IOCL में प्रबंधन की तानाशाही के खिलाफ आमरण अनशन, पूर्वी क्षेत्र के सभी लोकेशनों पर विरोध प्रदर्शन जारी Patna Metro: यहां बनेगा पटना मेट्रो का सबसे बड़ा अंडरग्राउंड स्टेशन, हर दिन 1.41 लाख यात्री करेंगे सफर Patna Metro: यहां बनेगा पटना मेट्रो का सबसे बड़ा अंडरग्राउंड स्टेशन, हर दिन 1.41 लाख यात्री करेंगे सफर Bihar News: गयाजी के सूर्यकुंड तालाब में सैकड़ों मछलियों की मौत, भीषण गर्मी या है कोई और वजह? Bihar News: गयाजी के सूर्यकुंड तालाब में सैकड़ों मछलियों की मौत, भीषण गर्मी या है कोई और वजह? बिहार के इस रूट पर पहली बार चली ट्रेन, आज़ादी के बाद रचा गया इतिहास BIHAR: बारात जा रहे बाइक सवार को हाइवा ने रौंदा, दो युवकों की दर्दनाक मौत, घर में मातम का माहौल Bihar News: बिहार की इस नदी पर 200 करोड़ की लगत से बनेगा पुल, इंजीनियरों की टीम ने किया सर्वे Mansoon in Bihar: बिहार में मानसून की एंट्री को लेकर आई गुड न्यूज, मौसम विभाग ने दिया नया अपडेट Mansoon in Bihar: बिहार में मानसून की एंट्री को लेकर आई गुड न्यूज, मौसम विभाग ने दिया नया अपडेट
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 08 Mar 2025 06:25:08 AM IST
Ram Navami 2025 - फ़ोटो Ram Navami 2025
Ram Navami 2025: राम नवमी हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है, जिसे भगवान श्रीराम के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को आता है और इसे पूरे देश में अत्यंत उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस दिन भक्तजन भगवान श्रीराम की पूजा करते हैं, रामायण का पाठ करते हैं और उपवास रखते हैं। मान्यता है कि इस दिन व्रत और पूजा करने से जीवन में सुख और समृद्धि आती है तथा सभी बाधाओं का नाश होता है। इसके साथ ही, देवी दुर्गा के नवम स्वरूप मां सिद्धिदात्री की भी पूजा की जाती है, जिनकी कृपा से साधक को सिद्धियों की प्राप्ति होती है।
राम नवमी 2025 की डेट और शुभ मुहूर्त
2025 में राम नवमी का उत्सव 6 अप्रैल को मनाया जाएगा, क्योंकि हिंदू धर्म में उदय तिथि का अत्यधिक महत्व होता है। धार्मिक पंचांग के अनुसार, राम नवमी की तिथि 5 अप्रैल 2025 की संध्या 7:26 बजे से प्रारंभ होकर 6 अप्रैल 2025 की संध्या 7:22 बजे तक रहेगी। इस अवधि में पूजा और हवन के लिए विशेष मुहूर्त निर्धारित किए गए हैं, जिनमें भक्तजन भगवान श्रीराम की आराधना कर सकते हैं।
शुभ मुहूर्त इस प्रकार हैं:
राम नवमी पूजन का समय: सुबह 11:08 बजे से दोपहर 1:39 बजे तक
अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:24 बजे
भगवान श्रीराम: मर्यादा, सत्य और धर्म के प्रतीक
भगवान श्रीराम को ‘मर्यादा पुरुषोत्तम’ के नाम से जाना जाता है, क्योंकि उन्होंने अपने जीवन में धर्म, सत्य और कर्तव्य का पालन किया और समाज को अनुशासन तथा नैतिकता का पाठ पढ़ाया। अयोध्या के राजा दशरथ और रानी कौशल्या के पुत्र श्रीराम का जन्म त्रेतायुग में हुआ था, जिन्होंने अधर्म पर धर्म की विजय प्राप्त की। उनकी जीवन गाथा ‘रामायण’ में वर्णित है, जो केवल एक कथा नहीं, बल्कि जीवन जीने की एक सम्पूर्ण शिक्षा है। इस दिन राम कथा का श्रवण करना और उनके आदर्शों को अपनाना विशेष रूप से फलदायी माना जाता है।
राम नवमी व्रत का महत्व और नियम
राम नवमी के दिन व्रत रखना अत्यंत शुभ माना जाता है। पंचांग के अनुसार, इस दिन ‘आठ प्रहर उपवास’ का विधान है, जिसका तात्पर्य है कि भक्तों को सूर्योदय से लेकर अगले दिन सूर्योदय तक उपवास करना चाहिए। राम नवमी का व्रत तीन प्रकार से किया जाता है:
सामान्य व्रत – जो बिना किसी विशेष इच्छा के केवल श्रद्धा भाव से रखा जाता है।
नियमित व्रत – जिसे व्यक्ति जीवनभर हर वर्ष करता है।
इच्छित व्रत – जिसे किसी विशेष मनोकामना की पूर्ति के लिए रखा जाता है।
इस दिन भक्त फलाहार करते हैं और कुछ लोग निर्जला व्रत भी रखते हैं। पूजा के दौरान रामचरितमानस का पाठ, राम नाम का जाप और हवन का विशेष महत्व होता है।
राम नवमी पर विशेष पूजा और अनुष्ठान
इस दिन विशेष पूजाअर्चना का आयोजन किया जाता है, जिसमें भगवान श्रीराम की प्रतिमा का अभिषेक, मंत्रोच्चार और भजन-कीर्तन शामिल होते हैं। हनुमान जी की पूजा भी इस दिन विशेष फलदायी मानी जाती है, क्योंकि वे श्रीराम के परम भक्त हैं। राम नवमी पर मंदिरों में विशाल भंडारों का आयोजन होता है और श्रद्धालु जरूरतमंदों को अन्नदान और वस्त्रदान करते हैं।
राम नवमी पर होने वाले प्रमुख अनुष्ठान
भगवान श्रीराम का अभिषेक और पूजन
हनुमान जी की विशेष आराधना
रामायण पाठ और रामचरितमानस के दोहे पढ़ना
श्रीराम के भजन-कीर्तन और संकीर्तन
गरीबों को भोजन, वस्त्र और दान-पुण्य करना
मां सिद्धिदात्री की पूजा का महत्व
राम नवमी के अवसर पर मां दुर्गा के नवम स्वरूप मां सिद्धिदात्री की पूजा का विशेष महत्व है। देवी सिद्धिदात्री को सभी प्रकार की सिद्धियों का दाता माना जाता है। उनकी आराधना से व्यक्ति को आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है और जीवन की सभी कठिनाइयाँ दूर होती हैं। यह भी कहा जाता है कि भगवान शिव ने सिद्धियों की प्राप्ति के लिए मां सिद्धिदात्री की आराधना की थी। इसलिए इस दिन देवी की पूजा करना अत्यंत फलदायी माना जाता है।
राम नवमी: आस्था, भक्ति और धर्म का संदेश
राम नवमी केवल एक धार्मिक उत्सव नहीं है, बल्कि यह धर्म, सत्य, मर्यादा और कर्तव्य के पालन का प्रतीक भी है। भगवान श्रीराम का जीवन हमें यह सिखाता है कि विपरीत परिस्थितियों में भी धैर्य बनाए रखना चाहिए और सदैव धर्म के मार्ग पर चलना चाहिए। इस दिन भगवान श्रीराम का स्मरण करने और उनके आदर्शों को अपनाने से व्यक्ति के जीवन में शांति, समृद्धि और सफलता का संचार होता है।