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Pradosh Fast: आज है प्रदोष व्रत, राशि अनुसार मंत्र जप जानें

वैदिक पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर पड़ने वाला प्रदोष व्रत विशेष महत्व रखता है। इस वर्ष 25 फरवरी को मंगलवार के दिन यह व्रत पड़ने के कारण इसे भौम प्रदोष व्रत कहा जाएगा।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 25 Feb 2025 07:00:14 AM IST

Pradosh Fast:

Pradosh Fast: - फ़ोटो Pradosh Fast:

Pradosh Fast: वैदिक पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर पड़ने वाला प्रदोष व्रत विशेष महत्व रखता है। इस वर्ष 25 फरवरी को मंगलवार के दिन यह व्रत पड़ने के कारण इसे भौम प्रदोष व्रत कहा जाएगा। इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करने से आर्थिक तंगी से मुक्ति मिलती है और सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, यह व्रत कालसर्प दोष, राहु-केतु और शनि से संबंधित दोषों को दूर करने में सहायक होता है। यदि आप भी नकारात्मक प्रभावों से बचना चाहते हैं, तो इस दिन श्रद्धा पूर्वक व्रत रखें और राशि अनुसार बताए गए मंत्रों का जप करें।


भौम प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त

वैदिक पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 25 फरवरी को दोपहर 12 बजकर 47 मिनट पर प्रारंभ होगी और 26 फरवरी को सुबह 11 बजकर 08 मिनट पर समाप्त होगी। प्रदोष व्रत के दिन शिव पूजन का विशेष महत्व होता है, जो प्रदोष काल में किया जाता है। इस बार प्रदोष काल शाम 06 बजकर 18 मिनट से रात 08 बजकर 49 मिनट तक रहेगा।


प्रदोष व्रत के लाभ

भगवान शिव की कृपा से आर्थिक तंगी दूर होती है।

राहु-केतु और शनि दोष का प्रभाव कम होता है।

सुख, सौभाग्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है।

मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति होती है।


राशि अनुसार मंत्र जप

भौम प्रदोष व्रत के दौरान राशि अनुसार विशेष मंत्रों का जप करने से भगवान शिव और मां पार्वती की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

मेष राशि: "ॐ महाकाल नमः" और "ॐ पार्वतीयै नमः"

वृषभ राशि: "ॐ उमापति नमः" और "ॐ सरस्वत्यै नमः"

मिथुन राशि: "ॐ भोलेनाथ नमः" और "ॐ चण्डिकायै नमः"

कर्क राशि: "ॐ चंद्रधारी नमः" और "ॐ चामुण्डायै नमः"

सिंह राशि: "ॐ ज्योतिलिंग नमः" और "ॐ गौरीयै नमः"

कन्या राशि: "ॐ त्रिनेत्रधारी नमः" और "ॐ परमायै नमः"

तुला राशि: "ॐ केदारनाथ नमः" और "ॐ ईशायै नमः"

वृश्चिक राशि: "ॐ सोमनाथ नमः" और "ॐ गिरिजायै नमः"

धनु राशि: "ॐ महेश नमः" और "ॐ भवन्यै नमः"

मकर राशि: "ॐ नागधारी नमः" और "ॐ विरुपाक्ष्यै नमः"

कुंभ राशि: "ॐ नीलेश्वर नमः" और "ॐ महागौर्यै नमः"

मीन राशि: "ॐ गोरीशंकर नमः" और "ॐ नारायण्यै नमः"


कैसे करें भौम प्रदोष व्रत की पूजा?

सुबह स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें और व्रत का संकल्प लें।

दिनभर फलाहार करें और सात्विकता का पालन करें।

संध्या काल में भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करें।

शिवलिंग पर जल, दूध, बेलपत्र, धतूरा और चंदन चढ़ाएं।

शिव मंत्रों का जप करें और आरती करें।

गरीबों और जरूरतमंदों को अन्न एवं वस्त्र दान करें।

अगले दिन प्रातः पारण कर व्रत समाप्त करें।


भौम प्रदोष व्रत भगवान शिव की आराधना का एक महत्वपूर्ण अवसर होता है। इस दिन विधि-विधान से पूजा और मंत्र जप करने से साधक को समस्त संकटों से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। अतः श्रद्धा और विश्वास के साथ इस पावन व्रत का पालन करें और भगवान शिव की कृपा प्राप्त करें।