1st Bihar Published by: Viveka Nand Updated Tue, 16 Dec 2025 02:05:55 PM IST
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Bihar Co Action: जिलाधिकारी ने अंचल अधिकारी की कारगुजारियों की पोल खोलते हुए सरकार को रिपोर्ट किया, डीएम की रिपोर्ट पर सीओ को तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए शो-कॉज पूछा गया. जवाब से असंतुष्ट होते हुए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने विभागीय कार्यवाही चलाने का आदेश दिया. संचालन पदाधिकारी ने विभागीय जांच में आरोपी अंचल अधिकारी के खिलाफ लगाए गए तमाम आरोप प्रमाणित पाए और रिपोर्ट विभाग को भेज दिया. इसके बाद विभाग ने समीक्षा की, डीएम के आरोप, संचालन पदाधिकारी की जांच रिपोर्ट, जिसमें सभी आरोप प्रमाणित पाए गए थे, उसे खारिज करते करते हुए सीओ के दूसरे शो-कॉज के जवाब से संतुष्ट होकर पूरे मामले को खत्म कर दिया. साथ ही इस मामले को संचिकास्त करते हुए निलंबन अवधि को भी पूर्ण कार्य अवधि माना गया.
सीओ की माफी से उठ रहे कई सवाल
बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने एक अंचल अधिकारी को बरी करने का पत्र जारी किया था. मामले को खत्म किए जाने पर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं. पहला तो यह कि डीएम ने अंचल अधिकारी के खिलाफ जो आरोप लगाए थे वो गलत थे ? दूसरा- विभाग के आदेश पर संचालन पदाधिकारी ने जो विभागीय कार्यवाही चलाई, उसमें एकतरफा कार्रवाई की गई ? संचालन पदाधिकारी ने बिना समझे-बूझे ही सीओ के खिलाफ लगाए गए तमाम आरोपों को सही करार देते हुए दोषी करार दे दिया ? तभी तो सीओ को पूर्ण दोषी मानने के बाद भी विभाग ने दंड देने की बजाय माफी दे दी .
पूरा मामला क्या है..... डीएम ने सीओ की खोली थी पोल
दरभंगा जिले के जाले अंचल के तत्कालीन अंचल अधिकारी राकेश कुमार के खिलाफ जिलाधिकारी ने 1 फरवरी 2024 को आरोप पत्र गठित कर राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग को उपलब्ध कराया था, जिसमें राकेश कुमार पर गंभीर आरोप लगाए गए थे. जिलाधिकारी के आरोप पत्र में कहा गया था कि अंचल अधिकारी राकेश कुमार ने अपने दायित्वों का निर्वहन नहीं किया. सरकारी भूमि का अवैध रूप से दाखिल खारिज करने अपने पद का दुरुपयोग किया. जाले अंचल के अंतर्गत एक निर्माणाधीन कंपनी निर्माण में व्यवधान उत्पन्न करने की धमकी दी,साथ ही वरीय अधिकारियों के नाम पर अवैध उगाही करने जैसे गंभीर आरोप लगाए गए थे. इन आरोपों में अंचल अधिकारी को 20 मार्च 2024 के प्रभाव से निलंबित किया गया था. इसके बाद आरोपी सीओ से स्पष्टीकरण मांगा गया. राकेश कुमार ने अपना जवाब 15 अप्रैल 2024 को दिया. इसके बाद विभाग ने दरभंगा जिलाधिकारी से 18 जून 2024 को मंतव्य देने को कहा, हालांकि जिलाधिकारी ने मंतव्य नहीं दिया .
संचालन पदाधिकारी ने CO के खिलाफ सभी आरोपों को बताया था 'प्रमाणित'
जाले अंचल के तत्कालीन सीओ राकेश कुमार के खिलाफ दरभंगा जिलाधिकारी के गंभीर आरोपों के मद्देनजर राजस्व विभाग ने 25 अक्टूबर 2024 को विभागीय कार्यवाही संचालित करने का निर्णय लिया. दरभंगा के विभागीय जांच अपर समाहर्ता को संचालन पदाधिकारी नियुक्त किया गया, वहीं भूमि सुधार उपसमाहर्ता दरभंगा सदर को प्रस्तुतीकरण पदाधिकारी बनाया गया. अपर समाहर्ता विभागीय जांच दरभंगा ने 21 जनवरी 2025 को राकेश कुमार के खिलाफ संचालित विभागीय कार्यवाही की जांच रिपोर्ट दिया. जिसमें उनके खिलाफ लगाए गए सभी आरोपों को प्रमाणित बताया गया.
राजस्व विभाग ने DM के आरोप, संचालन पदाधिकारी के प्रमाणित जांच रिपोर्ट को किया खारिज
संचालन पदाधिकारी की जांच रिपोर्ट में प्रमाणित आरोपों के लिए 28 अप्रैल 2025 को सीओ से द्वितीय कारण पृच्छा् की गई। इस आलोक में इन्होंने 20 मई 2025 को अपना जवाब दिया. इसके बाद राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने गठित आरोप पत्र में प्रतिवेदित आरोप, संचालन पदाधिकारी से प्राप्त जांच रिपोर्ट का निष्कर्ष ,एवं उनके(सीओ) लिखित जवाब की समीक्षा की. इसके बाद विभाग ने इनके जवाब को स्वीकृत करते हुए राकेश कुमार के खिलाफ तमाम आरोपों को खत्म (संचिकास्त) करने एवं इन्हें तत्काल निलंबन मुक्त करने का निर्णय लिया. इतना ही नहीं निलंबन अवधि को पूर्ण कार्य अवधि माने जाने का भी निर्णय लिया गया। इस तरह से डीएम के आरोप,संचालन पदाधिकारी की जांच रिपोर्ट को विभाग ने पूर्ण रूप से खारिज करते हुए जाले के तत्कालीन सीओ राकेश कुमार को बरी कर दिया. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के निदेशक चकबंदी राकेश कुमार की तरफ से विधानसभा चुनाव से ठीक पहले 24 सितंबर 2025 को संकल्प जारी की गई थी.
