Bihar Election 2025: वोटिंग के दिन PM मोदी के बिहार आगमन से कितना बदल सकता है समीकरण; इस इलाके में गूंजेगी आवाज तो किसे होगा फायदा? Mokama Murder Case : 'हथियार जमा कराए...', मोकामा हत्याकांड के बाद एक्शन में चुनाव आयोग, कहा - लॉ एंड ऑडर पर सख्ती बरतें Bihar election update : दुलारचंद यादव हत्याकांड का बाढ़ और मोकामा चुनाव पर असर, अनंत सिंह पर एफआईआर; RO ने जारी किया नया फरमान Justice Suryakant: जस्टिस सूर्यकांत बने भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश, इस दिन लेंगे शपथ Bihar News: अब बिहार से भी निकलेंगे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जलवा दिखाने वाले धावक, इस शहर में तैयार हुआ विशेष ट्रैक Dularchand Yadav case : मोकामा में दुलारचंद यादव हत्याकांड में चौथा FIR दर्ज ! अनंत सिंह और जन सुराज के पीयूष नामजद; पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद अब बदलेगा माहौल Bihar Election 2025: "NDA ही कर सकता है बिहार का विकास...", चुनाव से पहले CM नीतीश का दिखा नया अंदाज, सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट कर किया वोट अपील Bihar Election 2025: NDA ने तय किया विकसित बिहार का विजन, घोषणा पत्र पर पीएम मोदी ने की बड़ी बात Bihar News: बिहार के इस जिले में 213 अपराधी गिरफ्तार, भारी मात्रा में हथियार व नकदी जब्त Bihar News: बिहार से परदेश जा रहे लोगों की ट्रेनों में भारी भीड़, वोट के लिए नहीं रुकना चाहते मजदूर; क्या है वजह?
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 21 Feb 2025 08:06:48 PM IST
कैलाश मानसरोवर यात्रा - फ़ोटो कैलाश मानसरोवर यात्रा
कैलाश मानसरोवर यात्रा हिंदू धर्म, बौद्ध धर्म, जैन धर्म और बौन धर्म के अनुयायियों के लिए अत्यंत पवित्र मानी जाती है। यह यात्रा भगवान शिव के दिव्य धाम कैलाश पर्वत और पवित्र मानसरोवर झील तक जाती है। इस यात्रा में लगभग 2 से 3 सप्ताह का समय लगता है और इसे शारीरिक एवं मानसिक रूप से चुनौतीपूर्ण माना जाता है।
कैलाश मानसरोवर यात्रा का धार्मिक महत्व
हिंदू धर्म: कैलाश पर्वत को भगवान शिव का निवास स्थान माना जाता है।
बौद्ध धर्म: बौद्ध मान्यताओं के अनुसार, यह स्थान चक्रसम्वर और डेमचोक देवता का निवास है।
जैन धर्म: कैलाश को अष्टपद पर्वत कहा जाता है, जहां पहले तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव ने मोक्ष प्राप्त किया था।
बौन धर्म: तिब्बत के बौन धर्म में कैलाश को आध्यात्मिक शक्ति का केंद्र माना गया है।
कैलाश मानसरोवर यात्रा के प्रमुख आकर्षण
1. कैलाश पर्वत
ऊँचाई: 6,638 मीटर
विशेषता: चार दिशाओं में फैली इसकी धाराएँ चार नदियों (सिंधु, ब्रह्मपुत्र, सतलुज और कर्णाली) का उद्गम स्थल मानी जाती हैं।
रोचक तथ्य: आज तक कोई भी वैज्ञानिक रूप से इस पर्वत की चोटी पर नहीं चढ़ पाया है।
2. मानसरोवर झील
परिधि: 90 किलोमीटर
गहराई: 90 मीटर
महत्व: ऐसा माना जाता है कि इस झील में स्नान करने से पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
3. यात्रा मार्ग में अन्य पवित्र स्थल
यम द्वार: कैलाश पर्वत की परिक्रमा यहीं से शुरू होती है।
गौरी कुंड: मान्यता है कि माता पार्वती ने यहां तपस्या की थी।
डोलमा ला पास: 5,630 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह मार्ग सबसे कठिन होता है।
कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए मार्ग
यात्रा के लिए मुख्य रूप से तीन मार्ग उपलब्ध हैं:
उत्तराखंड मार्ग (लिपुलेख दर्रा, पिथौरागढ़)
सड़क और हेलीकॉप्टर के माध्यम से यात्रा की जा सकती है।
भारत सरकार ने इस यात्रा को आसान बनाने के लिए लिपुलेख मार्ग तैयार किया है।
नेपाल मार्ग (काठमांडू से तिब्बत, चीन)
यह मार्ग अपेक्षाकृत आसान और सुविधाजनक है।
सिक्किम मार्ग (नाथू ला दर्रा)
यह मार्ग सुरक्षा कारणों से बहुत कम बार खोला जाता है।
यात्रा के लिए आवश्यक दस्तावेज
चूंकि कैलाश मानसरोवर तिब्बत (चीन) के क्षेत्र में स्थित है, इसलिए यात्रा के लिए निम्नलिखित दस्तावेज आवश्यक होते हैं:
पासपोर्ट (कम से कम 6 महीने की वैधता आवश्यक)
यात्रा परमिट (Tibet Travel Permit, Chinese Visa)
विदेश मामलों और सैन्य विभाग का अनापत्ति प्रमाण पत्र
चिकित्सीय प्रमाण पत्र
शारीरिक तैयारी और स्वास्थ्य संबंधी सावधानियां
यात्रा को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए शारीरिक फिटनेस बेहद जरूरी है। इसके लिए:
योग और ध्यान करें – प्राणायाम से ऑक्सीजन लेवल बढ़ाएं।
स्टेमिना बढ़ाने वाले व्यायाम – टहलना, जॉगिंग, पुश-अप्स, वेट लिफ्टिंग करें।
उच्च ऊंचाई पर सांस लेने की आदत डालें – कम ऑक्सीजन वाले क्षेत्रों में ट्रेकिंग करें।
किन लोगों को यात्रा नहीं करनी चाहिए?
दिल, फेफड़े, डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए यह यात्रा कठिन हो सकती है।
गठिया, ऑक्सीजन लेवल डाउन या जल्दी थकान महसूस करने वाले लोगों को इस यात्रा से बचना चाहिए।
कैलाश पर्वत पर चढ़ाई क्यों संभव नहीं?
कैलाश पर्वत की ऊंचाई माउंट एवरेस्ट से कम है, लेकिन अभी तक कोई भी इस पर्वत पर सफलतापूर्वक चढ़ नहीं पाया। इसके पीछे तीन प्रमुख कारण हैं:
भौगोलिक परिस्थितियाँ – लगातार बदलते मौसम के कारण चढ़ाई संभव नहीं होती।
धार्मिक मान्यता – इसे भगवान शिव का निवास स्थल माना जाता है, इसलिए यहां चढ़ाई वर्जित है।
दिशाभ्रम – कई यात्रियों ने यह अनुभव किया कि चोटी की ओर बढ़ते ही दिशा भ्रम हो जाता है।
भारत सरकार द्वारा यात्रा आयोजन
भारत सरकार के विदेश मंत्रालय द्वारा हर साल जून से सितंबर के बीच यात्रा आयोजित की जाती है।
इस यात्रा को सुविधाजनक बनाने के लिए सरकार विशेष शिविरों और हेलीकॉप्टर सेवाओं की व्यवस्था करती है।
कैलाश मानसरोवर यात्रा आध्यात्मिकता, साहस और शारीरिक धैर्य की परीक्षा होती है। यह यात्रा मोक्ष प्राप्ति का मार्ग मानी जाती है और इसका हर क्षण भक्तों के लिए दिव्य अनुभूति से भरा होता है। यदि आप इस यात्रा पर जाने की योजना बना रहे हैं, तो अपनी शारीरिक फिटनेस और दस्तावेजों की तैयारी पहले से ही कर लें।