1st Bihar Published by: HARERAM DAS Updated Sat, 20 Sep 2025 09:31:32 PM IST
JDU नेताओं में खासा आक्रोश - फ़ोटो सोशल मीडिया
BEGUSARAI: बेगूसराय के तेघड़ा विधानसभा क्षेत्र में जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने एनडीए कार्यकर्ता सम्मेलन का आयोजन किया जो विवादों में घिर गया। किसी नेता को बैठने के लिए कुर्सी नहीं दी गयी तो किसी को मंच से बोलने का मौका नहीं दिया गया। इसी बात को लेकर नाराजगी देखी गई। जिन्हें कुर्सी नहीं दी गयी वो गुस्सा होकर जमीन पर ही बैठ गये और जिन महिलाओँ को मंच पर बोलने का मौका नहीं दिया गया वो गुस्सा होकर जेडीयू जिला अध्यक्ष रूदल राय पर निशाना साधने लगी।
बेगूसराय जिला अंतर्गत तेघड़ा विधानसभा क्षेत्र के एपीएसएम कॉलेज में शनिवार को एनडीए का सम्मेलन आयोजित किया गया। इस दौरान जदयू के पूर्व एमएलसी एवं वर्तमान प्रदेश महासचिव भूमिपाल राय का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में दिख रहा है कि सम्मेलन के दौरान उन्हें मंच पर न तो वक्ता के रूप में बुलाया गया और न ही बैठने के लिए कुर्सी दी गई। ऐसे में वे 100 से अधिक समर्थकों के साथ मंच के आगे नीचे ही बैठ गए। इस दृश्य को लोगों ने कैमरे में कैद कर सोशल मीडिया पर साझा कर दिया।
सूत्रों के मुताबिक, जदयू जिलाध्यक्ष पर इस पूरे मामले को लेकर सवाल उठ रहे हैं। कुछ समर्थकों का आरोप है कि जिला अध्यक्ष खुद को तेघड़ा विधानसभा से संभावित प्रत्याशी के रूप में स्थापित करना चाहते हैं, इसी कारण भूमिपाल राय की उपेक्षा की गई। वायरल वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि भूमिपाल राय अपने समर्थकों को भी अपने साथ नीचे बैठने के लिए बुला रहे हैं और गुस्से में अपनी नाराज़गी जाहिर कर रहे हैं। हालांकि, बातचीत में उन्होंने साफ कहा कि यह एनडीए का सम्मेलन था। नीतीश कुमार ही मेरे सीएम फेस हैं और 2025 में फिर से उनके संकल्प को लेकर हम एनडीए के साथ हैं।”इस संबंध में जदयू जिलाध्यक्ष रुदल राय ने किसी भी प्रकार की गुटबाजी या विवाद से इनकार किया। उन्होंने कहा कि “ऐसी कोई बात नहीं है, सब कुछ ठीक है।
वही एनडीए कार्यकर्ता सम्मेलन के दौरान मंच पर बैठी महिला नेत्रियों को जब बोलने का मौका नहीं दिया गया तब वो आक्रोशित हो गयी। महिला नेताओं ने सम्मेलन के बाद अपनी नाराजगी जताई। गुस्साई महिला नेत्रियों ने मंच संचालन कर रहे जदयू जिला अध्यक्ष रुदल राय पर सीधे तौर पर निशाना साधा और कहा कि “मुख्यमंत्री की भावनाओं को पार्टी के भीतर तवज्जो नहीं दिया जा रहा है। जिसका खामियाजा चुनाव में भुगतना पड़ेगा। इस विरोध में भाजपा और जदयू दोनों दलों की महिला नेत्रियां शामिल थीं।