ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar Election 2025: चुनाव आयोग का सख्त आदेश, डीपफेक और भ्रामक वीडियो फैलाने वालों पर होगी कार्रवाई BIHAR NEWS : गयाजी में स्कूल बस ड्राइवर पर बाइक सवार बदमाशों का हमला, सीने में लगी गोली; बस में सवार थे बच्चे मंत्री हैं...BJP के बड़े नेता हैं, सेफ सीट पर है गिद्ध दृष्टि ! नजर सबसे सुरक्षित राजधानी की इस विधानसभा क्षेत्र पर, वैसे 'नेताजी' आज तक चुनाव लड़े ही नहीं हैं ‘The Conjuring: Last Rites’ मचाएगी ओटीटी पर खौफ, जानें कब होगी रिलीज? Patna Crime News: पटना में धान के खेत से 8 साल की मासूम का शव मिलने से सनसनी, रेप के बाद हत्या की आशंका Patna Crime News: पटना में धान के खेत से 8 साल की मासूम का शव मिलने से सनसनी, रेप के बाद हत्या की आशंका Bihar Politics: NDA में सीट बंटवारा पर घमासान ! चिराग पासवान ने दिए बड़े संकेत,कहा - जबतक मंत्री हूं तबतक .... Bihar Crime News: चुनाव की घोषणा के बाद बिहार में बढ़ी चौकसी, ट्रेन से ढाई करोड़ के सोना के साथ स्मगलर अरेस्ट Bihar Crime News: चुनाव की घोषणा के बाद बिहार में बढ़ी चौकसी, ट्रेन से ढाई करोड़ के सोना के साथ स्मगलर अरेस्ट BIHAR NEWS : अब 23 भाषाओं में मिलेगी FIR की कॉपी , मैथिली, संथाली और नेपाली भी शामिल; NCRB का नया आदेश

पटना में महिला DCLR ने किया बड़ा खेल..! खुलासे के बाद नींद से जागा राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, अब जाकर लिया यह निर्णय, जानें क्या है मामला...

PATNA: तत्कालीन DCLR मैत्री सिंह ने जो खेल खेला, उससे राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग को सबक मिला है.राजस्व न्यायालयों के कामकाज को पारदर्शी एवं जवाबदेह बनाने को लेकर कोशिश शुरू की गई है.आदेश को डिजिटली ऑनलाइन करने की नई व्यवस्था लागू की गई है.

1st Bihar Published by: Viveka Nand Updated Sat, 08 Feb 2025 05:26:36 PM IST

bihar land case,land vivad, patna dclr, dclr court,Bihar Land Survey, bihar revenue court, bihar bhumi survey, bhumi survey, बिहार राजस्व न्यायालय bihar bhumi jamabandi, bhumi jamabandi, Revenue and L

मैत्री सिंह का फाइल फोटो - फ़ोटो Google

Bihar Land: पटना सदर की तत्कालीन डीसीएलआर मैत्री सिंह ने जो खेल खेला, उससे राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग को सबक मिला है. आरोप है कि स्थानांतरण के बाद बिहार प्रशासनिक सेवा की अधिकारी व पटना सदर की डीसीएलआर मैत्री सिंह ने जमीन से जुड़े 700केस की फाइल साथ लेकर चली गईं. खुलासे के बाद हड़कंप मच गया. जिलाधिकारी पटना ने टीम गठित की, जांच में पाया गया कि तत्कालीन डीसीएलआर मैत्री सिंह ने अपने स्थानांतरण के बाद केस से संबंधित फाइल व अन्य सामान दफ्तर से ले गई हैं. जिलाधिकारी ने पूरे मामले में जांच रिपोर्ट राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग को भेजा. इसके बाद दिसंबर 2024 में सरकार ने आरोपी डीसीएलआर को सस्पेंड कर दिया. इस तरह के मामले सामने आने के बाद भूमि सुधार उप समाहर्ता व अन्य जिम्मेदार अधिकारी, जो भूमि से संबंधित केस में आदेश पारित करते हैं, उसमें पारदर्शिता लाने को लेकर नई कोशिश शुरू की गई है.  

पहले ऑफलाइन पारित होता था आदेश, अब  होगा ऑनलाइन 

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की तरफ से जानकारी दी गई है कि, राजस्व न्यायालयों के कामकाज को और अधिक पारदर्शी एवं जवाबदेह बनाने के लिए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने अंतिम पारित आदेश को डिजिटली ऑनलाइन करने की नई व्यवस्था की है. इससे न्यायालयों में पारित आदेश उसी दिन सभी प्रभावित पक्षों को प्राप्त हो जाएगा, जिससे लोगों में असंतोष नहीं होगा.पहले राजस्व न्यायालयों द्वारा सुनवाई के बाद दिए गए आदेश को ऑफलाइन पारित करने, इसके बाद उसपर कलम से दस्तखत करने के बाद पोर्टल पर ऑनलाइन करने की व्यवस्था थी. अब ऑनलाइन पोर्टल पर ही आदेश लिखने तथा इसे Digital Signature Certificate (DSC) से हस्ताक्षरित करते हुए वाद को निष्पादित करने का प्रावधान किया गया है.

विभाग के सचिव ने सभी डीएम को लिखा पत्र

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव जय सिंह ने सभी प्रमंडलीय आयुक्त एवं सभी समाहर्ताओं को इस संबंध में एक पत्र लिखा है। पत्र में स्पष्ट किया गया है कि राजस्व न्यायालय प्रबंधन प्रणाली के तहत पारित किए गए आदेश को ऑनलाइन टाइप करते हुए और इसे डी0एस0सी0 से हस्ताक्षरित करके ही वादों का निष्पादन सुनिश्चित किया जाए.विभाग को सूचना मिली थी कि कई मामलों में विभिन्न स्तर के राजस्व न्यायालयों के आदेशों को पूर्व की तिथि से ही हस्ताक्षर एवं निर्गत किया गया है. किंतु आर0सी0एम0एस0 पोर्टल पर बाद की तिथि में अपलोड किया गया है। इससे गड़बड़ी की आशंका को बल मिलता है। बता दें, पटना सदर की डीसीएलआर ने ऐसा ही खेल किया था. तब पटना जिलाधिकारी ने पूरे मामले का खुलासा किया था. डीएम की रिपोर्ट पर तत्कालीन डीसीएलआर को सस्पेंड किया गया है.

विभाग ने बताया है कि पोर्टल पर आदेश अपलोड होने के बाद ही इसकी जानकारी आवेदक, अपीलार्थी या विपक्षी को हो पाती है। देर से फैसलों की जानकारी होने के कारण आवेदक या अपीलार्थी को अपील या पुनरीक्षण के लिए प्राप्त वैधानिक अवधि कम हो जाती है। इससे उनके अधिकारों का हनन होता है। राजस्व न्यायालय प्रबंधन प्रणाली के तहत न्यायालय की सभी प्रक्रियाएं यथा- सभी वादों को ऑनलाइन दायर करने, वादों की सुनवाई संबंधी cause list  को ऑनलाइन करने तथा सुनवाई की तिथि को पारित अंतरिम आदेश को डिजिटली ऑनलाइन दर्ज करने की व्यवस्था पूर्व से ही लागू है। 

राजस्व प्रबंधन से संबंधित सभी न्यायालयों को ऑनलाइन एवं एकीकृत करते हुए एक ही पोर्टल में समाहित कर दिया गया है। नया आदेश अंचल अधिकारी, भूमि सुधार उप समाहर्ता, अपर समाहर्ता, समाहर्ता एवं आयुक्त के राजस्व न्यायालयों पर समान रूप से लागू होगा। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री डॉ दिलीप कुमार जायसवाल ने कहा कि सभी राजस्व न्यायालयों को एकीकृत करके जून, 2024 में एक ही पोर्टल में समाहित कर दिया गया था। अगस्त, 24 में इसमें समाहर्ता और आयुक्त के न्यायालय को जोड़ दिया गया था। नई व्यवस्था से न्याय निर्णय होने और उसे प्रकाशित/प्रसारित होने के बीच के अंतराल को खत्म कर देगा।