क्या बिहार में यही शराबबंदी है? गुप्त तहखाने वाली कार से विदेशी शराब की बड़ी खेप बरामद, दो तस्कर भी गिरफ्तार

बगहा जिले के धनहा थाना पुलिस ने वाहन जांच के दौरान एक मॉडिफाइड I-20 कार के गुप्त तहखाने से 284 लीटर विदेशी शराब बरामद की। पुलिस ने कार सवार दो तस्करों को गिरफ्तार कर लिया है और पूरे तस्करी नेटवर्क की जांच जारी है।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 28 Nov 2025 09:10:44 PM IST

बिहार

पुलिस की बड़ी कार्रवाई - फ़ोटो REPORTER

BETTIAH: बिहार में 9 साल से पूर्ण शराबबंदी लागू है, इसके बावजूद शराब तस्कर अपनी आदतों से बाज नहीं आ रहे हैं और तस्करी के लिए नए-नए हथकंडे अपना रहे हैं। ताजा मामला पश्चिम चंपारण के बेतिया का है जहां आई 20 कार में तहखाना बनाकर विदेशी शराब की तस्करी धड़ल्ले से की जा रही थी, लेकिन इस बार पुलिस की नजर से यह कार बच नहीं पाई। पुलिस ने कार को जब्त कर लिया वही दो शराब तस्करों को मौके से गिरफ्तार किया।  


शराबबंदी के बाद भी अवैध शराब तस्करी पर लगाम लगाने के लिए चलाए जा रहे अभियान के तहत बगहा पुलिस जिले के धनहा थाना पुलिस को शुक्रवार को बड़ी सफलता मिली। पुलिस ने एक ऐसी I-20 कार को जब्त किया, जिसमें बनाई गई खास तकनीक से तैयार गुप्त तहखाने से 284 लीटर विदेशी शराब बरामद की गई। यह बरामदगी उत्तर प्रदेश से बिहार लाई जा रही बड़ी खेप के दौरान हुई।


जानकारी के अनुसार, पुलिस ने गौतम बुद्ध सेतु पर वाहन जांच अभियान के दौरान इस कार को रोका था। शुरुआत में पुलिस को कुछ असामान्य नहीं लगा, लेकिन गहन तलाशी के दौरान सीट और केबिन के बीच लोहे की शीट से ढका एक विशेष तहखाना मिला। जब उसे खोला गया तो अंदर विदेशी शराब के बड़े पैमाने पर कार्टन बरामद हुए।


इस मामले में कार सवार दो तस्करों को मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में तस्करों ने स्वीकार किया कि यह शराब बिहार के विभिन्न इलाकों में सप्लाई की जानी थी। पुलिस सूत्रों के अनुसार, इस कार में बनाया गया सीक्रेट चेंबर इतना मजबूत और व्यवस्थित था कि सामान्य जांच में पकड़ पाना बेहद मुश्किल होता।


पुलिस ने जब्त वाहन, अवैध शराब और गिरफ्तार तस्करों को आगे की कानूनी प्रक्रिया के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। वहीं, इस मामले में तस्करी के नेटवर्क को लेकर भी जांच जारी है। पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि इस गिरोह में और कौन-कौन शामिल हैं तथा शराब की यह खेप किन सप्लायरों या ग्राहकों तक पहुंचनी थी।