Bihar News: बिहार में नेपाल जैसी हिंसा भड़काने की साजिश नाकाम, करिश्मा अजीम गिरफ्तार

Bihar News: बिहार विधानसभा चुनाव और रिजल्ट प्रक्रिया पूरी होने के बाद राज्य में दंगा भड़काने की एक गंभीर साजिश सामने आई है। मुजफ्फरपुर पुलिस ने इस मामले में करिश्मा अजीम नामक एक युवती को हिरासत में लिया है।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 19 Nov 2025 01:24:37 PM IST

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बिहार न्यूज - फ़ोटो GOOGLE

Bihar News: बिहार विधानसभा चुनाव और रिजल्ट प्रक्रिया पूरी होने के बाद राज्य में दंगा भड़काने की एक गंभीर साजिश सामने आई है। मुजफ्फरपुर पुलिस ने इस मामले में करिश्मा अजीम नामक एक युवती को हिरासत में लिया है और उससे विस्तार से पूछताछ की जा रही है। उसके सोशल मीडिया अकाउंट को तुरंत ब्लॉक कर दिया गया है। 


प्रारंभिक जांच में यह पता चला है कि करिश्मा अजीम ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर आपत्तिजनक पोस्ट किया था, जिसमें युवाओं को भड़काने और हिंसा फैलाने की प्रवृत्ति देखी गई। पुलिस का मानना है कि इस पोस्ट के माध्यम से नेपाल में हुए GenZ Protest जैसी हिंसा को बिहार में दोहराने की कोशिश की गई थी।


दरअसल, थाने में दर्ज FIR में करिश्मा अजीम को मुख्य आरोपी बताया गया है। पुलिस के मुताबिक, 16 नवंबर की शाम मुजफ्फरपुर जिले से सूचना मिली कि उसने अपने X हैंडल पर आपत्तिजनक पोस्ट किया था। पोस्ट में यह दावा किया गया कि बिहार चुनाव के परिणाम आने के बाद सड़कों पर युवा प्रदर्शन कर रहे हैं और स्थिति तनावपूर्ण है। हालांकि, पुलिस ने स्पष्ट किया कि राज्य में वोटों की गिनती के बाद कहीं से भी वास्तविक विरोध-प्रदर्शन या हिंसा की सूचना नहीं मिली। इस प्रकार पोस्ट पूरी तरह फर्जी और भड़काऊ थी।


साइबर सेल की टीम ने बताया कि करिश्मा अजीम द्वारा किया गया यह पोस्ट जानबूझकर दंगा भड़काने के इरादे से किया गया। उन्होंने पोस्ट में भीड़ और हिंसा को बढ़ावा देने वाली भाषा का इस्तेमाल किया, जिससे राज्य की कानून व्यवस्था खतरे में पड़ सकती थी। इसके साथ ही, पुलिस ने कहा कि सोशल मीडिया के माध्यम से फैलाए जाने वाले ऐसे अफवाह और भड़काऊ संदेशों को नियंत्रित करना अब प्राथमिकता बन गया है।


पुलिस का कहना है कि इस मामले में पूरी सावधानी बरती जा रही है और आरोपी से पूछताछ जारी है। जांच में यह पता लगाया जा रहा है कि पोस्ट के पीछे कौन-कौन से लोग शामिल थे, और क्या इसके जरिए किसी अन्य राजनीतिक या सामाजिक उद्देश्य की साजिश रची गई थी। इसके साथ ही पुलिस ने जनता से अपील की है कि वे सोशल मीडिया पर किसी भी फर्जी या भड़काऊ सूचना को साझा न करें।


हालांकि, इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर फर्जी पोस्ट और अफवाह फैलाने वाले तत्व राज्य में अशांति पैदा करने के लिए सक्रिय हैं। पुलिस ने इस केस को गंभीरता से लेते हुए पूरे राज्य में सोशल मीडिया निगरानी बढ़ा दी है और साइबर सिक्योरिटी टीम को अलर्ट कर दिया है। इस कदम से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि भविष्य में ऐसे मामलों को रोका जा सके और कानून व्यवस्था सुरक्षित बनी रहे। बिहार में चुनावी प्रक्रिया शांतिपूर्ण रही, लेकिन सोशल मीडिया पर अफवाहें फैलाकर राज्य की सुरक्षा को चुनौती देने की कोशिश की गई। पुलिस की त्वरित कार्रवाई और सावधानी ने समय रहते स्थिति को नियंत्रण में रखा।