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Bihar Politics: बिहार भाजपा से इन विधायकों का टिकट कटना हुआ तय ! मैदान में नजर आएंगे पूर्व सांसद; प्रधान की बैठक में लगी फाइनल मुहर

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा ने 125 सीटों पर फीडबैक रिपोर्ट पूरी की। धर्मेंद्र प्रधान की बैठक में 600 से अधिक नामों पर चर्चा हुई। इस बार दो दर्जन से ज्यादा विधायकों का टिकट कटने और नए चेहरों को मौका मिलने की संभावना है।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 05 Oct 2025 08:34:38 AM IST

Bihar Politics: बिहार भाजपा से इन विधायकों का टिकट कटना हुआ तय ! मैदान में नजर आएंगे पूर्व सांसद; प्रधान की बैठक में लगी फाइनल मुहर

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BJP ticket cut Bihar : बिहार में विधानसभा चुनाव की घोषणा अब कुछ ही दिनों में होने वाली है। ऐसे में सभी राजनीतिक दल अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुट गए हैं। इसी क्रम में भाजपा ने भी अपनी रणनीति को और धार देना शुरू कर दिया है। पार्टी ने अब तक राज्य की 125 सीटों पर विस्तृत फीडबैक इकट्ठा कर लिया है। इनमें 110 सीटें वे हैं, जहां पिछली बार भाजपा के उम्मीदवार मैदान में थे, जबकि 15 नई सीटों को भी समीक्षा के दायरे में लाया गया है।


सूत्रों के अनुसार, बिहार भाजपा चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान ने चुनाव तैयारी को लेकर उच्चस्तरीय बैठक में करीब 600 से अधिक संभावित उम्मीदवारों के नाम पर चर्चा की है। बैठक में यह लगभग तय हो गया है कि इस बार भाजपा दो दर्जन से अधिक मौजूदा विधायकों के टिकट काटने जा रही है। पार्टी का मानना है कि जिन विधायकों का प्रदर्शन जनता के बीच कमजोर रहा है या जिनके प्रति असंतोष है, उन्हें इस बार मौका नहीं दिया जाएगा।


इन सीटों पर भाजपा अब नए चेहरों को मौका देने की योजना बना रही है। खासकर लोकसभा चुनाव में हारने वाले सांसदों, पूर्व सांसदों, और संगठन में सक्रिय कार्यकर्ताओं को टिकट देने पर विचार किया जा रहा है। वहीं, युवाओं और महिलाओं को भी इस बार अधिक संख्या में मौका देने की तैयारी है। पार्टी का लक्ष्य है कि टिकट वितरण में सामाजिक और क्षेत्रीय संतुलन बनाए रखते हुए एक मजबूत टीम तैयार की जाए।


बैठक में यह भी तय हुआ है कि कुछ सीटों पर अदला-बदली का फार्मूला अपनाया जा सकता है। यानी जहां उम्मीदवार का प्रदर्शन कमजोर रहा है, वहां किसी दूसरे क्षेत्र के प्रभावशाली नेता को उतारा जा सकता है। चुनाव समिति की पहली बैठक में टिकट वितरण की दिशा लगभग तय कर दी गई है और अगले चरण की बैठक में नामों पर अंतिम मुहर लगने की संभावना है।


भाजपा सूत्रों के मुताबिक, इस बार लगभग 80 वर्तमान विधायकों ने दोबारा चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है। हालांकि कई सीटों पर संगठन के अन्य वरिष्ठ कार्यकर्ता और युवा नेता भी अपनी दावेदारी ठोक रहे हैं। बताया जा रहा है कि 52 संगठनात्मक जिलों के कोर ग्रुप से 500 से अधिक नाम टिकट के लिए आए हैं, जबकि 100 से अधिक दावेदारों ने सीधे प्रदेश संगठन के सामने अपनी इच्छा जताई है। कई सीटों पर तो एक दर्जन से ज्यादा लोगों ने आवेदन दिए हैं। अब इन नामों को छांटकर पहले छह-सात तक और फिर अगली बैठक में तीन तक सीमित किया जाएगा।


इधर, बैठक में बागी विधायकों पर भी गहन चर्चा हुई। पार्टी ने स्पष्ट संकेत दिया है कि अनुशासनहीनता या कमजोर प्रदर्शन करने वाले विधायकों को इस बार मौका नहीं मिलेगा। खासकर अलीपुर के विधायक मिश्रा लाल यादव, नरकटियागंज की रश्मि वर्मा, और रामनगर की भागीरथी देवी के टिकट कटने की चर्चा जोरों पर है। वहीं लोरिया के विधायक विनय बिहारी को लेकर भी पार्टी के भीतर संशय की स्थिति बनी हुई है।


इसके अलावा, पार्टी के आंतरिक सर्वे में कमजोर पाए गए विधायकों पर भी गाज गिरना तय माना जा रहा है। भाजपा नेतृत्व का मानना है कि इस बार चुनाव “विजेता उम्मीदवार” के आधार पर लड़ा जाएगा, न कि सिर्फ पुराने चेहरों के भरोसे। इसलिए सभी संभावित उम्मीदवारों का प्रदर्शन, जनसंपर्क, संगठनात्मक जुड़ाव और जनता के बीच छवि जैसे मानकों पर मूल्यांकन किया जा रहा है।


भाजपा की इस तैयारियों से यह साफ संकेत मिल रहे हैं कि पार्टी इस बार टिकट वितरण में किसी भी तरह का समझौता नहीं करेगी। उसका लक्ष्य स्पष्ट है — “जीतने वाला उम्मीदवार, साफ छवि और संगठन के प्रति वफादारी।”