1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 02 Aug 2025 10:10:01 AM IST
प्रतीकात्मक - फ़ोटो Google
Bihar News: बिहार के औरंगाबाद जिले के देवकुंड थाना में शुक्रवार तड़के उस समय हड़कंप मच गया, जब चोरी के आरोप में बंद चार लोग थाना की खिड़की तोड़कर फरार हो गए। फरार होने वालों में 2 नाबालिग भी शामिल थे। इसके बाद पुलिस की कार्रवाई को लेकर भी विवाद खड़ा हो गया है। आरोपियों के परिजनों में कुछ महिलाओं ने पुलिस पर धमकी और बदसलूकी के गंभीर आरोप लगाए हैं। यह मामला स्थानीय लोगों के बीच अब चर्चा का विषय बन गया है।
कैसे हुई फरारी, क्या है पूरा मामला?
पुलिस सूत्रों के अनुसार, चार आरोपियों सोनू कुमार, आदित्य उर्फ रम्भु और दो नाबालिगों को लॉकेट चोरी और उससे जुड़े अपराधों के लिए बुधवार को गिरफ्तार किया गया था। सोनू पर चोरी का आरोप था, जबकि दो नाबालिग उसकी मदद करने और आदित्य पर चोरी का लॉकेट खरीदने का आरोप था। इन सभी को थाना के एक कमरे में बंद कर पूछताछ की जा रही थी। गुरुवार रात को परिजन आरोपियों के लिए खाना लेकर थाना पहुंचे थे, तब सभी आरोपी मौजूद थे। लेकिन शुक्रवार सुबह पता चला कि वे रात में ही खिड़की तोड़कर भाग चुके हैं।
आरोपियों के फरार होने के बाद पुलिस ने उनकी तलाश में छापेमारी शुरू की, लेकिन इस दौरान परिजनों के साथ पुलिस के व्यवहार ने नया विवाद खड़ा कर दिया। आदित्य की पत्नी खुशबू कुमारी ने दावा किया कि पुलिसकर्मियों ने उनके साथ घर आकर गाली-गलौज की और धमकी दी कि अगर उनके पति को नहीं लाया गया तो उन्हें ही जेल भेज दिया जाएगा।
खुशबू ने यह भी कहा कि पुलिस ने उनका मोबाइल फोन जबरन छीन लिया। इसी तरह, सोनू की पत्नी गुलशन देवी ने बताया कि पुलिस ने पहले भी बिना वारंट के उनके घर की तलाशी ली थी और अब पूरे परिवार को डराया-धमकाया जा रहा है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या यह कानून है कि पति की गलती की सजा परिवार को दी जाए?
देवकुंड थानाध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार ने इस घटना के लिए चौकीदार सुरेश यादव की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि आरोपियों की निगरानी की जिम्मेदारी चौकीदार को दी गई थी, लेकिन उनकी चूक के कारण यह घटना हुई। थानाध्यक्ष ने आश्वासन दिया कि सभी फरार आरोपियों की तलाश के लिए पुलिस टीमें सक्रिय हैं और उन्हें जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा। हालांकि, महिलाओं के आरोपों पर पुलिस ने अभी कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है।