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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 19 Sep 2025 01:21:05 PM IST
Mukesh Sahani - फ़ोटो FILE PHOTO
सहनी ने आरोप लगाया कि केंद्र की मंशा बिहार को केवल मजदूर सप्लाई करने वाला प्रदेश बनाने की है, जबकि बिहारवासियों की असली ज़रूरत उनके अपने जिलों में रोजगार और उद्योग है। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नीतियों पर भी निशाना साधा और कहा कि उनकी चिंता उद्योग लगाने की नहीं, बल्कि वोट जुटाने की है। चुनाव के समय ही सब्जबाग दिखाने की राजनीति चलती है, जबकि वास्तविक विकास पीछे रह जाता है। बिहार के कई गांव आज पलायन के कारण युवकविहीन हो चुके हैं। लेकिन प्रधानमंत्री और गृहमंत्री अब तक इस मुद्दे पर कुछ नहीं बोल रहे हैं। सवाल करते हुए उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर उनका मुंह क्यों नहीं खुल रहा?
मुकेश सहनी ने 20 साल नीतीश कुमार और 11 साल मोदी सरकार के दौरान बिहारवासियों को हुए वास्तविक लाभ पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि महागठबंधन की नीति स्पष्ट है और उनकी पार्टी का उद्देश्य नया बिहार बनाना है, जहाँ लोगों को अपने जिलों में ही नौकरी और रोजगार मिलें। इसके साथ ही शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार कर लोग अपने राज्य में ही पढ़ाई और इलाज कर सकें, ताकि दूसरे राज्यों का सहारा लेने की जरूरत न पड़े।
सहनी के अनुसार, बिहार का वास्तविक विकास तभी संभव है जब यहाँ के युवा अपने घरों में ही अवसर पाएँ और पलायन रुके। उनका जोर इस बात पर था कि बिहार को सिर्फ वोट बैंक या मजदूर सप्लाई वाला प्रदेश नहीं बनने दिया जाए, बल्कि यहाँ उद्योग, रोजगार और बेहतर जीवनयापन की स्थिति बने। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका लक्ष्य एक ऐसा बिहार है, जहाँ लोगों को अपने राज्य में ही जीने और काम करने का अवसर मिले, जिससे युवा पलायन न करें और राज्य का विकास स्थायी हो।
मुकेश सहनी ने केंद्र और राज्य सरकार की नीतियों की आलोचना करते हुए बिहारवासियों के रोजगार, उद्योग और शिक्षा-स्वास्थ्य सुधार पर ध्यान देने की आवश्यकता पर जोर दिया। उनका यह बयान चुनावी माहौल में महागठबंधन की विकासोन्मुख रणनीति को प्रमुखता देने वाला रहा।