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Bihar News: वेतन बिल में लापरवाही पड़ी भारी, 14 ब्लॉक अधिकारियों की सैलरी पर लगी रोक

Bihar News: सरकारी स्कूलों के शिक्षकों का वेतन समय पर जमा न कराने वाले प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों की लापरवाही अब गंभीर संकट का रूप ले रही है।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 29 Jul 2025 10:48:12 AM IST

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बिहार न्यूज - फ़ोटो GOOGLE

Bihar News: सरकारी स्कूलों के शिक्षकों का वेतन समय पर जमा न कराने वाले प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों की लापरवाही अब गंभीर संकट का रूप ले रही है। जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना इंद्र कुमार कर्ण ने साफ किया है कि प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों को शिक्षकों के वेतन बिल समय पर जमा न करने पर 24 घंटे के भीतर जवाब देना अनिवार्य है। 


जानकारी के मुताबिक, छह महीने के भीतर पांच बार चेतावनी के बावजूद अधिकांश प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी बिल जमा नहीं कर रहे हैं, जिससे शिक्षकों का वेतन भुगतान बाधित हो गया है। इस विषय पर अपर मुख्य सचिव कई बार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए वेतन भुगतान समय पर करने के निर्देश दे चुके हैं, लेकिन प्रखंड स्तर पर यह लापरवाही जारी है।


जिला कार्यक्रम पदाधिकारी ने कहा कि मुशहरी और मोतीपुर प्रखंड के बिल समय पर प्राप्त हो गए हैं, लेकिन अन्य प्रखंडों की गंभीर अनदेखी ने शिक्षक हितों के साथ खिलवाड़ किया है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह स्थिति उच्च अधिकारियों के आदेशों की अवहेलना, मनमानी और शिक्षक हितों के प्रति उदासीनता को दर्शाती है। इसी कारण से मुशहरी और मोतीपुर को छोड़कर अन्य सभी प्रखंडों का वेतन भुगतान रोकने का आदेश जारी कर दिया गया है। जवाब न मिलने पर कड़ी कार्रवाई भी की जाएगी।


वहीं, परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ के तिरहुत प्रमंडल प्रभारी लखन लाल निषाद ने इस मुद्दे पर कहा कि केवल वेतन रोकने से समस्या का समाधान नहीं होगा। उनका मानना है कि वेतन वृद्धि पर रोक लगने तक प्रखंड अधिकारी अपनी लापरवाही नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने प्रशासन से अपील की है कि वेतन भुगतान में देरी के कारण शिक्षकों को किसी भी तरह की परेशानी न हो और इस समस्या का स्थायी समाधान निकाला जाए।


इस मामले ने शिक्षा विभाग में समुचित अनुशासन और जवाबदेही की आवश्यकता को उजागर किया है। शिक्षकों के वेतन भुगतान में देरी न केवल उनके जीवनयापन को प्रभावित करती है, बल्कि शिक्षा की गुणवत्ता पर भी नकारात्मक प्रभाव डालती है। अब प्रशासन के सामने चुनौती यह है कि वे जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान करें और प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों की जिम्मेदारी तय कर शिक्षक समुदाय का विश्वास बहाल करें।