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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 16 May 2025 03:19:25 PM IST
बिहार न्यूज - फ़ोटो GOOGLE
Bihar News: बिहार में फिल्मों की शूटिंग के लिए उपयुक्त स्थलों की तलाश में प्रशासन की तरफ से कोई खास रुचि नहीं दिखाई जा रही है। बिहार फिल्म प्रोत्साहन नीति के तहत राज्य सरकार ने फिल्म निर्माताओं को शूटिंग के लिए राज्य में आकर्षक सब्सिडी और करों में छूट देने का प्रावधान किया है, लेकिन जिलों द्वारा संभावित शूटिंग स्थलों की सूची न दिए जाने के कारण इस योजना को लागू करने में देरी हो रही है। कला, संस्कृति और युवा विभाग ने इस मुद्दे को लेकर गंभीर नाराजगी जताई है और अधिकारियों को शीघ्र कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
कला, संस्कृति और युवा विभाग ने कहा कि राज्य में फिल्म निर्माण को बढ़ावा देने के लिए कई प्रयास किए गए हैं, लेकिन अब तक छह जिलों ने ही अपने क्षेत्रों में उपयुक्त फिल्म शूटिंग स्थलों की सूची विभाग को सौंपी है। इन जिलों में खगड़िया, जहानाबाद, गया, बांका, औरंगाबाद और शेखपुरा शामिल हैं। अन्य जिलों द्वारा इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। विभाग ने बताया कि इसके बावजूद कई बार जिला अधिकारियों से इस संबंध में सूची भेजने के लिए अनुरोध किया गया था, लेकिन इसका कोई परिणाम नहीं आया।
मार्च 2024 में, कला संस्कृति और युवा विभाग के सचिव प्रणव कुमार ने सभी जिलाधिकारियों को आदेश दिया था कि वे अपने जिलों में शूटिंग के लिए उपयुक्त स्थलों की सूची तैयार करके विभाग को भेजें। विभाग ने निर्देश दिए थे कि जिन स्थलों पर शूटिंग की योजना है, वहां सभी आवश्यक सुविधाओं और सुरक्षा का प्रबंध भी किया जाए। रूबी (विभाग की निदेशक) ने जिलों को निर्देशित किया कि जल्द से जल्द उन स्थलों की सूची विभाग को प्रदान करें, ताकि काम की शुरुआत की जा सके।
हालांकि, अब तक मुजफ्फरपुर और अन्य 32 जिलों ने इस सूची को नहीं भेजा है, जबकि इन जिलों में धार्मिक, साहित्यिक, शैक्षणिक और पुरातात्विक स्थल मौजूद हैं, जो फिल्म शूटिंग के लिए आदर्श हो सकते हैं। यदि इन स्थलों की सूची विभाग को भेजी जाए, तो वहां पर आधारभूत संरचनाओं का विकास किया जा सकता है, जिससे राजस्व की प्राप्ति भी हो सकती है। उदाहरण के तौर पर मुजफ्फरपुर में मुंडेश्वरी मंदिर और मिथिला की साहित्यिक धरोहर जैसी जगहें फिल्म शूटिंग के लिए उपयुक्त हो सकती हैं।
राज्य सरकार का उद्देश्य है कि बिहार में फिल्म निर्माण को बढ़ावा दिया जाए, ताकि इससे न सिर्फ राज्य की संस्कृति और कला को बढ़ावा मिले, बल्कि स्थानीय कलाकारों और आर्थिक रूप से कमजोर समुदायों को भी रोजगार मिले। इस पहल से स्थानीय व्यवसायों को भी लाभ होगा और नौकरी के अवसर पैदा होंगे। अन्य राज्यों में भी इस प्रकार के प्रयास किए जा रहे हैं, और बिहार में भी इस दिशा में सकारात्मक बदलाव लाने की योजना है।
कला विभाग ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि स्थल का विवरण, उसकी ऐतिहासिकता, धार्मिक स्थल, प्राकृतिक स्थल, शैक्षणिक संस्थान, बाजार/व्यावसायिक क्षेत्र और पुरातात्विक स्थल के बारे में जानकारी दी जाए। इसके साथ ही रेलवे स्टेशन, हवाई अड्डा, स्थान का स्वामित्व, और स्थल के उपयोग के लिए निर्धारित शुल्क के बारे में भी विस्तृत जानकारी उपलब्ध करानी होगी।
राज्य सरकार के इस कदम से न केवल फिल्म निर्माताओं को सुविधाएं मिलेंगी, बल्कि राज्य के पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। फिल्म निर्माण से जुड़े संगठनों, लॉजिस्टिक कंपनियों, और होटल इंडस्ट्री को भी लाभ होगा। राज्य सरकार का लक्ष्य स्थानीय फिल्म इंडस्ट्री को भी बढ़ावा देना है और बिहार को एक प्रमुख फिल्म शूटिंग डेस्टिनेशन बनाना है। आखिरकार, यह पहल न सिर्फ सिनेमा और सांस्कृतिक धरोहर को बढ़ावा देगी, बल्कि राजस्व और स्थानीय रोजगार भी सृजित करेगी।