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1st Bihar Published by: FIRST BIHAR Updated Sat, 01 Feb 2025 01:26:30 PM IST
सरकारी भूमि की सुरक्षा एवं संरक्षा बनी चुनौती - फ़ोटो google
Bihar Land: सरकारी भूमि की सुरक्षा एवं संरक्षा को लेकर राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग गंभीर है और इसके लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं। पहले सरकारी भूमि को विभाग के पोर्टल पर इंट्री कर ऑनलाइन किया गया है और अभी इसे सत्यापित करने का काम चल रहा है। राजस्व कर्मचारी, राजस्व अधिकारी एवं अंचल अधिकारी को इस महत्वपूर्ण काम की जिम्मेदारी दी गई है। इससे संबंधित एक पत्र विभाग के सचिव श्री जय सिंह द्वारा सभी समाहर्ताओं को लिखा गया है।
बीते 28 जनवरी को मुख्य सचिव स्तर पर इस मुद्दे की समीक्षा की गई। पाया गया कि राज्य के कुल 45859 मौजों में से मात्र 1355 मौजों में ऑनलाइन इंट्री का काम अभी तक शुरू नहीं किया जा सका है। जो प्रविष्टि की गई है उससे अभी तक कुल 3160947 सरकारी खेसरों की जानकारी प्राप्त हुई है, जिनका कुल रकवा 1786276 एकड़ है। बैठक में विभाग द्वारा बताया गया कि सभी प्रविष्टि के सत्यापन का काम भी शुरू हो चुका है और सभी जरूरी निदेश जिलों में भेज दिए गए हैं।
इससे पूर्व विभाग स्तर पर सरकारी भूमि को चिन्हित किए जाने की आवश्यकता को देखते हुए हरेक जिला के सभी मौजों की सरकारी भूमि की सूची तैयार करने के लिए विभाग द्वारा सॉफ्टवेयर का निर्माण किया गया था। पिछले सर्वे खतियान को आधार बनाकर सभी तरह की सरकारी भूमि की ऑनलाइन इंट्री का काम किया गया था। किसी भी मौजा में उपलब्ध सरकारी भूमि के सभी प्रकारों यानि सीएस खतियान, आरएस खतियान, चकबंदी खतियान तथा अंचल में रक्षित सरकारी भूमि पंजी में दर्ज सभी सरकारी खेसरों की ऑनलाइन किया जा चुका है।
इस काम के लिए विभाग ने सत्यापन मॉड्यूल विकसित कर ई-जमाबंदी लॉगिन में आवश्यक प्रावधान किए हैं। यह मॉड्यूल पूर्व की भांति मेकर, चेकर और एप्रूवर के रूप में काम करेगी। राजस्व कर्मचारी मेकर, राजस्व अधिकारी चेकर और अंचल अधिकारी एप्रूवर के रूप में कार्य करेंगे। उनके द्वारा पूर्व में दर्ज किए गए सरकारी भूमि के विवरण को ऑनलाइन एवं ऑफलाइन पंजी से मिलान कर उसका सत्यापन किया जा सकेगा।
विभिन्न विभागों को सरकारी भवन के निर्माण एवं विभिन्न परियोजनाओं को पूरा करने के लिए सरकारी भूमि की जरूरत होती है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग संबंधित विभागों को उनकी आवश्यकता के अनुरूप और कायदे-कानूनों का पालन करते हुए सरकारी भूमि उपलब्ध कराता है।