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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 06 Aug 2025 08:36:20 AM IST
बिहार न्यूज - फ़ोटो GOOGLE
Bihar News: बिहार में औद्योगिक निवेश को लेकर एक नया इतिहास रचने जा रहा है। देश के प्रमुख औद्योगिक समूह अदाणी पावर लिमिटेड ने राज्य के भागलपुर जिले के पीरपैंती में 2400 मेगावाट क्षमता के ताप विद्युत संयंत्र के निर्माण के लिए सबसे कम बोली लगाकर यह परियोजना अपने नाम कर ली है। इस परियोजना में अदाणी समूह द्वारा 25,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा, जो अब तक का बिहार में किसी निजी क्षेत्र का सबसे बड़ा निवेश है।
यह परियोजना बिहार सरकार और अदाणी समूह के बीच हुए समझौते के तहत स्थापित की जाएगी, जिसके अंतर्गत राज्य सरकार अगले 30 वर्षों तक ₹6.08 प्रति यूनिट की दर से बिजली खरीदेगी। यह दर फिक्स्ड चार्ज (₹4.16 प्रति यूनिट) और फ्यूल एवं ट्रांसपोर्टेशन चार्ज (₹1.92 प्रति यूनिट) को मिलाकर निर्धारित की गई है।
केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (CEA) के अनुसार, बिहार में वर्ष 2035 तक बिजली की खपत 17,000 मेगावाट तक पहुँचने की संभावना है। इस बढ़ती जरूरत को ध्यान में रखते हुए पीरपैंती परियोजना राज्य की ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में एक अहम कदम है। यह राज्य की अब तक की सबसे बड़ी बिजली इकाई होगी, जिसमें 800 मेगावाट की तीन सुपर क्रिटिकल यूनिट लगाई जाएंगी। सुपर क्रिटिकल तकनीक के जरिए कम कोयले में अधिक बिजली का उत्पादन संभव होगा, जिससे ऊर्जा दक्षता में भी बढ़ोतरी होगी।
इस परियोजना से करीब 1,500 लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलने की संभावना है। इसके साथ ही स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी गति मिलेगी। बिजली घर के निर्माण के लिए पहले से ही 1,000 एकड़ से अधिक जमीन अधिग्रहित की जा चुकी है। आवश्यकता पड़ने पर और जमीन अधिग्रहित की जाएगी। कोयले की आपूर्ति के लिए झारखंड के राजमहल कोल ब्लॉक से 12 मिलियन टन कोयला अगले 30 वर्षों तक इस परियोजना को आवंटित किया गया है। इस परियोजना के लिए जारी निविदा में JSW Energy, MB Power, Torrent Power और Adani Power ने भाग लिया था, लेकिन सबसे प्रतिस्पर्धी बोली अदाणी समूह की रही, जिसने इसे हासिल कर लिया।
बता दें कि पीरपैंती में पहले एक सौर ऊर्जा परियोजना स्थापित करने की योजना थी, लेकिन व्यवहारिक और भौगोलिक कारणों से वह योजना टाल दी गई और इसके स्थान पर ताप विद्युत संयंत्र की योजना को प्राथमिकता दी गई। सरकार ने निबंधन एवं मुद्रांक शुल्क की अदायगी पर अदाणी समूह को ₹1 प्रतिवर्ष की दर से 33 वर्षों के लिए जमीन हस्तांतरित कर दी है। मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में इस परियोजना को अंतिम स्वीकृति प्रदान कर दी गई। इसके साथ ही निर्माण कार्य का मार्ग प्रशस्त हो गया है, और आने वाले पांच वर्षों में यहां से बिजली का उत्पादन शुरू होने की उम्मीद है।
बिहार सरकार के ऊर्जा, योजना एवं विकास मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि यह राज्य की अब तक की सबसे बड़ी और महत्वाकांक्षी बिजली परियोजना है। नियमानुसार एजेंसी का चयन किया गया है और अब परियोजना के कार्यान्वयन की दिशा में तेजी लाई जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि यह परियोजना न केवल राज्य की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करेगी, बल्कि बिहार में औद्योगिक निवेश के लिए एक मील का पत्थर साबित होगी।