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है।


कछुए की मूर्ति रखने के विशेष नियम

कछुए की मूर्ति को पानी में रखना बेहद शुभ माना जाता है। इसे पानी के बर्तन में रखें और पानी को नियमित रूप से बदलें।

मूर्ति को साफ और चमकदार बनाए रखें। गंदगी या धूल का जमाव अशुभ माना जाता है।

कछुए को कभी भी अंधेरे स्थान पर न रखें। उसे हमेशा ऐसी जगह रखें, जहां प्रकाश का पर्याप्त प्रवाह हो।

कछुए को दक्षिण दिशा में रखने से बचें, यह अशुभ फल दे सकता है।


कछुए की मूर्ति रखने के लाभ

सुख-शांति में वृद्धि: घर में शांति और सकारात्मकता बनी रहती है।

सौभाग्य और समृद्धि: यह सौभाग्य और वित्तीय स्थिरता लाने में सहायक होता है।

नकारात्मक ऊर्जा का नाश: घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।

करियर में तरक्की: यह करियर और व्यापार में प्रगति लाने में मदद करता है।

पारिवारिक संबंध मजबूत: परिवार में प्यार और सामंजस्य बना रहता है।


कछुए की मूर्ति रखने के शुभ दिन

वास्तु शास्त्र के अनुसार, बुधवार, गुरुवार, और शुक्रवार को कछुए की मूर्ति घर में लाना सबसे शुभ होता है। इस दौरान इसे स्थापित करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है।


कछुए की मूर्ति न केवल एक सजावटी वस्तु है, बल्कि यह वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में सुख, शांति और समृद्धि लाने का एक माध्यम भी है। अगर इसे सही दिशा और नियमों के अनुसार रखा जाए, तो यह आपके जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकता है। इसलिए, अगर आप अपने घर की ऊर्जा को सकारात्मकता से भरना चाहते हैं, तो कछुए की मूर्ति को वास्तु के अनुसार सही स्थान पर रखें और इसके शुभ प्रभाव का आनंद लें।