Bihar Bhumi: CO दफ्तर की कार्यप्रणाली के लिए DCLR जवाबदेह, रैयतों को बड़ी राहत...म्यूटेशन अपील में सिर्फ 'डिजिटली साइन' पेपर होगा मान्य...सर्टिफाइड कॉपी प्रथा पर स्थाई रोक

डीसीएलआर की जवाबदेही तय करते हुए अंचल कार्यालयों के निरीक्षण, लंबित मामलों के निपटारे और डिजिटल व्यवस्था को लागू करने के निर्देश दिए हैं। विभाग ने स्पष्ट किया है कि अब सर्टिफाइड कॉपी के स्थान पर केवल डिजिटली साइन प्रतियां ही मान्य होंगीगी।

1st Bihar Published by: Viveka Nand Updated Fri, 28 Nov 2025 03:20:15 PM IST

Bihar Bhumi  Revenue and Land Reforms Department Bihar  DCLR Training Bihar  DCLR Court Pending Cases  Revenue Court Management System  Bihar Land Mutation  Digital Signed Copy Bihar  Rajswa Mahabhiya

- फ़ोटो self

Bihar Bhumi: बिहार में नई सरकार के गठन के बाद राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग रैयतों की समस्या कम करने को लेकर लगातार काम कर रहा है. इसी बीच विभाग ने सभी डीसीएलआर से कहा है कि अंचल कार्यालयों की कार्यप्रणाली के लिए आप जवाबदेह हैं. 

अंचल कार्यालयों की कार्यप्रणाली के लिए डीसीएलआर जवाबदेह 

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के तत्वावधान में भूमि सुधार उपसमाहर्ताओं (DCLR) के दो दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। कार्यक्रम का उद्घाटन विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने किया। उद्घाटन संबोधन में अपर मुख्य सचिव ने डीसीएलआर की भूमिका को अत्यंत महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि वे अपने अधीनस्थ अंचल कार्यालयों की कार्यप्रणाली के लिए जवाबदेह हैं। उन्होंने स्पष्ट कहा कि वर्तमान में अंचल कार्यालयों का नियमित निरीक्षण और समीक्षा नहीं हो पा रही है, जबकि बेहतर राजस्व प्रशासन के लिए दोनों कार्य अनिवार्य हैं। उन्होंने निर्देश दिया कि सभी डीसीएलआर हलका स्तर तक निरीक्षण करें, महीने में कम से कम दो बार अनुमंडल स्तर पर समीक्षा बैठक आयोजित करें. साथ ही प्रथम अपीलीय न्यायालय के रूप में आने वाले वादों का समयबद्ध निष्पादन सुनिश्चित करें।

डीसीएलआर कोर्ट में पेंडिंग मामले चिंताजनक

उन्होंने कहा कि डीसीएलआर न्यायालयों में बढ़ते पेंडिंग मामलों को कम करना अत्यावश्यक है। माह में कम से कम चार दिन नियमित रूप से सुनवाई करें। कोर्ट का कार्य आपकी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है और इसमें ढिलाई स्वीकार्य नहीं। अपर मुख्य सचिव ने राजस्व महा–अभियान के दौरान प्राप्त 45 लाख आवेदनों के त्वरित निष्पादन, जमाबंदी रजिस्टर के अद्यतीकरण तथा मृत व्यक्तियों के नाम हटाकर सभी उत्तराधिकारियों का नाम दर्ज करने को विभाग की शीर्ष प्राथमिकता बताया।

डीसीएलआर कोर्ट में सर्टिफाइड कॉपी नहीं बल्कि डिजिटली साइन प्रतियां होंगी मान्य

कार्यक्रम के दौरान विभाग के सचिव जय सिंह ने रेवेन्यू कोर्ट मैनेजमेंट सिस्टम पर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने कहा कि राजस्व न्यायालयों में सभी कार्य पूरी तरह ऑनलाइन किये जा रहे हैं और नए केस केवल ऑनलाइन ही दर्ज किए जाएंगे। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि राजस्व मामलों में वकील अनिवार्य नहीं है, आवेदक स्वयं भी अपनी पैरवी कर सकता है। म्यूटेशन अपील के मामलों का उल्लेख करते हुए सचिव ने कहा कि अभी भी कई जगहों पर लोगों से सर्टिफाइड कॉपी मांगी जा रही है, जबकि अब डिजिटली साइन की गईं प्रतियां ही मान्य होंगी। उन्होंने डिफेक्ट चेक में हो रही देरी पर चिंता व्यक्त की और निर्धारित समय सीमा का पालन करने का निर्देश दिया। उन्होंने यह भी कहा कि अनावश्यक रूप से लोगों को कार्यालय बुलाने की प्रथा बंद होनी चाहिए और आदेश लेखन की गुणवत्ता में सुधार आवश्यक है।

आईटी मैनेजर श्री आनंद शंकर ने प्रेजेंटेशन के माध्यम से लंबित वादों की स्थिति और ऑनलाइन व्यवस्था से मिलने वाली सुविधाओं पर प्रकाश डाला। इसके बाद विभिन्न विशेषज्ञों ने अपने-अपने विषयों पर तकनीकी सत्र प्रस्तुत किए।