1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 25 Nov 2025 10:10:14 AM IST
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Film Incentive Policy : इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल के वेब्स फिल्म बाजार में बिहार को लेकर फिल्मकारों और प्रोड्यूसरों की बढ़ती रुचि देखने को मिली। सोमवार को वेब्स फिल्म का आखिरी दिन था, जिसमें देश-विदेश से आए फिल्म निर्माता और प्रोड्यूसर बिहार में फिल्म निर्माण के अवसरों और संभावनाओं को जानने के लिए पहुंचे। इस अवसर पर बिहार राज्य फिल्म विकास एवं वित्त निगम के प्रबंध निदेशक एवं कला, संस्कृति और युवा विभाग के सचिव प्रणव कुमार ने फिल्मकारों से मुलाकात की और उन्हें बिहार फिल्म प्रोत्साहन नीति की विस्तृत जानकारी दी।
प्रणव कुमार ने बताया कि बिहार में अब फिल्म निर्माताओं के लिए बेहतर अवसर हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार और फिल्म निगम फिल्म निर्माण में सभी प्रकार के सहयोग के लिए तैयार हैं। बिहार में अब तक 29 फिल्मों को शूटिंग की अनुमति मिल चुकी है, और जिन प्रोड्यूसरों ने यहां शूटिंग की, उन्हें प्रशासनिक सहयोग भी प्राप्त हुआ। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि बिहार में शूटिंग की प्रक्रिया आसान और पारदर्शी है, जिससे फिल्म निर्माता अपनी फिल्म की योजना बिना किसी बाधा के पूरा कर सकते हैं।
फिल्म मेकर संगीता दत्ता, जो बांग्ला फिल्मों के लिए जानी जाती हैं, ने इस अवसर पर बिहार में अपनी नई फीचर फिल्म “शरणार्थी- द रिफ्यूजी” की शूटिंग के लिए संभावित लोकेशन्स की जानकारी ली। उन्होंने बताया कि उनकी फिल्म का आगे का शूटिंग बिहार के विहारों और बुद्ध से संबंधित स्थलों पर किया जाएगा। संगीता ने कहा कि बिहार के प्राकृतिक और सांस्कृतिक दृश्य फिल्म की कहानी के लिए बहुत उपयुक्त हैं।
टीवीएफ (The Viral Fever) के प्रतिनिधि अमृतांश वाजपेयी ने भी इस अवसर पर बिहार में फिल्म निर्माण की संभावनाओं पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि टीवीएफ ने अब तक पंचायत जैसी कई सफल वेब सीरीज बनाई हैं और अब वे बिहार की कहानियों को थियेटर और ओटीटी प्लेटफॉर्म पर प्रस्तुत करने की योजना बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि बिहार की संस्कृति, परंपरा और ग्रामीण जीवन कहानियों के लिए बहुत आकर्षक पृष्ठभूमि प्रदान कर सकते हैं। अमृतांश ने आगे कहा कि वे बिहार सरकार और फिल्म निगम के सहयोग से नए प्रोजेक्ट्स की शूटिंग की संभावनाओं को तलाश रहे हैं और उम्मीद है कि आने वाले समय में कई फिल्मों का निर्माण बिहार में होगा।
अभिनेता विकास कुमार ने कहा कि बिहार फिल्म प्रोत्साहन नीति बहुत ही प्रभावशाली और सकारात्मक कदम है। उन्होंने सभी कलाकारों और फिल्मकारों से अपील की कि वे अपनी क्षमता के अनुसार इस नीति का हिस्सा बनें और बिहार में फिल्म निर्माण को बढ़ावा दें। उनके अनुसार यह नीति न केवल फिल्म उद्योग के लिए बल्कि स्थानीय युवाओं के लिए भी रोजगार और अवसर प्रदान करेगी।
लेखक, निर्देशक और प्रोड्यूसर देव्यांशु चौधरी, जिन्होंने अमेजन प्राइम के लिए फिल्म अड्डा बनाई थी, ने बिहार फिल्म प्रोत्साहन नीति की जानकारी लेने के बाद कहा कि यह नीति स्वतंत्र फिल्म निर्माताओं के लिए अत्यंत सहायक सिद्ध होगी। उन्होंने कहा कि अनुदान और प्रशासनिक सहयोग की वजह से छोटे बजट की फिल्मों का निर्माण करना अब ज्यादा आसान हो गया है। देव्यांशु ने बिहार की सांस्कृतिक विविधता और लोकेशन्स की खूबियों को फिल्म निर्माण के लिए आदर्श बताया।
इस अवसर पर बिहार राज्य फिल्म विकास एवं वित्त निगम ने बताया कि राज्य सरकार फिल्म निर्माण के लिए सभी आवश्यक अनुमतियों, सुरक्षा, स्थानों और स्थानीय संसाधनों में सहयोग प्रदान करती है। साथ ही, राज्य सरकार स्थानीय कलाकारों और तकनीशियनों को रोजगार देने पर भी जोर दे रही है। इसके तहत, फिल्म निर्माण में स्थानीय प्रतिभाओं को शामिल किया जाता है जिससे बिहार में फिल्म उद्योग को भी नई दिशा मिलेगी।
फिल्मकारों के अनुसार, बिहार फिल्म प्रोत्साहन नीति के अंतर्गत मिलने वाले अनुदान, सुविधाजनक शूटिंग प्रक्रिया और प्रशासनिक सहयोग के कारण राज्य को फिल्म निर्माण के लिए आकर्षक बनाना संभव हो पाया है। कई फिल्म निर्माता अब अपने प्रोजेक्ट्स के लिए बिहार में लोकेशन खोजने की योजना बना रहे हैं।
इस अवसर पर मौजूद अन्य फिल्मकारों और कलाकारों ने भी बिहार में फिल्म निर्माण के लिए सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा बनाई गई नीति से बिहार में फिल्म उद्योग के लिए न केवल नई संभावनाएं खुलेंगी बल्कि स्थानीय कला और संस्कृति को भी बढ़ावा मिलेगा।
बिहार राज्य फिल्म विकास एवं वित्त निगम के अनुसार, आने वाले समय में और अधिक फिल्म निर्माता, प्रोड्यूसर और कलाकार बिहार में अपनी परियोजनाओं पर काम करेंगे। इससे न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था को लाभ मिलेगा बल्कि बिहार को फिल्म पर्यटन के क्षेत्र में भी नई पहचान मिलेगी।