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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 26 May 2025 09:53:52 AM IST
प्रतीकात्मक - फ़ोटो
Orchestra Ban: बिहार के गोपालगंज जिले में 23 मई 2025 की रात एक शादी समारोह में दूल्हे के अपहरण की सनसनीखेज घटना ने प्रशासन को बड़ा कदम उठाने पर मजबूर कर दिया है। इस घटना के बाद जिला प्रशासन ने तत्काल प्रभाव से जिले भर में ऑर्केस्ट्रा कार्यक्रमों पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। साथ ही, बंगाल, ओडिशा, और अन्य राज्यों से आई महिला डांसरों को 24 घंटे के भीतर जिला छोड़ने का आदेश जारी किया गया है। यह फैसला अश्लीलता, हर्ष फायरिंग, और हथियारों के प्रदर्शन जैसी आपराधिक गतिविधियों को रोकने के लिए लिया गया, जो ऑर्केस्ट्रा की आड़ में सामने आ रही थीं।
दूल्हे की अपहरण की घटना ने गोपालगंज में उस वक्त हड़कंप मचा दिया था, जब ऑर्केस्ट्रा में शामिल कुछ युवकों ने शादी के मंडप से दूल्हे का अपहरण कर लिया। इसने न केवल सामाजिक माहौल को बिगाड़ा, बल्कि प्रशासन पर सख्ती बरतने का दबाव बढ़ाया। एसपी अवधेश दीक्षित के निर्देश पर सभी थानों में ऑर्केस्ट्रा संचालकों की बैठक बुलाई गई, जिसमें साफ कर दिया गया कि शादी या किसी भी सार्वजनिक आयोजन में ऑर्केस्ट्रा की अनुमति नहीं होगी।
प्रशासन ने पाया कि ऐसे कार्यक्रमों में अक्सर अश्लील नृत्य, गैरकानूनी हथियारों का प्रदर्शन, और विवाद होने की घटनाएं बढ़ रही थीं, जो कानून-व्यवस्था के लिए खतरा बन रही थीं। साथ ही प्रशासन ने ऑर्केस्ट्रा संचालकों से एक बॉन्ड भरवाया, जिसमें उन्होंने शांति बनाए रखने और आपत्तिजनक गतिविधियों से दूर रहने का वचन दिया।
इसके अलावा, बाहर से आई सभी महिला डांसरों को तत्काल अपने गृह राज्यों में लौटने का आदेश दिया गया। एसपी ने कहा कि जब तक अपहरण और अन्य आपराधिक गतिविधियों की जांच पूरी नहीं हो जाती, तब तक डांसरों को जिले में रहने की इजाजत नहीं होगी। पुलिस इस मामले में शामिल लोगों की तलाश में छापेमारी कर रही है, और जांच के बाद दोषियों पर कड़ी कार्रवाई का भरोसा दिलाया गया है।
इस फैसले से महिला डांसरों और ऑर्केस्ट्रा संचालकों में निराशा है। संचालक अनु मिश्रा ने कहा कि उनकी कला ही उनके परिवार की आजीविका का साधन है, और उन्हें अपराधी की तरह देखना अपमानजनक है। डांसर रानी कुमारी ने बताया कि इस प्रतिबंध से उनके बच्चों की पढ़ाई और घरेलू खर्च पर बुरा असर पड़ेगा। रोमा चटर्जी ने तर्क दिया है कि जांच पूरी होने तक सभी को दोषी मानना गलत है। हालांकि, एसपी अवधेश दीक्षित ने स्पष्ट किया कि प्रशासन कला या रोजगार के खिलाफ नहीं है, लेकिन कानून-व्यवस्था को प्राथमिकता देना जरूरी है। जांच पूरी होने के बाद ही इस पर कोई नरमी पर विचार किया जाएगा।