1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 30 Jun 2025 06:58:57 AM IST
प्रतीकात्मक - फ़ोटो Google
Bihar News: बिहार के सभी 1,15,600 आंगनबाड़ी केंद्रों की अब गहन जांच शुरू होगी, क्योंकि पोषण ट्रैकर में गलत सूचनाएं, बच्चों की वृद्धि माप में अनियमितताएं और केंद्रों की खराब स्थिति की शिकायतें लगातार सामने आ रही हैं। समेकित बाल विकास सेवाएं निदेशालय ने इसके लिए 25 बिंदुओं की जांच सूची तैयार की है। हर सप्ताह प्रत्येक जिले में 3-4 केंद्रों का निरीक्षण होगा और प्राथमिकता उन केंद्रों को दी जाएगी जहां से बार-बार शिकायतें मिल रही हैं। ICDS निदेशक अमित पांडेय ने बताया कि गलत डेटा या लापरवाही पाए जाने पर सेविका और सहायिका पर सख्त कार्रवाई होगी, जिसमें निलंबन या बर्खास्तगी भी शामिल हो सकती है।
जांच में पोषण ट्रैकर में लाभार्थियों की वास्तविक संख्या, फेस कैप्चरिंग की सटीकता, बच्चों की ऊंचाई-वजन माप, उपस्थिति रजिस्टर, पोषण वितरण और केंद्र की स्वच्छता की जांच होगी। अभी तक केवल 55% लाभार्थियों का फेस कैप्चरिंग पूरा हुआ है और सेविकाओं द्वारा तकनीकी दिक्कतों की शिकायतों की भी जांच होगी। प्रत्येक जिले के लिए विशेष निरीक्षण टीमें गठित की जाएंगी, जो साप्ताहिक निरीक्षण के आधार पर अनियमितताओं की रिपोर्ट तैयार करेंगी।
बिहार में आंगनबाड़ी केंद्र 0-6 वर्ष के बच्चों, गर्भवती और धात्री महिलाओं को पोषण, स्वास्थ्य और प्रारंभिक शिक्षा प्रदान करते हैं। हाल के वर्षों में पोषण ट्रैकर में गलत डेटा और कुपोषित बच्चों की गलत रिपोर्टिंग की शिकायतें बढ़ी हैं। जैसे अप्रैल 2025 में सुपौल के किशनपुर में चार केंद्रों की जांच में पोषण वितरण में खामियां पाई गई थीं। ICDS ने सेविकाओं को प्रशिक्षण और तकनीकी सहायता प्रदान करने की योजना भी बनाई है ताकि डेटा प्रविष्टि में सुधार हो सके।