बेगूसराय में बाढ़ का कहर: 12 घंटे में 7 की मौत, प्रशासन पर लापरवाही का आरोप BIHAR: गंगा नदी में 100 KM बहकर बचा शख्स, बेंगलुरु से आने के बाद पटना में लगाई थी छलांग Bihar News: बिहार में पानी में डूबने से दो सगी बहनों की मौत, छोटी सी गलती और चली गई जान Bihar Crime News: बिहार में एक धुर जमीन के लिए हत्या, चचेरे भाई ने लाठी-डंडे से पीट-पीटकर ले ली युवक की जान Bihar Crime News: बिहार में एक धुर जमीन के लिए हत्या, चचेरे भाई ने लाठी-डंडे से पीट-पीटकर ले ली युवक की जान Bihar News: बिहार में दर्दनाक सड़क हादसे में देवर-भाभी की मौत, मायके से लौटने के दौरान तेज रफ्तार वाहन ने रौंदा Bihar News: बिहार में दर्दनाक सड़क हादसे में देवर-भाभी की मौत, मायके से लौटने के दौरान तेज रफ्तार वाहन ने रौंदा Bihar News: पुनौरा धाम को देश के प्रमुख शहरों से जोड़ने की कवायद शुरू, सड़क, रेल और हवाई मार्ग से होगी कनेक्टिविटी Bihar News: पुनौरा धाम को देश के प्रमुख शहरों से जोड़ने की कवायद शुरू, सड़क, रेल और हवाई मार्ग से होगी कनेक्टिविटी Bihar News: बिहार के स्कूल-कॉलजों में खुलेगी डिजिटल लाइब्रेरी, इतने करोड़ खर्च करेगी नीतीश सरकार
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 27 Feb 2025 06:29:57 AM IST
Vijaya Ekadashi 2025: - फ़ोटो Vijaya Ekadashi 2025:
Vijaya Ekadashi 2025: हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व होता है, और उन सभी एकादशियों में विजया एकादशी का स्थान सर्वोच्च माना जाता है। यह व्रत हर वर्ष फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन भगवान नारायण की पूजा और व्रत करने से व्यक्ति के समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं, और उसे जीवन में सुख, समृद्धि एवं सफलता प्राप्त होती है।
विजया एकादशी का महत्व
पद्म पुराण में उल्लिखित कथाओं के अनुसार, विजया एकादशी का व्रत करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। धार्मिक ग्रंथों में उल्लेख मिलता है कि भगवान श्रीराम ने लंका पर आक्रमण करने से पूर्व इस व्रत का पालन किया था, जिससे उन्हें विजय प्राप्त हुई। इसलिए इसे ‘विजया’ एकादशी कहा जाता है।
विजया एकादशी 2024 की तिथि और शुभ मुहूर्त
लखनऊ के ज्योतिषाचार्य डॉ. उमाशंकर मिश्र के अनुसार, विजया एकादशी तिथि इस वर्ष 23 फरवरी को दोपहर 1:55 बजे से शुरू होकर 24 फरवरी तक रहेगी। इस दिन पूजा एवं व्रत के लिए विभिन्न शुभ मुहूर्त उपलब्ध हैं:
ब्रह्म मुहूर्त: प्रातः 05:11 से 06:01 बजे तक
अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:12 से 12:57 बजे तक
विजय मुहूर्त: दोपहर 02:29 से 03:15 बजे तक
गोधूलि मुहूर्त: शाम 06:15 से 07:40 बजे तक
अमृत काल: रात 02:07 से 03:45 बजे तक
विजया एकादशी व्रत और पूजा विधि
विजया एकादशी का व्रत विधिपूर्वक करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है। इस दिन पूजा की विधि निम्नलिखित है:
प्रातःकाल स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें और व्रत का संकल्प लें।
घर के पूजा स्थान में भगवान विष्णु की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
भगवान विष्णु को पीले फूल, तुलसी दल, धूप, दीप, फल और मिष्ठान अर्पित करें।
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करें।
विजया एकादशी की कथा का श्रवण करें या स्वयं पाठ करें।
भगवान विष्णु की आरती करें और प्रसाद का वितरण करें।
यदि संभव हो, तो रात्रि जागरण करते हुए भगवान का स्मरण करें और भजन-कीर्तन करें।
व्रत के नियम और पालन
विजया एकादशी का पूर्ण फल प्राप्त करने के लिए कुछ विशेष नियमों का पालन करना आवश्यक है:
इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करें।
तामसिक भोजन जैसे लहसुन, प्याज और मांसाहार का सेवन न करें।
झूठ, चोरी, हिंसा और क्रोध से दूर रहें।
चावल का सेवन वर्जित माना गया है।
मन में सकारात्मक विचार रखें और भगवान के प्रति पूर्ण श्रद्धा बनाए रखें।
विजया एकादशी व्रत एक पावन अवसर है, जो जीवन में आध्यात्मिक उन्नति, सुख-शांति और विजय प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त करता है। भगवान विष्णु की कृपा से न केवल व्यक्ति के समस्त पापों का नाश होता है, बल्कि उसे हर क्षेत्र में सफलता और समृद्धि भी प्राप्त होती है। इस व्रत का पालन श्रद्धा और भक्ति भाव से करने पर जीवन में आध्यात्मिक और मानसिक शांति की अनुभूति होती है।