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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 14 Feb 2025 08:34:05 AM IST
Janaki Jayanti - फ़ोटो Janaki Jayanti
Janaki Jayanti: जानकी जयंती, जिसे सीता अष्टमी भी कहा जाता है, हिंदू धर्म में एक विशेष महत्व रखती है। यह पर्व माता सीता के प्राकट्य दिवस के रूप में मनाया जाता है। मान्यताओं के अनुसार, मिथिला के राजा जनक ने माता सीता को धरती से प्राप्त कर अपनी पुत्री के रूप में स्वीकार किया था। इस दिन माता सीता और प्रभु श्रीराम की पूजा अर्चना करने और व्रत का संकल्प लेने से भगवान की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
जानकी जयंती 2025: तिथि और समय
इस वर्ष जानकी जयंती फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाएगी।
तिथि प्रारंभ: गुरुवार, 20 फरवरी 2025 को सुबह 9:58 बजे
तिथि समाप्त: शुक्रवार, 21 फरवरी 2025 को सुबह 11:57 बजे
इस प्रकार, उदया तिथि के अनुसार जानकी जयंती का व्रत 21 फरवरी को रखा जाएगा।
जानकी जयंती की पूजा विधि
स्नान और संकल्प: प्रातःकाल स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें और व्रत का संकल्प लें।
पूजन की तैयारी: पूजा स्थल पर चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर श्रीराम और माता सीता की प्रतिमा स्थापित करें।
पूजा सामग्री: रोली, अक्षत, पुष्प, धूप, दीपक, नैवेद्य आदि अर्पित करें।
व्रत कथा: माता सीता की व्रत कथा का पाठ करें और उनकी महिमा का स्मरण करें।
मंत्र जाप: पूजा के दौरान माता जानकी के मंत्रों का जाप करें।
आरती और प्रसाद: अंत में आरती करें और प्रसाद वितरण करें।
जानकी जयंती के मंत्र और स्तोत्र
जानकी स्तोत्र
माता सीता की कृपा पाने के लिए जानकी स्तोत्र का पाठ करें।
उदाहरण:
नीलनीरज-दलायतेक्षणां लक्ष्मणाग्रज-भुजावलम्बिनीम्।
शुद्धिमिद्धदहने प्रदित्सतीं भावये मनसि रामवल्लभाम्।।
मंत्र जाप:
श्री सीतायै नम:
श्री रामचन्द्राय नम:
ॐ जानकीवल्लभाय नमः:
श्री सीता-रामाय नम:
जानकी जयंती का महत्व
इस पावन दिन माता जानकी की पूजा से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है। यह पर्व नारी सशक्तिकरण का प्रतीक है, जो माता सीता के आदर्श चरित्र और उनके द्वारा स्थापित उच्च मानवीय मूल्यों को दर्शाता है। जानकी जयंती के दिन व्रत और मंत्र जाप करने से भगवान श्रीराम और माता सीता की कृपा प्राप्त होती है और सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। जानकी जयंती पर माता सीता का आशीर्वाद प्राप्त कर अपने जीवन को सफल और समृद्ध बनाएं।