शिवहर में शादी की खुशियां पलभर में मातम में बदली, गैस सिलेंडर ब्लास्ट से पंडाल समेत लाखों की संपत्ति जलकर राख Bihar: शादी में नर्तकियों के बीच हर्ष फायरिंग करना पड़ गया महंगा, वीडियो वायरल होते ही पुलिस ने युवक को दबोचा वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी ने किया एलान, हमारी आगे की लड़ाई ‘गिनती के बाद हिस्सेदारी’ की जाकिर बन गया जगदीश: 8 मुसलमानों ने हिन्दू धर्म को अपनाया, हवन और वैदिक मंत्रोच्चारण से हुआ शुद्धिकरण HAJIPUR: जननायक एक्सप्रेस से 8 किलो अफीम बरामद, महिला समेत दो तस्कर गिरफ्तार ISM में वेदांता इंटरनेशनल और ICICI बैंक के कैंपस प्लेसमेंट ड्राइव 2025 का आयोजन, कई छात्र-छात्राओं का हुआ चयन Indian Air Force: एक्सप्रेसवे पर वायुसेना दिखाएगी ताकत, राफेल-जगुआर और मिराज जैसे फाइटर जेट करेंगे लैंड; जानिए.. Indian Air Force: एक्सप्रेसवे पर वायुसेना दिखाएगी ताकत, राफेल-जगुआर और मिराज जैसे फाइटर जेट करेंगे लैंड; जानिए.. वक्फ बोर्ड बिल के विरोध में मुंगेर में शरारती तत्वों ने चलाया बत्ती गुल अभियान, डॉक्टर ने लाइट्स बंद नहीं किया तो जान से मारने की दी धमकी Bihar News: वज्रपात की चपेट में आने से दो लोगों की दर्दनाक मौत, बारिश के दौरान हुआ हादसा
1st Bihar Published by: KHUSHBOO GUPTA Updated Thu, 23 Jan 2025 12:36:13 PM IST
पानी में तैरने वाला घर - फ़ोटो google
Jamui News: बिहार के जमुई में एक ऐसा घर है जो पानी में तैरता है। जी हां बिहार के इंजीनियर ने गजब का जुगाड़ू तंत्र लगाते हुए पानी में तैरने वाला घर बना दिया है। प्लास्टिक के ड्रम और लोहे की पाइप से इंजीनियर ने इस तैरने वाले घर को बनाया है। तैरने वाले घर को देखने के लिए लोगों की भारी भीड़ जुट रही है।
दरअसल जमुई जिला मुख्यालय के रहने वाले श्रीकांत विश्वकर्मा ने इस घर को बनाया है और फिलहाल इसे जमुई जिले के बरहट प्रखंड क्षेत्र की अति प्रसिद्ध कुकुरझप डैम में लगाया गया है। इस घर की सबसे खास बात यह है कि ये पानी में एक जगह से दूसरी जगह तैरती है और इसे आसानी से यहां से वहां ले जाया जा सकता है। इस घर को बनाने के लिए लोहे के स्क्वायर पाइप का इस्तेमाल किया गया है, जिसके सहारे इस पूरे घर का फ्रेम बनाया गया है।
श्रीकांत विश्वकर्मा ने बताया कि घर के नीचे प्लास्टिक के ड्रम लगे हैं, जिसे अच्छी तरह से सील करके घर का बेस तैयार किया गया है और उन्हीं ड्रम के सहारे यह घर पानी में तैरता रहता है और यह कभी डूबता भी नहीं है। घर के ढांचे के लिए टीन के शेड का इस्तेमाल किया गया है। इस घर को बनाने में दो से तीन दिनों का समय लगा है। दरअसल इस घर का इस्तेमाल ऐसे तो मछली पालन के लिए किया गया है, लेकिन आप यहां पहुंचकर इसमें बैठ भी सकते हैं और घूमने का भी मजा उठा सकते हैं।