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Bihar Monsoon: बिहार के 20+ जिलों में नहीं हुई पर्याप्त वर्षा, अब भी बरकरार है सूखे का खतरा

Bihar Monsoon: बिहार के 22 जिलों में सामान्य से 21-56% कम बारिश। सीतामढ़ी, सुपौल, सहरसा सबसे ज्यादा प्रभावित। सूखे का खतरा बरकरार, 21 अगस्त से मॉनसून सक्रिय होने की उम्मीद...

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 18 Aug 2025 09:35:20 AM IST

Bihar Monsoon

प्रतीकात्मक - फ़ोटो Google

Bihar Monsoon: बिहार में मॉनसून 2025 की अनियमितता ने 22 जिलों में सूखे का खतरा बढ़ा दिया है। इन सभी जिलों में सामान्य से 21-56% कम बारिश दर्ज की गई है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार सीतामढ़ी (56% कमी, 325 मिमी), सुपौल और सहरसा (54% कमी, 340 और 332 मिमी), गोपालगंज (49% कमी, 325 मिमी), मुजफ्फरपुर और पश्चिमी चंपारण (48% कमी, 331 और 430 मिमी) सबसे अधिक प्रभावित हैं। जबकि मधुबनी, पूर्णिया, अररिया, भोजपुर और सारण में भी 42-47% कम बारिश हुई है। कुल मिलाकर, बिहार में अब तक 493 मिमी बारिश हुई, जो सामान्य (659 मिमी) से 25% कम है।


कम बारिश ने खरीफ फसलों पर संकट खड़ा कर दिया है। भोजपुर, सारण, सुपौल, भागलपुर और मुंगेर में बारिश की भारी कमी के बावजूद पड़ोसी राज्यों और कैचमेंट क्षेत्रों में हुई बारिश के कारण इन जिलों में बाढ़ का दंश भी झेलना पड़ रहा है। किशनगंज, दरभंगा, जहानाबाद, कटिहार, मुंगेर, समस्तीपुर, शिवहर और सिवान में 21-35% कम बारिश दर्ज हुई है। केवल गया, औरंगाबाद और नवादा जैसे दक्षिणी जिले सामान्य से अधिक बारिश वाले क्षेत्र रहे हैं। किसानों का कहना है कि बिना पर्याप्त बारिश के धान की रोपाई मुश्किल हो रही है और कृत्रिम सिंचाई की लागत बढ़ रही है।


इधर IMD के अनुसार 21 अगस्त से मॉनसून फिर से सक्रिय होगा क्योंकि बंगाल की खाड़ी में निम्न दबाव क्षेत्र बनने और मॉनसून ट्रफ के दक्षिण बिहार से गुजरने की संभावना है। इससे 27 अगस्त तक पूरे बिहार में भारी बारिश की उम्मीद है, खासकर उत्तरी और पूर्वी जिलों में। हालांकि, 18-20 अगस्त तक किशनगंज, अररिया, पूर्णिया, मधुबनी, सीतामढ़ी, शिवहर, पूर्वी चंपारण, भागलपुर, बांका, मुंगेर, खगड़िया और सहरसा में मध्यम से भारी बारिश (64-115 मिमी) और वज्रपात का येलो अलर्ट जारी है। यह बारिश सूखे के खतरे को कम कर सकती है, लेकिन साथ ही बाढ़ का जोखिम भी बढ़ा सकती है।


सूखा प्रभावित जिले  

1. सीतामढ़ी: 56% (325 मिमी)  

2. सुपौल: 54% (340 मिमी)  

3. सहरसा: 54% (332 मिमी)  

4. गोपालगंज: 49% (325 मिमी)  

5. मुजफ्फरपुर: 48% (331 मिमी)  

6. पश्चिमी चंपारण: 48% (430 मिमी)  

7. मधुबनी: 47% (353 मिमी)  

8. पूर्णिया: 47% (506 मिमी)  

9. अररिया: 42% (550.5 मिमी)  

10. भोजपुर: 42% (328 मिमी)  

11. सारण: 42% (542 मिमी)  

12. किशनगंज, भागलपुर, दरभंगा, जहानाबाद, कटिहार, मुंगेर, समस्तीपुर, शिवहर, सिवान, वैशाली, मधेपुरा: 21-35% कमी