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Magh Purnima 2025: माघ पूर्णिमा 2025 कब; महत्व, तिथि और पूजा विधि जानें

माघ पूर्णिमा का पर्व इस बार 12 फरवरी 2025 को मनाया जाएगा। यह तिथि 11 फरवरी की शाम से शुरू होकर 12 फरवरी की शाम तक रहेगी, लेकिन सनातन धर्म में उदया तिथि का महत्व अधिक होता है, इसलिए माघ पूर्णिमा का व्रत और पूजा 12 फरवरी को की जाएगी।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 04 Feb 2025 06:00:17 AM IST

Magh Purnima 2025

Magh Purnima 2025 - फ़ोटो Magh Purnima 2025

Magh Purnima 2025: माघ मास की पूर्णिमा हिन्दू धर्म में विशेष महत्व रखती है। इसे विशेष रूप से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा के लिए जाना जाता है। माघ पूर्णिमा का व्रत और पूजा करने से व्यक्ति के पापों से मुक्ति मिलती है और उसके जीवन में सुख-समृद्धि का वास होता है। यह दिन धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पवित्र और पुण्यदायक होता है। इस वर्ष माघ पूर्णिमा का पर्व 12 फरवरी 2025 को मनाया जाएगा, जबकि कुछ लोग इसे 11 फरवरी को भी मनाने की बात कर रहे हैं।


माघ पूर्णिमा 2025: तिथि और शुभ मुहूर्त

वैदिक पंचांग के अनुसार माघ पूर्णिमा की तिथि की शुरुआत 11 फरवरी 2025 को शाम 06:55 बजे से होगी और 12 फरवरी 2025 को शाम 07:22 बजे तक रहेगी। हालांकि, सनातन धर्म में उदया तिथि का महत्व अधिक होता है, इस कारण माघ पूर्णिमा का पर्व 12 फरवरी को मनाया जाएगा।


शुभ मुहूर्त:

ब्रह्म मुहूर्त: प्रातः 05:19 बजे से 06:10 बजे तक

गोधूलि मुहूर्त: शाम 06:07 बजे से 06:32 बजे तक

अमृत काल: शाम 05:55 बजे से रात 07:35 बजे तक


माघ पूर्णिमा का महत्व

माघ पूर्णिमा का व्रत विशेष रूप से पुण्यप्रद माना जाता है। इस दिन गंगा नदी या किसी पवित्र जल में स्नान करने से मनुष्य के पाप समाप्त हो जाते हैं। साथ ही, यह दिन भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा करने के लिए भी आदर्श माना जाता है। पूजा करने से जीवन में सुख, समृद्धि और शांति का वास होता है।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार माघ पूर्णिमा का व्रत करने से व्यक्ति के सारे पाप खत्म होते हैं और भगवान विष्णु की कृपा से धन-धान्य में वृद्धि होती है। इस दिन विशेष रूप से दान-पुण्य करने का महत्व है, जिससे व्यक्ति का भाग्य जागृत होता है और उसके जीवन में सुख-शांति आती है।


माघ पूर्णिमा पूजा विधि

माघ पूर्णिमा के दिन पूजा करने की विधि बेहद सरल और प्रभावशाली होती है। इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और पवित्रता का ध्यान रखें। इसके बाद एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की प्रतिमा रखें।

फूलमाला अर्पित करें और देवी-देवता का पूजन करें।

देवी लक्ष्मी को 16 श्रृंगार की वस्तुएं अर्पित करें।

एक दीपक में देसी घी डालकर जलाएं और आरती करें।

भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करें और विष्णु चालीसा का पाठ करें।

पूजा के बाद व्रत कथा सुनें और फल, मिठाई आदि भोग अर्पित करें।

अंत में जीवन में सुख-शांति की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करें और प्रसाद का वितरण करें।


माघ पूर्णिमा एक ऐसा अवसर है जब भक्त भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी से अपने जीवन में सुख, समृद्धि और शांति की कामना करते हैं। इस दिन के व्रत और पूजा विधियों को सही तरीके से करने से न सिर्फ धार्मिक लाभ मिलता है, बल्कि व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक बदलाव भी आते हैं। इसलिए, इस दिन पूजा और व्रत करने से न चूकें और इस पवित्र दिन को पूरी श्रद्धा से मनाएं।