Bihar News: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने बिहार के DM और SSP से क्यों मांगा जवाब? जानिए.. पूरा मामला

Bihar News: रामपुर मनी गांव में भीषण अगलगी में चार मासूमों की मौत के मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने मुजफ्फरपुर के डीएम और एसएसपी से चार सप्ताह में रिपोर्ट तलब की है। मुआवजा और राहत कार्यों पर भी रिपोर्ट मांगी गई है।

1st Bihar Published by: FIRST BIHAR Updated Thu, 25 Sep 2025 11:38:38 AM IST

Bihar News

- फ़ोटो Google

Bihar News: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के सकरा प्रखंड स्थित रामपुर मनी गांव में हुई भीषण अगलगी की घटना को गंभीरता से लेते हुए डीएम और एसएसपी से रिपोर्ट तलब किया है। आयोग ने पीड़ित परिवारों को दिए गए मुआवजे और सरकारी सुविधाओं से जुड़ी कार्रवाई की विस्तृत रिपोर्ट चार सप्ताह के भीतर देने को कहा है।


दरअसल, इसी वर्ष 16 अप्रैल को गांव में आग लग गई थी, जिसमें चार मासूम बच्चे जिंदा जलकर मौत के शिकार हो गए थे। इस भीषण हादसे में कुल 65 घर आग की चपेट में आकर पूरी तरह जलकर राख हो गए थे। बताया गया कि शॉर्ट सर्किट के कारण बिजली पोल पर लगे डीपी बॉक्स से निकली चिंगारी से एक घर में आग लगी, जो देखते ही देखते आसपास के घरों में फैल गई। आग की भयावहता तब और बढ़ गई जब घरों में रखे गैस सिलेंडर फट गए।


घटना के समय अधिकांश ग्रामीण गेहूं की कटाई के लिए खेतों में थे। चारों बच्चों के माता-पिता भी खेत में ही मौजूद थे, जिससे बच्चे घर में आग से घिर गए और उनकी जान नहीं बचाई जा सकी। इस दुखद घटना के बाद जिलाधिकारी के निर्देश पर मृत बच्चों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये का चेक प्रदान किया गया। वहीं, जिनके घर जले थे, उन्हें इंदिरा आवास योजना के तहत नए मकान देने की घोषणा की गई थी।


इस अगलगी कांड के बाद पीड़ितों की ओर से अधिवक्ता एस.के. झा ने राष्ट्रीय और राज्य मानवाधिकार आयोग में दो अलग-अलग याचिकाएं दाखिल की थीं। याचिकाओं में यह मांग की गई कि सभी पीड़ित परिवारों को पारदर्शी तरीके से सरकारी मुआवजा और सहायता राशि प्रदान की जाए, ताकि वे अपना जीवन फिर से सामान्य रूप से जी सकें। 


साथ ही, उनके लिए सरकारी योजनाओं के तहत आवास, भोजन, वस्त्र और बच्चों को उच्च शिक्षा की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाए। याचिकाकर्ता के वकील एस.के. झा ने जानकारी दी कि याचिका पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की पीठ में सुनवाई जारी है। आयोग ने इस मामले में मुजफ्फरपुर के डीएम और एसएसपी से विस्तृत रिपोर्ट चार सप्ताह में उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।