ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar News: बिहार चुनाव से पहले शिवहर में भारी मात्रा में कैश बरामद, वाहन जांच के दौरान 62.80 लाख रुपये जब्त Bihar News: बिहार चुनाव से पहले शिवहर में भारी मात्रा में कैश बरामद, वाहन जांच के दौरान 62.80 लाख रुपये जब्त Bihar News: ट्रेन की एसी बोगी में बेटिकट यात्रा और TTE से रंगबाजी कर बुरी फंसी बिहार की यह महिला शिक्षक, आरपीएफ ने दर्ज किया केस Bihar News: ट्रेन की एसी बोगी में बेटिकट यात्रा और TTE से रंगबाजी कर बुरी फंसी बिहार की यह महिला शिक्षक, आरपीएफ ने दर्ज किया केस बिहार में भीषण सड़क हादसा: ट्रैक्टर और पिकअप वैन की सीधी टक्कर में चार लोगों की मौत, कई घायल Bihar Crime News: बिहार में अपराधियों का तांडव, उधार में सिगरेट नहीं देने पर दुकानदार को गोलियों से भूना Bihar Crime News: बिहार में अपराधियों का तांडव, उधार में सिगरेट नहीं देने पर दुकानदार को गोलियों से भूना Bihar News: बिहार में होमगार्ड प्रशिक्षण केन्द्र में डेढ़ दर्जन से अधिक महिला जवानों की तबीयत बिगड़ी, ट्रेनिंग सेंटर में मची अफरातफरी Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर एक्शन में चुनाव आयोग, व्यापक निगरानी और जांच अभियान में हर दिन मिल रही सफलता Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर एक्शन में चुनाव आयोग, व्यापक निगरानी और जांच अभियान में हर दिन मिल रही सफलता

BIHAR: ट्रेन हादसे में पैर गंवाने वाले शिवम को मिला नया जीवन, समाजसेवी अजय सिंह ने दिलाया कृत्रिम पैर और नौकरी

भोजपुर के शिवम पांडे, जिन्होंने ट्रेन दुर्घटना में पैर गंवा दिया था, अब समाजसेवी अजय सिंह की मदद से फिर से चलने लगे हैं। दिल्ली में इलाज के बाद उन्हें कृत्रिम पैर मिला और अब एथनॉल प्लांट में नौकरी भी मिली।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 11 Jul 2025 09:34:22 PM IST

Bihar

मदद के सामने आएं अजय सिंह - फ़ोटो SOCIAL MEDIA

BHOJPUR: ज़िंदगी जब सबसे मुश्किल मोड़ पर हो, तब अगर कोई हाथ थाम ले तो उम्मीद फिर से लौट आती है। ग्राम रामशहर के 17 वर्षीय शिवम पांडे, जो कुछ सप्ताह पूर्व ट्रेन दुर्घटना में अपना एक पैर गंवा चुके थे, अब फिर से बिना डंडे के अपने पैरों पर खड़े हो चुके हैं। यह संभव हो सका है समाजसेवी और उद्योगपति अजय सिंह की मानवीय पहल से।


शिवम के पिता का निधन बचपन में हो गया था। माँ ने कठिन परिस्थितियों में उन्हें पाला। शिवम ही घर का सहारा थे, लेकिन ट्रेन हादसे के बाद परिवार टूटने की कगार पर था। ऐसे में समाजसेवी अजय सिंह ने उन्हें संबल दिया। शिवम जब डंडे के सहारे उनके बखोरापुर स्थित आवास पहुँचे, तो अजय सिंह ने तुरंत कृत्रिम पैर लगवाने का निर्णय लिया। उन्होंने दिल्ली के लिए टिकट, इलाज और रहने की पूरी व्यवस्था कराई। दिल्ली स्थित भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति में शिवम को उच्च गुणवत्ता वाला कृत्रिम पैर लगाया गया। आज वह बिना किसी सहारे के चल सकते हैं। उनकी माँ की आँखों से छलकते आँसू सब कुछ बयां कर गए।


शिवम और उनकी माँ को दिल्ली में अजय सिंह के गेस्ट हाउस में ठहराया गया। इलाज की पूरी निगरानी मैनेजर श्री राकेश कुमार ने की। साथ ही, अजय सिंह ने शिवम को अपने एथनॉल प्लांट में पुजारी की नौकरी भी देने की घोषणा की।अजय सिंह की इस पहल ने न सिर्फ एक युवक को नया जीवन दिया, बल्कि समाज में एक सकारात्मक संदेश भी दिया कि आज भी सेवा और संवेदनशीलता जीवित है। उनका यह कदम ‘एक व्यक्ति, एक परिवर्तन’ की जीती-जागती मिसाल है।


ग्राम रामशहर (बड़हरा) के 17 वर्षीय शिवम पांडे, जिनका कुछ सप्ताह पूर्व एक ट्रेन दुर्घटना में पैर कट गया था, अब एक बार फिर से अपने पैरों पर खड़े हो गए हैं। वह भी बिना डंडे के सहारे। शिवम, जिनके पिता का बचपन में ही निधन हो गया था, अपने परिवार के सबसे बड़े सहारा थे। माँ ने अत्यंत कठिन परिस्थितियों में उन्हें पाला-पोसा। हादसे के बाद परिवार की आशाएँ टूटने लगी थीं, लेकिन समाजसेवी व उद्योगपति श्री अजय सिंह ने शिवम की ज़िंदगी को नई दिशा दी।


30 जून को, जब शिवम अपने एक मित्र के साथ स्कूटी से अजय सिंह के बखोरापुर स्थित आवास पहुँचे, तब वे डंडे के सहारे चल रहे थे। यह दृश्य देखकर अजय सिंह भावुक हो उठे और उन्होंने तुरंत कृत्रिम पैर (आर्टिफिशियल लिम्ब) लगवाने का निर्णय लिया। उन्होंने शिवम की माँ से बात की, दोनों के लिए दिल्ली का रेल टिकट करवाया और दिल्ली स्थित “भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति” में इलाज का प्रबंध किया। वहाँ अजय सिंह के मैनेजर श्री राकेश कुमार ने सारी व्यवस्था देखी। शिवम को एक उच्च गुणवत्ता वाला नया कृत्रिम पैर लगाया गया। आज शिवम बिना सहारे के चल पा रहे हैं। 


यह दृश्य देखकर उनकी माँ की आँखों से आँसू बह निकले आँसू पीड़ा के नहीं, बल्कि खुशी और आभार के थे।दिल्ली में इलाज के दौरान शिवम और उनकी माँ अजय सिंह के गेस्ट हाउस में रुके। अजय सिंह ने एक और मानवीय पहल करते हुए घोषणा की है कि शिवम को उनके एथनॉल प्लांट में पुजारी की नौकरी दी जाएगी, जहाँ वे अपने ज्ञान और विश्वास का उपयोग कर आत्मनिर्भर बन सकें। अब शिवम न केवल चल पा रहे हैं, बल्कि एक नई शुरुआत के साथ जीवन को फिर से जीने का हौसला भी पा चुके हैं। अजय सिंह का यह कदम समाज के लिए प्रेरणा है – जहाँ संवेदनशीलता, सहानुभूति और सेवा का भाव आज भी जीवित है।