1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 27 Aug 2025 05:06:06 PM IST
अंजीर की खेती को बढ़ावा - फ़ोटो SOCIAL MEDIA
PATNA: अब बिहार के खेतों में भी अंजीर उगने लगे है। बिहार में अंजीर की खेती को बढ़ावा देने का काम राज्य सरकार कर रही है। प्रति हेक्टेयर 50 हजार रुपए तक का अनुदान किसान को नीतीश सरकार दे रही है। यदि आप भी अंजीर की खेती करना चाहते हैं और अनुदान लेना चाहत हैं तो वित्तीय वर्ष 2025-26 और 2026-27 के लिए किसान आवेदन कर सकते हैं। योजना का लाभ लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा।
बागवानी फसलें किसानों को आर्थिक लाभ दिलाने में मददगार साबित होती हैं। इसे ध्यान में रखते हुए कृषि विभाग ने 2025-2026 और 2026-2027 के लिए अंजीर फल विकास योजना की शुरुआत की है। इस योजना के तहत अंजीर की खेती करने वाले किसानों को भारी अनुदान दिया जा रहा है। सरकार इस अनुदान से जहां एक ओर राज्य में अंजीर की खेती को बढ़ावा दे रही है..
वहीं दूसरी ओर किसानों की आय को बढ़ाने की भी कोशिश कर रही है। अंजीर फल विकास योजना के तहत इसकी खेती पर वित्तीय वर्ष 2025-26 और 2026-27 के लिए प्रति हेक्टेयर 1.25 लाख रुपये की लागत तय की गई है। इसकी खेती करने वाले किसानों को सरकार उनकी लागत का 40 प्रतिशत अर्थात 50 हजार रुपए का अनुदान देगी। 2025-26 में यह कुल अनुदान का 60 प्रतिशत यानि कि 30 हजार रुपए और 2026-27 में 40% अर्थात 20 हजार रुपए किसानों को मिलेगा।
ऑनलाइन कर सकते हैं आवेदन
अंजीर फल विकास योजना का लाभ लेने के लिए किसान ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए कृषि विभाग के उद्यान निदेशालय की वेबसाइट http://horticulture.bihar.gov.in पर जाकर आवेदन करना होगा। किसान अनुदान से संबंधित विशेष जानकारी के लिए जिला उद्यान पदाधिकारी से संपर्क कर सकते हैं।
इन 32 जिलों के किसान उठा सकते हैं लाभ
अंजीर फल विकास योजना के तहत बिहार के 32 जिलों में चलाई जा रही हैं। जिसमें अरवल, भोजपुर, बक्सर, गोपालगंज, जहानाबाद, लखीसराय, मधेपुरा, सारण, शिवहर, सीतामढ़ी, सीवान, सुपौल, अररिया, औरंगाबाद, बेगुसराय, भागलपुर, दरभंगा, पूर्वी चम्पारण, जमुई, खगड़िया, किशनगंज, मधुबनी, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नालंदा, पटना, गया, रोहतास, पूर्णिया, समस्तीपुर, वैशाली और पश्चिम चम्पारण शामिल है।
कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक यह योजना न सिर्फ बिहार के किसानों को आर्थिक लाभ दिलाने में मददगार साबित होगी बल्कि इससे बिहार में अंजीर फल के उत्पादन को भी बढ़ावा मिलेगा। साथ ही आर्थिक लाभ के लिए खाद्यान्न फसलों पर किसानों की निर्भरता कम होगी।