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Bihar Education News: बिहार के निजी स्कूलों पर शिक्षा विभाग का शिकंजा, अब हर हाल में करना होगा यह जरूरी काम

Bihar Education News: बिहार सरकार ने निजी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता को बरकरार रखने के लिए बड़ा कदम उठाया है. प्राइवेट स्कूलों के लिए सीबीएसई की मानकों का पालन करना अनिवार्य कर दिया गया है.

1st Bihar Published by: FIRST BIHAR Updated Tue, 20 May 2025 06:22:35 PM IST

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प्रतिकात्मक - फ़ोटो google

Bihar Education News: बिहार में निजी स्कूलों के लिए अब केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा निर्धारित मानकों का पालन करना अनिवार्य कर दिया गया है। राज्य सरकार की ओर से स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने की दिशा में यह एक बड़ा कदम माना जा रहा है। 


दरअसल, शिक्षा विभाग ने राज्य के लगभग 40,000 निजी स्कूलों का पंजीकरण अनिवार्य कर दिया है। इन स्कूलों को अब पढ़ाई की गुणवत्ता और इंफ्रास्ट्रक्चर के आधार पर ही सीबीएसई मान्यता दी जाएगी। पिछले साल शिक्षा विभाग ने निजी स्कूलो से ऑनलाइन माध्यम से संबद्धता के लिए आवेदन मांगे थे। इसमें 23,456 स्कूलों ने आवेदन प्रस्तुत किया। अब इन विद्यालयों की शैक्षणिक गुणवत्ता और आधारभूत संरचना की जांच की जाएगी।


केंद्र सरकार ने CBSE से मान्यता प्राप्त विद्यालयों के इंफ्रास्ट्रक्चर जांच की जिम्मेदारी राज्य सरकार को सौंपी है। इसी के तहत, बिहार शिक्षा विभाग ने सभी जिलों में निजी विद्यालयों की जांच की योजना बनाई है। निजी स्कूलों को जिला शिक्षा अधिकारी से एनओसी प्राप्त करना होगा। प्रत्येक जिले में डीएम या डीडीसी की अध्यक्षता में एक जांच टीम गठित की जाएगी, जिसमें संबंधित जिले के DEO भी शामिल होंगे।


शिक्षा विभाग के एक अधिकारी के अनुसार, पहले CBSE और राज्य सरकार दोनों मिलकर इंफ्रास्ट्रक्चर की जांच करते थे, जिससे मान्यता की प्रक्रिया में कई साल लग जाते थे। साथ ही, पढ़ाई की गुणवत्ता पर अपेक्षाकृत कम ध्यान दिया जाता था। नए नियमों के तहत CBSE अब स्कूलों के लर्निंग आउटकम पर विशेष फोकस करेगी। इसके तहत शिक्षकों की योग्यता, प्रशिक्षण, वेतन और प्रयोगशाला आदि की समीक्षा होगी।


छात्रों की शैक्षणिक योग्यता की जांच की जाएगी यानी यह देखा जाएगा कि वे जिस कक्षा में पढ़ रहे हैं, उसका पाठ उन्हें आता है या नहीं। यह पूरी जांच प्रक्रिया पारदर्शी होगी और रिपोर्ट ऑनलाइन पोर्टल पर जारी की जाएगी, जिससे अभिभावकों और अन्य हितधारकों को स्कूल की वास्तविक स्थिति की जानकारी मिल सकेगी। शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि जो विद्यालय नियमों का पालन नहीं करेंगे या जिनकी गुणवत्ता मानकों के अनुरूप नहीं होगी, उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।