बिहार विश्वविद्यालय में छात्र से बदसलूकी का मामला पहुंचा मानवाधिकार आयोग, परीक्षा नियंत्रक पर गंभीर आरोप

बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय में छात्र से बदसलूकी और पिटाई का मामला अब राष्ट्रीय व राज्य मानवाधिकार आयोग तक पहुँच गया है। परीक्षा में विलम्ब को लेकर यह विवाद खड़ा हुआ।

1st Bihar Published by: MANOJ KUMAR Updated Wed, 24 Sep 2025 07:51:11 PM IST

बिहार

बदसलुकी का वीडियो वायरल - फ़ोटो सोशल मीडिया

MUZAFFARPUR: मुजफ्फरपुर :- बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर बिहार विश्वविद्यालय द्वारा पीजी फोर्थ सेमेस्टर की परीक्षा में विलम्ब का कारण पूछने पर परीक्षा नियंत्रक द्वारा छात्र मुकेश शर्मा का कॉलर पकड़ने और उसके साथ बदसलुकी का मामला अब तूल पकड़ लिया है। अब यह मामला राष्ट्रीय और राज्य मानवाधिकार आयोग के समक्ष पहुँच चुका है। 


बताते चले कि मानवाधिकार मामलों के अधिवक्ता एस.के.झा ने पूरे मामले को लेकर राष्ट्रीय और राज्य मानवाधिकार आयोग में दो अलग-अलग याचिका दायर की है। पूरा मामला यह है कि बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर बिहार विश्वविद्यालय द्वारा पीजी फोर्थ सेमेस्टर (सत्र 2023-25) की परीक्षा में विलम्ब के कारण सैकड़ों छात्र एसटीईटी परीक्षा देने से वंचित रह गये, जिससे उनका भविष्य संकट में पड़ गया है। यह परीक्षा जुलाई माह में ही हो जानी चाहिए थी, लेकिन परीक्षा नियंत्रक व विश्वविद्यालय प्रशासन की लापरवाही के कारण सितम्बर माह की समाप्ति तक भी परीक्षा नहीं हो सकी। 


वहीं सवाल करने पर खेद जताने के बजाये छात्रों के साथ बदसलुकी की जा रही है। परीक्षा में विलम्ब का कारण पूछने जब छात्रगण परीक्षा विभाग पहुँचे तो सवाल पूछने पर परीक्षा नियंत्रक भड़क गये और बेतिया से आए छात्र मुकेश शर्मा का कॉलर पकड़ लिया और उसके साथ बदसलुकी भी की गई। इस सम्बन्ध में एक वीडियो भी वायरल हो रहा है, जिसमें परीक्षा नियंत्रक, छात्र मुकेश शर्मा का कॉलर पकड़ते हुए दिखाई पड़ रहे हैं। 


वहीं छात्र मुकेश शर्मा ने यह आरोप लगाया है कि विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन में उनकी पिटाई भी की गई  और परीक्षा नियंत्रक ने उनका गला दबाने का भी प्रयास किया। वहीं मामले के सम्बन्ध में मानवाधिकार अधिवक्ता एस.के.झा ने कहा कि यह मामला काफी गंभीर है, विश्वविद्यालय प्रशासन की लापरवाही का परिणाम है कि विश्वविद्यालय में दिन-प्रतिदिन शैक्षणिक माहौल का ह्रास हो रहा है। वायरल वीडियो में परीक्षा नियंत्रक का व्यवहार काफी निंदनीय है।