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1st Bihar Published by: FIRST BIHAR Updated Thu, 14 Aug 2025 07:49:20 PM IST
प्रतिकात्मक - फ़ोटो google
Bihar News: बिहार में बढ़ती वाहनों की संख्या से वायु गुणवत्ता पर गंभीर असर पड़ रहा है। यह पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य के लिए भी खतरा है। वाहन जनित प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए परिवहन विभाग प्रदेश के सभी प्रखंडों में “प्रदूषण जांच केन्द्र प्रोत्साहन योजना” के तहत प्रदेश प्रदूषण जांच केन्द्र स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। विभाग के अनुसार, प्रदेश के 132 प्रखंडों में प्रदूषण जांच केंद्र नहीं थे। इन प्रखंडों में केंद्र स्थापित करने के लिए अबतक 46 प्रखंडों को कुल 1 करोड़ 5 लाख 72 हजार 576 रूपये की अनुदान राशि दी गई है।
सबसे अधिक पांच नए पीयूसी भभुआ में स्थापित
योजना अंतर्गत सबसे अधिक पांच पीयूसी केंद्र भभुआ में, चार-चार केंद्र बांका और मधुबनी में, तीन-तीन केंद्र दरभंगा, गया, जहानाबाद और कटिहार में, दो-दो केंद्र मधेपुरा, मधुबनी, नालंदा, नवादा, रोहतास, सहरसा, शेखपुरा, सिवान में और एक-एक केंद्र समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर, मुंगेर, छपरा और अरवल जिले स्थापित करने के लिए राशि दी गई है।
विभाग के अनुसार, राज्य में कुल 1553 पीयूसी संचालित हो रहे हैं। इनमें सबसे अधिक 264 केंद्र पटना, 81 मुजफ्फरपुर, 76 गया, 74 वैशाली, छपरा में 66 और 62 समस्तीपुर जिले में हैं। इन केंद्रों पर अधिक से अधिक वाहनों की प्रदूषण की जांच सुनिश्चित की जा रही है।
सरकार दे रही तीन लाख रुपये का अनुदान
इस योजना के तहत प्रदूषण जांच उपरकणों के खरीद पर 50 प्रतिशत या अधिकतम तीन लाख रुपए प्रोत्साहन राशि अनुदान के रूप में दी जा रही है, जिससे प्रखंड स्तर पर रोजगार के अवसर बन रहे हैं। पीयूसी पेट्रोल पम्प, वाहन सर्विस सेंटरों पर नहीं खोले जाएंगे।
योजना के लिए लाभुकों की पात्रता
योजना का लाभ केवल उसी प्रखंड के स्थायी निवासियों को मिलेगा, जहां केन्द्र स्थापना किया जाना है। आवेदक को वाहनों के रखरखाव या सर्विसिंग का व्यवसाय करना चाहिए। इसके साथ ही, आवेदक या उनके स्टाफ के पास मैकेनिकल, इलेक्ट्रीकल या ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग में डिग्रीधारी या डिप्लोमाधारी, इंटरमीडिएट या मोटरवाहन से संबंधित आई.टी.आई. की योग्यता होनी चाहिए।
आवेदन की प्रक्रिया और जरुरी दस्तावेज
प्रदूषण जांच केन्द्र खोलने के लिए आवेदक को जिला परिवहन कार्यालय(डीटीओ) में मोटरयान निरीक्षक का जांच प्रतिवेदन, प्रदूषण जांच केन्द्र का फोटोग्राफ, प्रदूषण जांच केन्द्र के लिए जारी अनुज्ञप्ति की छायाप्रति, प्रदूषण जांच उपकरण का कैलिब्रेशन प्रमाण-पत्र, अनुदान के लिए अनुरोध पत्र, जांच केन्द्र के कार्यरत रहने का प्रमाण-पत्र, जिला परिवहन पदाधिकारी का अनुदान राशि के आवंटन का अनुरोध पत्र के साथ आवेदन जमा करना होगा।
प्रदूषण जांच केन्द्र की स्थापना के लिए शर्ते
प्रदूषण जांच केन्द्र को कम से कम तीन वर्ष तक संचालित करना अनिवार्य होगा। इन केन्द्रों पर पेट्रोल व डीजल वाहनों को पीयूसी सर्टिफिकेट जारी करने के लिए स्मोक मिटर और गैस एनॉलाईजर दोनों उपकरणों को खरीदना आवश्यक है।