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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 06 Aug 2025 02:28:08 PM IST
खगड़िया में गंगा और बूढ़ी गंडक नदियां खतरे के निशान से ऊपर - फ़ोटो रिपोर्टर
Bihar News: बिहार के खगड़िया जिले में गंगा और बूढ़ी गंडक नदियां उफान पर हैं और दोनों खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। यहाँ गंगा 1.31 मीटर और बूढ़ी गंडक 0.81 मीटर ऊपर बह रही है, जिसके कारण जिले की एक दर्जन पंचायतों के निचले इलाकों में बाढ़ का पानी घुस गया है।
सदर प्रखंड की रहीमपुर दक्षिणी पंचायत के मथार, बरखंडी टोला, जंगली टोला सहित कई वार्डों में बाढ़ का पानी काफी तेजी से फैल रहा है। खेतों में लगी खरीफ फसल जलमग्न हो गई है, जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है। बाढ़ के कारण आवागमन बुरी तरह प्रभावित हुआ है और लोग चार से पांच फीट गहरे पानी से होकर गुजरने को मजबूर हैं। प्रभावित परिवार अपने पशुओं को लेकर ऊंचे स्थानों पर शरण ले रहे हैं।
जिला प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित पंचायतों में राहत के लिए 18 नावों की व्यवस्था की है। जिला जनसंपर्क कार्यालय के प्रभारी डीपीआरओ ने बताया है कि नावों के माध्यम से लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अभी ज्यादा आबादी वाले क्षेत्रों में पानी नहीं घुसा है और प्रशासन स्थिति पर लगातार पैनी नजर रखे हुए है।
हालाँकि, यह हाल केवल खगड़िया का ही नहीं बल्कि बिहार के कई अन्य जिलों का भी है, पश्चिम चंपारण के योगापट्टी प्रखंड में तस्वीरें और भी डराने वाली हैं, जहां गंडक नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है और अब कटाव ने भी रौद्र रूप धारण कर लिया है। यहाँ सिसवा मंगलपुर गांव से नदी अब सिर्फ 20 मीटर की दूरी पर ही रह गई है। गांव के लोग डरे हुए हैं, सहमे हुए हैं… क्योंकि गंडक कभी भी गांव को निगल सकती है। ग्रामीणों का आरोप है कि जल संसाधन विभाग को बार-बार जानकारी देने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।
एक महीने पहले जियो बैग से बना अस्थाई बांध टूट गया था… लेकिन विभाग के अफसर सिर्फ खानापूर्ति करके चले गए। अब गांव वाले सरकार से गुहार लगा रहे हैं की जल्द कटावरोधी कार्य शुरू किए जाएं वरना सिसवा मंगलपुर का नाम सिर्फ नक्शे में रह जाएगा, जमीन पर नहीं।
बिहार के तमाम ऐसे बाढ़ पीड़ित ग्रामीणों ने प्रशासन से तत्काल राहत कार्य तेज करने और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में वैकल्पिक व्यवस्थाओं की मांग की है। बाढ़ से प्रभावित लोग और किसान अपनी आजीविका और फसलों के नुकसान को लेकर बेहद चिंतित हैं।
रिपोर्टर: अनिश कुमार