Bihar Bhumi: बेतिया राज की जमीन खाली कराने की तैयारी तेज, 32 हजार से अधिक कब्जाधारियों की सूची जारी

Bihar Bhumi: बिहार सरकार ने बेतिया राज की जमीन पर अपना अधिकार स्थापित करने की प्रक्रिया को तेज कर दिया है। वर्षों से बेतिया राज की जमीन पर कब्जा जमाए बैठे लोगों को अब सरकार ने जमीन खाली करने के संकेत दिए हैं।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 17 Dec 2025 01:16:25 PM IST

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बिहार भूमि - फ़ोटो GOOGLE

Bihar Bhumi: बिहार सरकार ने बेतिया राज की जमीन पर अपना अधिकार स्थापित करने की प्रक्रिया को तेज कर दिया है। वर्षों से बेतिया राज की जमीन पर कब्जा जमाए बैठे लोगों को अब सरकार ने जमीन खाली करने के संकेत दिए हैं। अकेले रक्सौल क्षेत्र में ऐसे 32 हजार से अधिक लोग हैं, जिन्होंने बेतिया राज की जमीन पर घर या अन्य निर्माण कर रखा है। सरकार ने इन जमीनों को मुक्त कराने की दिशा में औपचारिक प्रक्रिया शुरू कर दी है।


इसी कड़ी में पूर्वी चंपारण जिला प्रशासन ने जिले की आधिकारिक वेबसाइट पर 32,700 से अधिक कब्जाधारियों की सूची प्रकाशित की है। जारी सूची में बेतिया राज की जमीन पर बने छोटे-छोटे प्लॉट, मकान और चारदीवारी का विवरण दिया गया है। इसमें खाता, खेसरा, रकबा और मोहल्ले का नाम स्पष्ट रूप से अंकित किया गया है, ताकि जमीन की पहचान में किसी प्रकार की अस्पष्टता न रहे।


2015 में भी जारी हुआ था नोटिस

बता दें कि वर्ष 2015 में भी जिला प्रशासन ने बेतिया राज की जमीन पर कब्जा किए लोगों को नोटिस जारी कर जमीन खाली करने का निर्देश दिया था। हालांकि, उस समय इसके बाद कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई और वर्षों तक लोगों को प्रशासन की ओर से परेशान नहीं किया गया।


हाल के दिनों में स्थिति बदली है। बिहार सरकार ने बेतिया राज की जमीन को औपचारिक रूप से राज्य सरकार की संपत्ति घोषित कर दिया है। इससे पहले सरकार ने एक एजेंसी के माध्यम से बेतिया राज की जमीन पर स्थित मकान, चारदीवारी और खाली भूमि का विस्तृत सर्वे भी कराया था। जमीन के सरकारी घोषित होते ही अब पहली बार प्रशासन ने कब्जाधारियों की सूची सार्वजनिक की है, जिससे स्थानीय लोगों में भय और असमंजस का माहौल बन गया है।


बेतिया राज की जमीन रैयतों की नहीं

इस संबंध में पूर्वी चंपारण के अपर समाहर्ता मुकेश सिन्हा ने स्पष्ट किया कि बेतिया राज की जमीन को बिहार सरकार की जमीन घोषित किया गया है और यह रैयतों की निजी संपत्ति नहीं है। उन्होंने बताया कि बोर्ड ऑफ रेवेन्यू के निर्देशानुसार कब्जाधारियों की सूची जारी की गई है। फिलहाल सूची प्रकाशित की गई है और अगले आदेश तक किसी प्रकार की जबरन कार्रवाई नहीं की जा रही, लेकिन भविष्य में उक्त जमीन को खाली कराना होगा।


उन्होंने यह भी बताया कि चंपारण के अंतिम राजा की संदेहास्पद मृत्यु के बाद बेतिया राज की जमीन कोर्ट ऑफ वार्ड्स के अधीन चली गई थी। पिछले वर्ष बिहार सरकार ने कानून में बदलाव कर कोर्ट ऑफ वार्ड्स को समाप्त करते हुए पूरी जमींदारी का अधिग्रहण कर लिया। इसके बाद अब राज्य सरकार इस जमीन पर अपना अधिकार स्थापित कर रही है।


प्रशासन का कहना है कि आगे की कार्रवाई सरकारी दिशा-निर्देश और कानूनी प्रक्रिया के तहत की जाएगी, ताकि किसी को अनावश्यक परेशानी न हो, लेकिन सरकारी जमीन को अतिक्रमण से मुक्त कराना सरकार की प्राथमिकता है।