1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 22 Nov 2025 02:10:18 PM IST
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Bihar Education Minister: बिहार में नई सरकार बनने के बाद मंत्रिपरिषद में विभागों का बंटवारा कर दिया गया। इस बंटवारे के साथ ही शिक्षक और अन्य विभागों में कार्यरत लोग यह जानना चाहते हैं कि किस मंत्री को कौन सा विभाग मिला। शिक्षा विभाग पर जदयू के सुनील कुमार को दोबारा नियुक्त किया गया है। पिछली सरकार में भी यही विभाग उनके पास था। ऐसे में यह जानना दिलचस्प है कि सुनील कुमार कौन हैं, उनकी पढ़ाई-लिखाई और प्रशासनिक पृष्ठभूमि क्या रही है।
सुनील कुमार पढ़ाई में हमेशा से ही उत्कृष्ट रहे हैं। उन्होंने दिल्ली के मशहूर सेंट स्टीफेंस कॉलेज से इतिहास में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है। यह वही कॉलेज है जहां भारत के कई प्रतिष्ठित नेता और अधिकारी पढ़ चुके हैं। उनकी शैक्षिक पृष्ठभूमि काफी मजबूत और सॉलिड मानी जाती है, जो शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी संभालने के लिए उन्हें योग्य बनाती है।
सुनील कुमार केवल पढ़े-लिखे ही नहीं हैं, बल्कि उन्होंने यूपीएससी सिविल सर्विसेज की परीक्षा पास करके आईपीएस अधिकारी के रूप में सेवा भी की है। वे 1987 बैच के आईपीएस अफसर रहे हैं और बिहार पुलिस में विभिन्न उच्च पदों पर कार्यरत रहे। 2020 में वे डायरेक्टर जनरल (डीजी) के पद से रिटायर हुए। इसके अलावा, उन्होंने बिहार पुलिस भवन निर्माण निगम के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर के पद पर भी कार्य किया। लॉ एंड ऑर्डर से लेकर प्रशासनिक कार्यों में उनका अनुभव अत्यंत व्यापक है। यही कारण है कि उन्हें दोबारा शिक्षा विभाग की कमान सौंपी गई।
सुनील कुमार गोपालगंज जिले की भोरे विधानसभा सीट से दूसरी बार विधायक बने हैं। उन्होंने शिक्षा और प्रशासनिक सुधारों के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण पहल की हैं। उनका प्रशासनिक अनुभव उन्हें शिक्षा नीतियों को लागू करने और राज्य के शिक्षा ढांचे को मजबूत बनाने में मदद करता है।
शिक्षा मंत्री के रूप में सुनील कुमार ने शिक्षा क्षेत्र में डिजिटल शिक्षा, स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं का सुधार, शिक्षकों के प्रशिक्षण और छात्र कल्याण योजनाओं पर विशेष ध्यान देने का इरादा जताया है। उनका लक्ष्य शिक्षा को सुलभ, गुणवत्तापूर्ण और आधुनिक बनाना है। सुनील कुमार का प्रशासनिक और शैक्षिक अनुभव उन्हें शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी निभाने के लिए अत्यंत योग्य बनाता है। उनके नेतृत्व में बिहार में शिक्षा सुधारों की नई पहल देखने को मिल सकती है। दोबारा शिक्षा मंत्री बनते ही उनके प्रयास शिक्षा क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव लाने की उम्मीद जगाते हैं।