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अरवल में हार्ट अटैक से हेडमास्टर की मौत, गांव में शोक की लहर

राहुल कुमार एक समर्पित शिक्षक थे और अपने स्कूल में बच्चों की शिक्षा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता की हमेशा सराहना की जाती थी। नकी असमय मृत्यु की खबर से न सिर्फ गांव में शोक की लहर दौड़ गई, बल्कि पूरे शिक्षक समुदाय को भी गहरा आघात पहुंचा है।

1st Bihar Published by: mritunjay Updated Thu, 22 May 2025 10:10:38 PM IST

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पटना में इलाज के दौरान मौत - फ़ोटो google

ARWAL: बिहार के अरवल जिले के मेहंदिया थाना क्षेत्र अंतर्गत मडै़ला गांव में एक बेहद दुखद घटना ने पूरे इलाके को शोक में डुबो दिया है। मडै़ला गांव निवासी स्वर्गीय बिरजा यादव के पुत्र राहुल कुमार, जो उत्क्रमित मध्य विद्यालय मसुदा में प्रधानाध्यापक के पद पर कार्यरत थे, उनका निधन बुधवार देर रात हार्ट अटैक से हो गया। उनकी असमय मृत्यु की खबर से न सिर्फ गांव में शोक की लहर दौड़ गई, बल्कि पूरे शिक्षक समुदाय को भी गहरा आघात पहुंचा है।


अचानक बिगड़ी तबीयत, पटना में इलाज के दौरान मौत

बताया जाता है कि घटना बुधवार की रात की है जब राहुल कुमार की तबीयत अचानक बिगड़ गई। परिवार के सदस्यों ने बिना समय गंवाए उन्हें इलाज के लिए पटना के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया। जहां डॉक्टरों ने उनकी गंभीर स्थिति को देखते हुए तत्काल इलाज शुरू किया। चिकित्सकों ने हर संभव प्रयास किया, लेकिन उनकी हालत में सुधार नहीं हो सका और इलाज के दौरान ही उनका निधन हो गया। डॉक्टरों ने उनके निधन का कारण हृदयाघात (हार्ट अटैक) बताया।


गांव में पसरा मातम, परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल

राहुल कुमार की मृत्यु की सूचना जैसे ही मडै़ला गांव पहुंची, पूरे गांव में शोक की लहर फैल गई। ग्रामीण स्तब्ध रह गए। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है, और गांव में हर कोई इस असामयिक मौत से दुखी और आहत नजर आ रहा है। गांव के लोगों ने उन्हें एक सभ्य, सौम्य और मिलनसार व्यक्ति के रूप में याद किया।


समर्पित शिक्षक और समाजसेवी के रूप में थी पहचान

राहुल कुमार को एक समर्पित शिक्षक के रूप में जाना जाता था। उनके सहयोगियों और स्कूल के अन्य शिक्षकों ने बताया कि वे न केवल एक योग्य शिक्षक, बल्कि एक नेक दिल इंसान भी थे। बच्चों की शिक्षा को लेकर उनकी प्रतिबद्धता और मेहनत हमेशा सराहनीय रही है। वे समय-समय पर सामाजिक कार्यों में भी बढ़-चढ़कर भाग लेते थे और समाज में एक सकारात्मक भूमिका निभाते थे। उनकी मृत्यु ने उनके विद्यालय, सहकर्मियों और छात्र-समुदाय को एक अपूरणीय क्षति पहुंचाई है। स्कूल के शिक्षकों और कर्मचारियों ने उनके निधन पर गहरी संवेदना व्यक्त की है।