Bihar Election 2025: वोटिंग के दिन PM मोदी के बिहार आगमन से कितना बदल सकता है समीकरण; इस इलाके में गूंजेगी आवाज तो किसे होगा फायदा? Mokama Murder Case : 'हथियार जमा कराए...', मोकामा हत्याकांड के बाद एक्शन में चुनाव आयोग, कहा - लॉ एंड ऑडर पर सख्ती बरतें Bihar election update : दुलारचंद यादव हत्याकांड का बाढ़ और मोकामा चुनाव पर असर, अनंत सिंह पर एफआईआर; RO ने जारी किया नया फरमान Justice Suryakant: जस्टिस सूर्यकांत बने भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश, इस दिन लेंगे शपथ Bihar News: अब बिहार से भी निकलेंगे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जलवा दिखाने वाले धावक, इस शहर में तैयार हुआ विशेष ट्रैक Dularchand Yadav case : मोकामा में दुलारचंद यादव हत्याकांड में चौथा FIR दर्ज ! अनंत सिंह और जन सुराज के पीयूष नामजद; पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद अब बदलेगा माहौल Bihar Election 2025: "NDA ही कर सकता है बिहार का विकास...", चुनाव से पहले CM नीतीश का दिखा नया अंदाज, सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट कर किया वोट अपील Bihar Election 2025: NDA ने तय किया विकसित बिहार का विजन, घोषणा पत्र पर पीएम मोदी ने की बड़ी बात Bihar News: बिहार के इस जिले में 213 अपराधी गिरफ्तार, भारी मात्रा में हथियार व नकदी जब्त Bihar News: बिहार से परदेश जा रहे लोगों की ट्रेनों में भारी भीड़, वोट के लिए नहीं रुकना चाहते मजदूर; क्या है वजह?
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 16 Feb 2025 08:40:35 AM IST
Lord Shiva - फ़ोटो Lord Shiva
Lord Shiva: सनातन धर्म में समय-समय पर ईश्वर ने अनेकों अवतार लिए हैं, और भगवान शिव भी इससे अछूते नहीं रहे। उनके विभिन्न अवतारों में सबसे पहला और महत्वपूर्ण अवतार वीरभद्र अवतार है, जो उनके रौद्र रूप का प्रतीक माना जाता है। यह अवतार शक्ति, धर्म, और न्याय के लिए लिया गया था। वीरभद्र अवतार हमें सिखाता है कि शक्ति का प्रयोग सदैव न्याय और धर्म की रक्षा के लिए होना चाहिए। आइए विस्तार से जानते हैं कि भगवान शिव ने वीरभद्र अवतार क्यों लिया और इसका महत्व क्या है।
वीरभद्र अवतार की कथा
यह अवतार तब हुआ जब ब्रह्मा के पुत्र राजा दक्ष ने एक भव्य यज्ञ का आयोजन किया, लेकिन उन्होंने भगवान शिव को उसमें आमंत्रित नहीं किया। दक्ष की पुत्री सती, जो शिवजी की पत्नी थीं, इस यज्ञ में जाने के लिए उत्सुक थीं। शिवजी ने उन्हें बिना निमंत्रण के जाने से रोका, लेकिन सती जिद कर अपने पिता के यज्ञ में पहुंच गईं।
यज्ञ स्थल पर सती ने देखा कि वहां शिवजी का अपमान किया जा रहा है। अपने पति का ऐसा अपमान देखकर वे अत्यंत दुखी हुईं और उन्होंने वहीं यज्ञवेदी में कूदकर अपने प्राण त्याग दिए। जब यह समाचार भगवान शिव को मिला, तो वे अत्यंत क्रोधित हो गए। क्रोध में उन्होंने अपनी एक जटा उखाड़ी और उसे पर्वत पर पटक दिया। उसी क्षण उस जटा से महाभयंकर वीरभद्र प्रकट हुए। वीरभद्र भगवान शिव का रौद्र रूप थे, जिनका उद्देश्य केवल एक ही था— राजा दक्ष के अहंकार और अन्याय का अंत करना।
शास्त्रों में वीरभद्र अवतार का उल्लेख
श्रीमद्भागवत के अनुसार,
"क्रुद्ध: सुदष्टष्ठपुट: स धूर्जटिर्जटां तडिद्व ह्लिस टोग्ररोचिषम्।
उत्कृत्य रुद्र: सहसोत्थितो हसन् गम्भीरनादो विससर्ज तां भुवि॥"
अर्थात, जब सती ने आत्मदाह कर लिया, तो भगवान शिव अत्यंत क्रोधित हो गए। उन्होंने अपनी एक जटा को उखाड़कर पृथ्वी पर पटक दिया, जिससे महाबली वीरभद्र प्रकट हुए।
वीरभद्र अवतार का संदेश
धर्म की रक्षा के लिए शक्ति का प्रयोग
वीरभद्र का अवतार हमें सिखाता है कि शक्ति का प्रयोग केवल धर्म और न्याय की रक्षा के लिए किया जाना चाहिए।
अहंकार का नाश अवश्यंभावी है
राजा दक्ष ने अहंकार में भगवान शिव का अपमान किया, जिसका परिणाम यह हुआ कि उनका अंत हो गया। यह हमें सिखाता है कि अहंकार हमेशा विनाश का कारण बनता है।
वीरों के दो प्रकार
वीर दो प्रकार के होते हैं— भद्र (धार्मिक और सभ्य वीर) और अभद्र (अधार्मिक और अहंकारी वीर)।
राम, अर्जुन, भीम जैसे वीर भद्र श्रेणी में आते हैं, जो धर्म का पालन करते हैं।
रावण, दुर्योधन, कर्ण जैसे वीर अभद्र श्रेणी में आते हैं, जो अधर्म के मार्ग पर चलते हैं।
शक्ति और भक्ति का संतुलन
वीरभद्र अवतार हमें यह भी सिखाता है कि केवल भक्ति ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि आवश्यक होने पर धर्म की रक्षा के लिए शक्ति का प्रयोग करना भी अनिवार्य है।
भगवान शिव का वीरभद्र अवतार केवल उनके रौद्र रूप का प्रतीक नहीं है, बल्कि यह धर्म, न्याय और शक्ति का भी प्रतीक है। यह हमें सिखाता है कि अन्याय और अधर्म के खिलाफ लड़ने के लिए शक्ति का उपयोग करना आवश्यक है। साथ ही, यह अवतार हमें यह भी सिखाता है कि अहंकार और अन्याय का अंत निश्चित है। यदि शक्ति का सही उपयोग किया जाए, तो यह समाज के लिए कल्याणकारी सिद्ध हो सकती है। भगवान शिव का यह अवतार आज भी हमें प्रेरित करता है कि हमें धर्म के मार्ग पर चलते हुए अपनी शक्ति और बुद्धि का सही उपयोग करना चाहिए, ताकि संसार में न्याय और सत्य की स्थापना हो सके।