1st Bihar Published by: Viveka Nand Updated Tue, 25 Nov 2025 12:42:02 PM IST
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Bihar News: बिहार में नई सरकार का गठन हो गया है. इस बार के कैबिनेट में मुख्यमंत्री के अलावे 26 मंत्री बने हैं. एक ऐसे भी मंत्री हैं जो न तो विधानसभा के सदस्य हैं और न विधान परिषद के,यानि बिना माननीय बने ही मंत्री पद की शपथ लिए हैं. इस बार उपेन्द्र कुशवाहा ने अपने पुत्र दीपक प्रकाश को भी मंत्री बनवाया है. दीपक न तो विधायक हैं और न विधान पार्षद. भविष्य में इन्हें विधान पार्षद बनाए जाने की संभावना है. कोई मंत्री जो विधानमंडल के किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं, क्या उन्हें वेतन मिलेगा या भत्ता मिलेगा या दोनों पाएंगे ?
बिना विधायक बने ही मंत्री बने दीपक को कितना पैसा मिलेगा ?
उपेन्द्र कुशवाहा के पुत्र दीपक प्रकाश नीतीश कैबिनेट में मंत्री पद की शपथ लिए हैं. ये विधानमंडल के किसी सदन सदन के सदस्य नहीं हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दीपक प्रकाश को पंचायती राज विभाग का जिम्मा दिया है. इन्होंने विभाग का कार्यभार भी संभाल लिया है. ऐसे में यह जानना जरूरी है कि अगर कोई मंत्री सदन के सदस्य नहीं हैं, तो उन्हें विधायकों वाला वेतन-भत्ता मिलेगा ? कैबिनेट सचिवालय ने इस संबंध में स्थिति को स्पष्ट किया है. कितना वेतन भत्ता मिलेगा...इस संबंध में क्लियर किया गया है.
वर्ष 2023 में वेतन-भत्ता में हुई थी बढ़ोतरी
24 मार्च 2023 को कैबिनेट सचिवालय ने इस संबंध में नई अधिसूचना जारी कर स्थिति स्पष्ट किया है. सरकार की तरफ से कहा गया है कि अगर कोई नेता बिहार विधान मंडल के किसी सदन के सदस्य नहीं हैं, इसके बाद भी मुख्यमंत्री,मंत्री,राज्यमंत्री या उपमंत्री बने हैं तो उन्हें वेतन मिलेगा. हालांकि यह वेतन शपथ ग्रहण की तिथि से छह माह तक ही देय होगा. कैबिनेट सचिवालय ने वर्ष 2023 में वेतन का पुर्ननिधारण किया है. इसके तहत मुख्यमंत्री / मंत्री / राज्य मंत्री / उप मंत्री जो बिहार विधान मंडल के किसी सदन के सदस्य नहीं हैं, उन्हें 65,000/- प्रतिमाह वेतन अनुमान्य होगा। उन्हें यह वेतन शपथ ग्रहण की तिथि से छः (6) माह तक ही देय होगा।
70000 रू हर महीने क्षेत्रीय भत्ता
मंत्रियों को क्षेत्रीय भत्ता को रू0 70,000/- प्रतिमाह मिलेगा. साथ ही वर्ष 2023 में ही दैनिक भत्ता की राशि 3,000 रू प्रतिदिन से बढ़ाकर 3,500/ प्रतिदिन की दर से निर्धारित की गई है. जाती है। आतिथ्य भत्ता में भी संशोधित किया गया है. मुख्यमंत्री के लिए इस मद में 25 हजार रू था, उसे बढ़ाकर 30 हजार रू किया गया. वहीं मंत्री के लिए 24 हजार 500 रू था, इसे भी 30 हजार रू किया गया है.