आपदा में फोटो खिंचाने का अवसर: बाढ़ पीड़ितों के दुःख से दुःखी नहीं...तस्वीर खिंचवाने/छपवाने का मौका मिलने से खुश हैं जेडीयू नेता ! DM से मिलने के दौरान खिलखिला कर हंसते रहे 'छोटू सिंह'..तस्वीरें दे रहीं गवाही

जेडीयू नेता छोटू सिंह आपदा को अवसर में बदलते दिखे. भोजपुर के बड़हरा में बाढ़ पीड़ितों से मिलने पहुंचे नेता जी जिलाधिकारी संग हंसते हुए फोटो खिंचवाते नजर आए. इससे साफ है कि उन्हें बाढ़ पीड़ितों के दर्द से ज्यादा अपनी राजनीति चमकाने की चिंता है.

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 26 Aug 2025 03:07:15 PM IST

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Bihar News: कुछ ऐसे नेता होते हैं जो आपदा में भी अवसर तलाशते हैं. उन्हें पीड़ित जनता के दुख-दर्द से वास्ता नहीं होता, उन्हें तो सिर्फ लाभ चाहिए, राजनीति चमक जाय इसकी चिंता होती है. जेडीयू में एक ऐसे ही नेता हैं. कहने को बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए जा रहे, पर हकीकत यही है कि वे फोटो खिंचाने का एक भी मौका हाथ से निकलने देना नहीं चाहते. फोटो पीड़ितों की मदद के लिए खिंंचवा रहे, उसमें भी उल्लास दिखा रहे. खिलखिलाकर हंसते हुए फोटो खिंचवा रहे, फिर से उसे अखबारों में छपवा रहे. यानि नेताजी को बाढ़ पीड़ितों के दुःख से वास्ता नहीं, बल्कि उन्हें जिलाधिकारी से मिलकर हंसते हुए फोटो खिंचवाने में दिलचस्पी है.  

आपदा बना अवसर...

नीतीश सरकार ने हाल ही में राज्य नागरिक परिषद का गठन किया है. इस परिषद में सात महासचिव नियुक्त हुए हैं. महासचिव की लिस्ट में सातवें नंबर पर जेडीयू के नेता छोटू सिंह का भी नाम है. यानि राज्य नागरिक परिषद के सात महासचिव में सातवें नंबर वाले जेनरल सेक्रेट्री छोटू सिंह हैं. ये इन दिनों विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटे हैं. विधानसभा सीट का चयन किया है भोजपुर का बड़हरा. यह वो सीट है जो भाजपा की सीटिंग है. यहां से बीजेपी के राघवेंद्र प्रताप सिंह विधायक हैं. इन दिनों बिहार के कई इलाकों में बाढ़ के हालात हैं. भोजपुर का बड़हरा समेत अन्य इलाके बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. जेडीयू नेता छोटू सिंह ने इस आपदा को अवसर के रूप में लिया है. 

हंसते हुए तस्वीर खिंचवाना,बाढ़ पीड़तों के घाव पर नमक छिड़कने जैसा 

जेडीयू नेता छोटू सिंह खुद को बड़हरा के बाढ़ पीड़ितों के दुःख से दुःखी बता रहे. एक दिन पहले उन्होंने कुछ लोगों के साथ भोजपुर के जिलाधिकारी से मुलाकात की. मुलाकात की जो तस्वीर आई है वो बाढ़ पीड़ितों के घाव पर नमक छिड़कने जैसी है. जेडीयू नेता बाढ़ पीड़ितों के दर्द को साझा करने जिलाधिकारी के यहां गए थे, पर वे वहां हंसते हुए फोटो खिंंचवाते दिखे. डीएम से मिल ज्ञापन देकर वे प्रसन्नता की अनुभूति कर रहे थे. तस्वीर देखकर ऐसा लग रहा जैसे..उन्हें परम सुख की प्राप्ति हुई हो. जिलाधिकारी के समक्ष हंसते हुए तस्वीर खिंचवाकर अगले दिन उन्होंने अखबारों व अन्य माध्यमों से खबर भी छपवाई. जबकि उस तस्वीर में खुद जिलाधिकारी काफी गंभीर दिख रहे थे, बाढ़ पीड़ितों के दुःख से दुःखी दिख रहे थे. जबकि खुद को बड़हरा के संभावित प्रत्याशी बताने वाले जेडीयू नेता बाढ़ पीड़ितों के दुःख में हंसी वाली तस्वीर छपवाकर यह साबित कर दिया कि उन्हें इस बात की खुशी है कि जिलाधिकारी से मिलते हुई तस्वीर अखबारों में छप रही.