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Masik Durga Ashtami: मासिक दुर्गा अष्टमी, मां दुर्गा की पूजा-अर्चना का विशेष पर्व

हर महीने शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि जगत की पालनकर्ता और रक्षक मां दुर्गा को समर्पित होती है। इस पवित्र दिन पर श्रद्धालु मां दुर्गा की पूजा-अर्चना और व्रत रखकर उनसे सुख-समृद्धि और जीवन की समस्त समस्याओं से मुक्ति की कामना करते हैं।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 27 Jan 2025 07:04:58 AM IST

Masik Durga Ashtami

Masik Durga Ashtami - फ़ोटो Masik Durga Ashtami

Masik Durga Ashtami: हर महीने शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मां दुर्गा की विशेष पूजा और आराधना की जाती है। इसे मासिक दुर्गा अष्टमी के नाम से जाना जाता है। इस दिन मां दुर्गा के भक्त व्रत रखते हैं और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मां दुर्गा की शरण में जाने से साधक को सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख, समृद्धि, और शांति का संचार होता है।


माघ माह की दुर्गा अष्टमी की तिथि और शुभ मुहूर्त

वैदिक पंचांग के अनुसार, माघ माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि का आरंभ 5 फरवरी 2025 को रात 2:30 बजे होगा और इसका समापन 6 फरवरी 2025 को रात 12:35 बजे होगा। इस दिन मां दुर्गा की पूजा विशेष रूप से निशा काल (रात्रि पूजा काल) में करना शुभ माना गया है।


मासिक दुर्गा अष्टमी के शुभ मुहूर्त

सूर्योदय: सुबह 7:07 बजे

सूर्यास्त: शाम 6:04 बजे

ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 5:22 से 6:15 तक

विजय मुहूर्त: दोपहर 2:25 से 3:09 तक

गोधूलि मुहूर्त: शाम 6:01 से 6:27 तक

निशिता मुहूर्त: रात 12:09 से 1:01 तक


मासिक दुर्गा अष्टमी पर विशेष योग

इस बार माघ माह की दुर्गा अष्टमी पर शुक्ल योग, ब्रह्म योग, और भद्रावास योग का निर्माण हो रहा है। इन शुभ योगों में मां दुर्गा की पूजा करना साधकों के लिए अत्यंत फलदायी होता है। इस दिन भद्रा का समय स्वर्ग में होने के कारण सभी कार्य शुभ माने जाते हैं। ज्योतिषीय दृष्टि से यह दिन जीवन में सभी प्रकार की परेशानियों को दूर करने और मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए अत्यंत लाभकारी है।


मासिक दुर्गा अष्टमी पर पूजा-विधि

स्नान और शुद्धिकरण: सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और शुद्ध वस्त्र धारण करें। पूजा स्थल को गंगाजल से पवित्र करें।

मां दुर्गा की प्रतिमा या चित्र की स्थापना: पूजा स्थान पर मां दुर्गा की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।

पूजन सामग्री: पूजा के लिए लाल वस्त्र, चावल, रोली, अक्षत, दीप, फूल, अगरबत्ती, और नैवेद्य आदि रखें।

मंत्र जाप और दुर्गा चालीसा का पाठ: मां दुर्गा के मंत्रों का जाप करें और दुर्गा चालीसा का पाठ करें।

हवन और आरती: पूजा के अंत में हवन करें और मां दुर्गा की आरती उतारें।

भोग लगाना: मां को फल, मिठाई, और अन्य नैवेद्य अर्पित करें।

दान-पुण्य: जरूरतमंदों को भोजन और वस्त्र दान करें।


मासिक दुर्गा अष्टमी के लाभ

मां दुर्गा की पूजा से साधक के जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है।

सभी प्रकार के संकट और बाधाएं दूर होती हैं।

यह दिन धन, स्वास्थ्य, और मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए अत्यंत शुभ माना गया है।

विशेष योगों में की गई पूजा जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और शांति का संचार करती है।


दुर्गा अष्टमी और मां दुर्गा की कृपा

मां दुर्गा जगत की पालनकर्ता और रक्षक हैं। उनकी कृपा से साधक को न केवल सांसारिक सुखों की प्राप्ति होती है, बल्कि आध्यात्मिक उत्थान भी संभव होता है। मासिक दुर्गा अष्टमी पर मां दुर्गा की पूजा करने से साधक के जीवन में हर प्रकार की उन्नति होती है।

माघ मास की यह दुर्गा अष्टमी साधकों के लिए जीवन में सकारात्मकता, शांति, और समृद्धि लाने का एक उत्तम अवसर है। मां दुर्गा की आराधना और उनकी कृपा से जीवन में नई ऊर्जा का संचार होता है। इसलिए इस पावन दिन को पूरे भक्तिभाव से मनाएं और मां दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त करें।