Bihar Jobs : नीतीश सरकार का आदेश, जल्द मिलेगा इतने युवाओं को रोजगार; नई सरकार ने शुरू किया तेज काम

बिहार सरकार ने रोजगार और औद्योगिक विकास को नई रफ्तार देते हुए अगले पाँच वर्षों में 1 करोड़ युवाओं को नौकरी व रोजगार देने का लक्ष्य तय किया है। टेक हब, इंडस्ट्रियल कॉरिडोर और नई नीतियों से बदलते बिहार को नई दिशा मिलेगी।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 25 Nov 2025 11:33:28 AM IST

Bihar Jobs : नीतीश सरकार का आदेश, जल्द मिलेगा इतने युवाओं को रोजगार; नई सरकार ने शुरू किया तेज काम

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बिहार में नई सरकार के गठन के साथ ही राज्य में रोजगार सृजन और औद्योगिक विकास को नई दिशा देने की प्रक्रिया तेज हो गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में युवाओं को अधिक से अधिक सरकारी नौकरी एवं रोजगार उपलब्ध कराना शुरू से ही प्राथमिकता रही है। इसी विज़न के तहत सात निश्चय–2 के माध्यम से वर्ष 2020 से 2025 के बीच 50 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी और रोजगार उपलब्ध कराया जा चुका है। अब अगले पाँच वर्षों (2025–30) में सरकार ने 1 करोड़ युवाओं को नौकरी एवं रोजगार देने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है।


नई सरकार के गठन के बाद राज्य में उद्योगों को बढ़ावा देने, निवेश आकर्षित करने और युवाओं के लिए बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने की दिशा में तेजी से काम शुरू कर दिया गया है। सरकार का फोकस एक ऐसे ‘न्यू ऐज इकोनॉमी’ के निर्माण पर है, जिसमें टेक्नोलॉजी, नवाचार और सर्विस सेक्टर प्रमुख भूमिका निभाएँ। इस उद्देश्य से बिहार से संबंध रखने वाले देश–विदेश के अग्रणी उद्यमियों और विशेषज्ञों के सुझाव लेकर नई नीतियों और योजनाओं का निर्धारण किया जाएगा। साथ ही प्रमुख विभागों और प्रतिष्ठित अर्थशास्त्रियों के सहयोग से एक विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर बिहार को ‘वैश्विक बैक एंड हब’ एवं ‘ग्लोबल वर्कप्लेस’ के रूप में विकसित करने की दिशा में कदम बढ़ाए जाएंगे।


बिहार की आबादी में युवाओं की संख्या अधिक है। यदि इस विशाल युवा शक्ति को सही दिशा और अवसर मिले, तो बिहार देश का सबसे तेजी से विकसित होने वाला राज्य बन सकता है। सरकार ने इस क्षमता को ध्यान में रखते हुए बिहार को पूर्वी भारत का नया ‘टेक्नोलॉजी हब’ बनाने का लक्ष्य रखा है। इसके तहत राज्य में डिफेंस कॉरिडोर, सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग पार्क, ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स, मेगा टेक सिटी और फिनटेक सिटी की स्थापना की तैयारी की जा रही है। इन परियोजनाओं के माध्यम से उद्योगों का जाल बिछेगा और लाखों युवाओं के लिए नए रोजगार अवसर सृजित होंगे।


औद्योगिक विकास को रफ्तार देने के साथ ही सरकार ने कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करने का प्लान बनाया है। राज्य में नई चीनी मिलों की स्थापना और पुरानी बंद पड़ी चीनी मिलों को पुनः संचालित करने की दिशा में नीति तैयार की गई है। इससे किसानों के लिए नए अवसर बनेंगे और गन्ना उद्योग को मजबूती मिलेगी। इसके अलावा राज्य के प्रमुख शहरों को बेहतर, आधुनिक और सुंदर बनाने की योजना भी तेजी से तैयार की जा रही है। नई तकनीकों के उपयोग को बढ़ावा देने और राज्य को तकनीकी रूप से अग्रणी बनाने के लिए ‘बिहार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मिशन’ की स्थापना का निर्णय लिया गया है, जो विभिन्न विभागों में टेक्नोलॉजी के उपयोग को बढ़ाएगा।


इन सभी योजनाओं को प्रभावी तरीके से लागू करने हेतु राज्य सरकार ने आज मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया है। यह समिति उद्योगों को बढ़ावा देने, रोजगार सृजन से संबंधित योजनाओं के क्रियान्वयन और उनकी अनुश्रवण का कार्य करेगी। समिति का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि प्रत्येक योजना तय समयसीमा के भीतर पूरी हो और इसके लाभ सीधे युवाओं तक पहुँचें।


पिछले कुछ वर्षों में बिहार में औद्योगीकरण ने उल्लेखनीय गति पकड़ी है। आधारभूत संरचना, सड़क नेटवर्क, बिजली आपूर्ति और जल प्रबंधन के क्षेत्र में बड़े बदलाव हुए हैं। अब राज्य के पास उच्च गुणवत्ता वाली पावर सप्लाई, विकसित इंडस्ट्रियल कॉरिडोर, शानदार कनेक्टिविटी और कुशल मानव संसाधन उपलब्ध है, जो किसी भी बड़े निवेश के लिए अनुकूल माहौल प्रदान करता है। नई सरकार इन सुविधाओं का उपयोग करते हुए बड़े पैमाने पर उद्योग लगाने के लिए कृतसंकल्पित है।


राज्य सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि रोजगार और औद्योगिक विकास उनकी शीर्ष प्राथमिकताओं में शामिल हैं। सरकार का कहना है कि जो काम वह शुरू करती है, उसे समय पर पूरा भी करती है। युवाओं की आकांक्षाओं को पूरा करने और बिहार को एक विकसित राज्य बनाने के लिए योजनाओं को जमीन पर उतारा जा रहा है। तेजी से बदलते बिहार की इस नई विकास यात्रा में उद्योग, टेक्नोलॉजी और रोजगार तीनों एक साथ आगे बढ़ेंगे।