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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 12 Jul 2025 08:38:32 AM IST
प्रतीकात्मक - फ़ोटो Google
Bihar News: भारत में लिमिटेशन एक्ट 1963 के तहत प्रतिकूल कब्जा का नियम कहता है कि अगर कोई व्यक्ति आपकी निजी प्रॉपर्टी, जैसे जमीन, मकान या दुकान पर लगातार 12 साल तक कब्जा रखता है और आप यानी असली मालिक इस दौरान कोई कानूनी कदम या विरोध नहीं करते तो वह व्यक्ति उस प्रॉपर्टी का कानूनी मालिक बन सकता है।
यह नियम अंग्रेजों के समय से चला आ रहा है और इसका उद्देश्य पुराने प्रॉपर्टी विवादों को सुलझाना है। हालांकि, यह नियम केवल निजी संपत्तियों पर लागू होता है, सरकारी जमीन पर नहीं, जहां कब्जे की समय सीमा 30 साल है। कब्जेदार को यह साबित करना होता है कि उसका कब्जा खुलेआम, शांतिपूर्ण और मालिक की मर्जी के खिलाफ 12 साल तक रहा है।
यह नियम किराएदारों पर भी लागू हो सकता है। अगर कोई किराएदार 12 साल तक मकान में रहता है, रेंट एग्रीमेंट खत्म होने के बाद भी बिना बाधा के वहां रहता है और मालिक कोई कार्रवाई नहीं करता तो वह मालिकाना हक का दावा कर सकता है। इसके लिए उसे बिजली बिल, पानी बिल या प्रॉपर्टी टैक्स जैसे सबूत दिखाने होंगे, जो साबित करें कि उसने प्रॉपर्टी को मालिक की तरह इस्तेमाल किया है।
सुप्रीम कोर्ट ने 2004 के एम. सिद्दीक बनाम महंत सुरेश दास केस में स्पष्ट किया है कि किराएदार को यह साबित करना होगा कि उसका कब्जा “प्रतिकूल” था। उदाहरण के लिए अगर कोई आपके खाली प्लॉट पर 12 साल से घर बनाकर रह रहा है और आप चुप रहे तो वह कोर्ट में दावा ठोक सकता है।
सुप्रीम कोर्ट ने इस नियम को कई बार स्पष्ट किया है। 2007 के पी.टी. मुनिचिक्कन्ना रेड्डी बनाम रेवम्मा केस में कोर्ट ने कहा कि कब्जेदार को 12 साल तक खुलेआम और शांतिपूर्ण कब्जा साबित करना होगा। कोर्ट सख्ती से जांच करता है कि कब्जा वाकई मालिक के खिलाफ था या नहीं। यह नियम सरकारी जमीन पर लागू नहीं होता, क्योंकि सरकार के पास अतिक्रमण हटाने का पूरा अधिकार है। लेकिन निजी संपत्तियों पर यह नियम मालिकों के लिए जोखिम भरा है, खासकर उन लोगों के लिए जो विदेश में रहते हैं या अपनी प्रॉपर्टी पर ध्यान नहीं देते।
अपनी प्रॉपर्टी को सुरक्षित रखने के लिए मालिकों को कुछ जरूरी कदम उठाने चाहिए। हमेशा 11 महीने का रजिस्टर्ड रेंट एग्रीमेंट बनाएं और समय पर रिन्यू करें, ताकि किराएदार को मालिकाना दावा करने का मौका न मिले। अपनी खाली जमीन की नियमित जांच करें और तारबंदी या साइनबोर्ड लगाएं। अगर कोई अवैध कब्जा करता है तो 12 साल के भीतर नोटिस भेजें या कोर्ट में केस दर्ज करें। प्रॉपर्टी के कागजात हमेशा तैयार रखें। यह नियम पुराने विवाद सुलझाने में मदद करता है, लेकिन लापरवाही बरतने वाले मालिकों के लिए यह किसी बड़े नुकसान से कम नहीं है।