Bihar government minister : नीतीश कुमार, सुनील कुमार और संजय सिंह टाइगर को मिले नए विभाग, जानिए किसे क्या मिला

बिहार सरकार ने तीन नए विभाग मंत्रियों को सौंपे। नीतीश कुमार को विभाजन विभाग, सुनील कुमार को शिक्षा और उच्च शिक्षा, संजय सिंह टाइगर को युवा रोजगार और कौशल विकास।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 13 Dec 2025 09:17:50 AM IST

Bihar government minister : नीतीश कुमार, सुनील कुमार और संजय सिंह टाइगर को मिले नए विभाग, जानिए किसे क्या मिला

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Bihar government minister : बिहार सरकार ने हाल ही में तीन नए विभागों का गठन किया है और इनकी जिम्मेदारियों का बंटवारा मंत्रियों के बीच कर दिया गया है। कैबिनेट विभाग की अधिसूचना के अनुसार, नवगठित विभागों में सबसे अहम विभाग का जिम्मा खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सौंपा गया है। इस कदम से यह स्पष्ट हो गया है कि विभाजन और प्रशासनिक मामलों में मुख्यमंत्री की सीधे निगरानी जारी रहेगी।


विशेष रूप से उल्लेखनीय है कि नीतीश कुमार ने अपने विभागीय पोर्टफोलियो में विभाजन विभाग की जिम्मेदारी रखते हुए यह सुनिश्चित किया है कि राज्य के प्रशासनिक ढांचे में कोई कमी या असंतुलन न हो। इस फैसले को राज्य के विभिन्न राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। विभाजन विभाग का काम राज्य के प्रशासनिक सुधारों, नई योजनाओं के क्रियान्वयन और विभिन्न सरकारी विभागों के समन्वय से जुड़ा हुआ है। मुख्यमंत्री खुद इस विभाग की निगरानी करेंगे, जिससे यह विभाग और भी प्रभावी ढंग से काम कर सकेगा।


वहीं, शिक्षा क्षेत्र में भी बड़ा बदलाव किया गया है। मौजूदा शिक्षा मंत्री सुनील कुमार को इसके साथ ही उच्च शिक्षा विभाग भी सुनील कुमार के पोर्टफोलियो में शामिल किया गया है। इसका मतलब है कि अब राज्य के शिक्षा क्षेत्र की सभी जिम्मेदारियां एक ही मंत्री के हाथों में केंद्रित हो गई हैं। शिक्षा विभाग और उच्च शिक्षा विभाग का एकीकृत प्रबंधन शिक्षा नीति, पाठ्यक्रम सुधार, शिक्षक प्रशिक्षण और विद्यार्थियों के हित में नई योजनाओं के तेजी से लागू होने में मदद करेगा।


इस बदलाव के तहत शिक्षा और उच्च शिक्षा दोनों विभागों के एक ही मंत्री के पास आने से राज्य में शिक्षा नीति के समग्र सुधार की संभावनाएं बढ़ गई हैं। सुनील कुमार ने पहले भी शिक्षा सुधारों के लिए कई पहल की हैं और अब यह जिम्मेदारी मिलने से उन्हें और भी व्यापक स्तर पर काम करने का अवसर मिलेगा। इससे यह भी संभावना है कि प्राथमिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक की योजना और नीतियां और अधिक प्रभावशाली रूप से लागू की जा सकेंगी।


तीसरा और सबसे चर्चा में आने वाला विभाग है युवा रोजगार और कौशल विकास विभाग। इस विभाग की जिम्मेदारी भाजपा कोटे के नेता संजय सिंह टाइगर को दी गई है। संजय सिंह टाइगर आरा विधानसभा से चुनाव जीतकर आए हैं और वर्तमान में उन्हें श्रम संसाधन विभाग का प्रभार दिया गया था। अब उनके पोर्टफोलियो में युवा रोजगार और कौशल विकास को भी शामिल किया गया है। इस बदलाव से उनके कार्यक्षेत्र में वृद्धि हुई है और अब उन्हें राज्य के युवाओं के रोजगार और कौशल विकास की योजना बनाने और क्रियान्वित करने की जिम्मेदारी दी गई है।


युवा रोजगार और कौशल विकास विभाग का गठन राज्य में युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा करने और प्रशिक्षण तथा कौशल विकास के कार्यक्रमों को प्रभावी रूप से लागू करने के उद्देश्य से किया गया है। संजय सिंह टाइगर अब श्रम संसाधन विभाग के साथ-साथ युवा रोजगार और कौशल विकास को भी देखेंगे, जिससे युवाओं के लिए रोजगार के अवसरों में सुधार और कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रमों की गुणवत्ता में वृद्धि की उम्मीद है।


राज्य सरकार के इस कदम को राजनीतिक विश्लेषकों द्वारा रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। मंत्रियों के पोर्टफोलियो में यह बदलाव न केवल प्रशासनिक दृष्टिकोण से बल्कि राजनीतिक संतुलन और युवाओं की आकांक्षाओं को ध्यान में रखते हुए किया गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विभाजन विभाग अपने हाथ में रखकर यह संदेश दिया है कि राज्य के प्रशासनिक सुधार और नीतियों का समुचित क्रियान्वयन उनकी व्यक्तिगत निगरानी में होगा।


वहीं, सुनील कुमार के पास शिक्षा और उच्च शिक्षा दोनों विभागों का आना शिक्षा क्षेत्र में सुधार और योजनाओं के एकीकृत कार्यान्वयन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। वहीं, संजय सिंह टाइगर को युवा रोजगार और कौशल विकास विभाग का जिम्मा देने से युवाओं के लिए रोजगार और कौशल विकास के क्षेत्र में नई पहल की उम्मीद बढ़ गई है।


इस तरह, राज्य सरकार के मंत्रिमंडल में हुए इस फेरबदल से तीन मुख्य क्षेत्रों—प्रशासनिक विभाजन, शिक्षा और उच्च शिक्षा, तथा युवा रोजगार और कौशल विकास—में सुधार और नई योजनाओं की दिशा में तेजी आने की संभावना है। सभी मंत्रियों के पास अपने-अपने विभागों में नई योजनाओं और सुधारों को लागू करने की व्यापक जिम्मेदारी होगी, जिससे राज्य की प्रगति और विकास की दिशा मजबूत हो सके।