बिहार में जमीन रजिस्ट्री से हटे जमाबंदी नियम: सुप्रीम कोर्ट के फैसले से खरीद–फरोख्त और म्यूटेशन होगा आसान

सुप्रीम कोर्ट ने जमीन रजिस्ट्री में विक्रेता के नाम पर जमाबंदी या होल्डिंग नंबर की अनिवार्यता खत्म कर दी है। इस फैसले से बिहार में जमीन खरीद–फरोख्त और म्यूटेशन की प्रक्रिया सरल और तेज होगी, जिससे लाखों रैयतों और प्रॉपर्टी डीलरों को राहत मिलेगी।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 25 Nov 2025 09:07:38 PM IST

बिहार

जमाबंदी रसीद की अनिवार्यता खत्म - फ़ोटो सोशल मीडिया

PATNA: बिहार में अब जमीन खरीदना और बेचना आसान हो गया है। सुप्रीम कोर्ट ने जमाबंदी रसीद की अनिवार्यता खत्म कर दी है। सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाईकोर्ट के उस आदेश को खारिज कर दिया है, जिसमें जमीन रजिस्ट्री के लिए विक्रेता के नाम पर जमाबंदी ज़रूरी की गई थी। अब रजिस्टार जमाबंदी नहीं होने पर रजिस्ट्री को खारिज नहीं कर सकेंगे।


सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से लोगों को राहत मिलेगी। म्यूटेशन लंबित होने पर भी अब रजिस्ट्री हो सकेगी। इससे फर्जीवाड़े पर लगाम लगेगी और पूरी प्रक्रिया पारदर्शी और तेज होगी। बता दें कि जमीन की रजिस्ट्री में होने वाले फर्जीवाड़े को रोकने के लिए बिहार सरकार ने पहली बार 10 अक्टूबर 2019 को नियम बनाया था कि जिसके नाम से जमाबंदी रसीद होगा वही उक्त जमीन को बेचने का हकदार होगा। 


बिना जमाबंदी रसीद के जमीन कोई नहीं बेच सकता है। लेकिन सरकार के इस फैसले के खिलाफ कोर्ट में कई याचिकाएं दायर हो गयी। जिसके बाद कोर्ट ने 15 दिनों के भीतर ही 25 अक्टूबर को सरकार के इस फैसले पर रोक लगा दी। 9 फरवरी 2024 को सरकार के फैसले को सही करार देते हुए इसे लागू करने का आदेश दिया। 


जिसके बाद 22 फरवरी 2024 को पत्र जारी कर सरकार ने जमीन बिक्री में जमाबंदी को लागू कर दिया। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने संपत्ति के लेन-देन को सरल और पारदर्शी बनाने की दिशा में फैसला सुनाते हुए लोगों को बड़ी राहत दी है। 


सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश बिहार में जमीन से जुड़े मामलों को सरल, पारदर्शी और तेज बनाने की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है। कोर्ट ने यह स्पष्ट कर दिया है कि जमीन की रजिस्ट्री के समय विक्रेता के नाम पर जमाबंदी रसीद होना अब अनिवार्य नहीं है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जमीन के मालिक और खरीददार के साथ-साथ प्रॉपर्टी डीलर भी काफी खुश हैं।