1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 22 May 2025 08:27:42 AM IST
प्रतीकात्मक - फ़ोटो Google
Bihar Monsoon 2025: बिहार में भीषण गर्मी और उमस के बीच मानसून की प्रतीक्षा तेज हो गई है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के ताजा अपडेट के अनुसार, दक्षिण-पश्चिम मानसून के 27 मई 2025 को केरल में प्रवेश करने की संभावना है, जो सामान्य तिथि 1 जून से पांच दिन पहले है। बिहार में मानसून की दस्तक 10 से 15 जून के बीच होने की उम्मीद है, जो पिछले साल की तुलना में चार से पांच दिन पहले है।
मौसम विज्ञान केंद्र, पटना के अनुसार, पिछले साल मानसून 20 जून को पांच दिन की देरी से आया था और 20% कम बारिश दर्ज की गई थी। इस बार समय से पहले मानसून और सामान्य से बेहतर बारिश की उम्मीद जताई जा रही है, जो किसानों के लिए राहतकारी हो सकती है। वहीं, प्री-मानसून बारिश ने उत्तरी और दक्षिणी बिहार में उमस बढ़ा दी है। वर्तमान में बिहार का मौसम सामान्य बना हुआ है, लेकिन बंगाल की खाड़ी से नमी युक्त हवाओं के कारण उमस बढ़ गई है।
पटना समेत कई जिलों में आंशिक बादल छाए रहने और छिटपुट बारिश की संभावना है। IMD ने अगले चार-पांच दिनों तक मौसम में विशेष बदलाव न होने की बात कही है, लेकिन उत्तरी बिहार के कई जिलों में मेघगर्जन, वज्रपात और 30-50 किमी/घंटा की तेज हवाओं के साथ यलो अलर्ट जारी किया है। बीते 24 घंटों में पूर्णिया, किशनगंज, अररिया, कटिहार, सुपौल, जमुई, बांका और मधेपुरा में बारिश दर्ज की गई, जिसमें पूर्णिया के ढेंगराघाट में सर्वाधिक 46.2 मिमी बारिश हुई।
जबकि, बुधवार को पटना में धूप-छांव और बूंदाबांदी के साथ अधिकतम तापमान 35.2°C और न्यूनतम 26.7°C रहा, जबकि डेहरी में सर्वाधिक 39.4°C तापमान दर्ज किया गया। IMD की भविष्यवाणी के अनुसार, बिहार में मानसून की संभावित तिथि 13-15 जून है, हालांकि कुछ क्षेत्रों में यह 10 जून तक भी पहुंच सकता है। यह समय से पहले आने की संभावना किसानों के लिए सकारात्मक संकेत है, क्योंकि बिहार में 75% से अधिक खेती मानसून पर निर्भर है।
खरीफ फसलों जैसे धान और मक्का की बुवाई के लिए समय पर बारिश महत्वपूर्ण है। हालांकि, IMD ने चेतावनी दी है कि बिहार में बारिश सामान्य से थोड़ी कम रह सकती है, जिसके लिए किसानों को वैकल्पिक सिंचाई योजनाओं पर ध्यान देना होगा। पटना मौसम केंद्र के विशेषज्ञों ने बताया है कि मानसून की प्रगति बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में चक्रवाती गतिविधियों पर निर्भर करेगी।