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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 26 Jan 2025 06:15:33 AM IST
Shattila Ekadashi - फ़ोटो Shattila Ekadashi
Shattila Ekadashi: षट्तिला एकादशी व्रत विशेष रूप से माघ मास के कृष्ण पक्ष में मनाई जाती है। इस दिन का महत्व धर्म शास्त्रों में बहुत अधिक बताया गया है और इसे विशेष रूप से सूर्य देव की पूजा के लिए आदर्श समय माना जाता है। इस दिन के व्रत को करने से सूर्य दोष दूर होते हैं, साथ ही यह व्रत पुण्य की प्राप्ति का कारण बनता है।
व्रत का महत्व: षट्तिला एकादशी व्रत का पालन करने से पापों का नाश होता है और भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है। इस दिन को विशेष रूप से सूर्य देव की पूजा के लिए मनाया जाता है। सूर्य देव की पूजा से जीवन में सुख, समृद्धि और सफलता का मार्ग प्रशस्त होता है। साथ ही, यह व्रत ग्रहों के दोषों को दूर करने में भी सहायक होता है।
पारण का समय: षट्तिला एकादशी के व्रत के बाद पारण करना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। इस बार पारण का समय रविवार, 26 जनवरी 2025 को सुबह 7:12 बजे से लेकर 9:21 बजे तक है। यह समय अत्यंत शुभ माना जाता है, क्योंकि इस दौरान सूर्य देव का विशेष आशीर्वाद प्राप्त किया जा सकता है।
सूर्य देव की पूजा विधि: रविवार को सूर्य देव की पूजा से कुंडली का सूर्य दोष दूर होता है। पूजा विधि में यह जरूरी है कि प्रात:काल में स्नान के बाद सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाए। तांबे के लोटे में जल भरकर उसमें लाल चंदन, लाल फूल और गुड़ डालें। फिर इस जल को सूर्य देव को अर्पित करें और इस दौरान सूर्य मंत्र का उच्चारण करें। साथ ही, सूर्य पूजा के दौरान लाल या नारंगी रंग के कपड़े पहनने से विशेष लाभ मिलता है। चंदन या केसर से तिलक करें और आदित्य हृदय स्तोत्र या सूर्य चालीसा का पाठ करें। इससे सूर्य देव की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
दान का महत्व: रविवार के दिन दान का भी विशेष महत्व है। इस दिन गुड़, घी, लाल रंग के कपड़े, लाल रंग के फल या फूल, तांबा और सोना आदि का दान करने से सूर्य ग्रह की शक्ति में वृद्धि होती है। यह दान सूर्य के शुभ प्रभाव को बढ़ाता है और जीवन में उच्च पद की प्राप्ति होती है।
पंचांग और शुभ मुहूर्त: आज, 26 जनवरी 2025 को विशेष पंचांग के अनुसार सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 8:26 बजे से लेकर 7:12 बजे तक रहेगा, जो किसी भी शुभ कार्य के लिए सर्वोत्तम समय माना जाता है। साथ ही, दिन के शुभ चौघड़िया मुहूर्तों में लाभ-उन्नति और शुभ-उत्तम समय भी विशेष रूप से लाभकारी है। रविवार के दिन राहुकाल से बचने का भी ध्यान रखें, जो 4:35 बजे से 5:55 बजे तक रहेगा। इसी तरह, अन्य अशुभ समय जैसे यमगंड, गुलिक काल और दुर्मुहूर्त से बचकर अपने कार्यों को संपन्न करें।
षट्तिला एकादशी व्रत का पालन करने से न केवल ग्रह दोष समाप्त होते हैं, बल्कि व्यक्ति के जीवन में सुख, समृद्धि और यश की प्राप्ति भी होती है। इस दिन सूर्य देव की पूजा विधि और दान से जीवन की राह आसान होती है। ध्यान रहे कि व्रत के दौरान पारण समय, पूजा विधि और दान का ध्यान रखें और इसके साथ ही शुभ मुहूर्त और चौघड़िया समय का पालन करके अपने जीवन को उज्जवल बनाएं।