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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 23 Jul 2025 08:36:24 PM IST
सरकार ने की कड़ी कार्रवाई की तैयारी - फ़ोटो SOCIAL MEDIA
PATNA: बिहार में स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के तहत शिक्षा ऋण लेने वाले हजारों छात्र अब राज्य सरकार की रडार पर हैं। बिहार स्टेट एजुकेशन फाइनेंस कॉरपोरेशन (BSEFC) की हालिया समीक्षा में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि राज्य के करीब 55,000 छात्र ऐसे हैं, जिन्होंने शिक्षा ऋण तो लिया, लेकिन न तो उसकी किस्त चुकाई और न ही किसी भी प्रकार का संपर्क बनाए रखा है। अब शिक्षा विभाग ने इन "गायब" हो चुके छात्रों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने जा रही है। कई छात्रों पर केस दर्ज किया गया है और कई पर नीलामी की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
क्या है पूरा मामला जानिये?
बिहार सरकार की महत्त्वाकांक्षी योजना स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड (SCC) के तहत छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए ऋण दिया जाता है। कोई भी छात्र पैसे की कमी के कारण पढ़ाई से वंचित न रह जाए यह इस योजना का उद्धेश्य था लेकिन अब इस योजना में भारी गड़बड़ी सामने आ रही है। राज्यभर के 38 जिलों में से 60,722 छात्रों की सूची तैयार की गई, जिन पर ऋण चुकता नहीं करने का आरोप है। 5,737 छात्रों ने ना तो शपथ पत्र जमा किया और ना ही किस्त की राशि चुकायी। जबकि शेष बचे 55,000 छात्र पूरी तरह लापता हैं। ये छात्र ना तो संपर्क में हैं और ना ही किस्ती का भुगतान ही कर रहे हैं। अब तक 27,258 छात्रों पर नीलामपत्र (Loan Recovery Suit) दायर किया गया है। 11,850 को वसूली नोटिस भेजा गया है। 27,277 छात्रों पर अभी भी कार्रवाई लंबित है।
सबसे ज्यादा केस पटना में सामने आया है। जहां 4,374 पर नीलामपत्र दायर का आदेश मिला लेकिन अब तक सिर्फ 1,733 मामलों में ही वाद दर्ज हुआ। शेष 2,641 छात्र अभी भी जांच और वसूली के दायरे से बाहर हैं।वही समस्तीपुर में 2,498 छात्रों की सूची भेजी गई। 1,358 पर केस दर्ज किये गये। 540 को नोटिस भेजा गया। 336 ने किस्त चुकाई या शपथ पत्र दिया। 804 छात्रों पर अब भी कार्रवाई लंबित है। वही मुजफ्फरपुर में 1,928 में से 760 पर केस दर्ज किया गया है। 680 छात्रों को नोटिस भेजा गया है। गयाजी में 2494 में से सिर्फ 582 पर वाद, 429 छात्रों ने राशि चुकाई या हलफनामा दिया। 1,483 पर कार्रवाई लंबित है। जबकि दरभंगा में 1,459 में से 524 छात्रों ने किस्त या हलफनामा दाखिल किया।
BSEFC का सख्त रुख
मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी मीनेन्द्र कुमार ने सभी जिलों को निर्देश जारी किया है कि जल्द से जल्द लंबित मामलों में वाद दर्ज कर नीलामी की प्रक्रिया शुरू की जाए। 18 जुलाई तक की समीक्षा में स्पष्ट हुआ है कि कई जिलों में वसूली की रफ्तार बेहद धीमी है। इसे बिहार सरकार को करोड़ों रुपये की आर्थिक क्षति झेलनी पड़ रही है।
बिहार सरकार की SCC योजना का मूल उद्देश्य था शिक्षा को सबके लिए सुलभ बनाना, लेकिन कुछ छात्रों ने इसका गलत फायदा उठाया। अब सरकार न केवल बकायादारों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई कर रही है, बल्कि भविष्य में ऐसे मामलों से बचने के लिए कड़े निगरानी तंत्र की भी तैयारी कर रही है।