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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 29 Sep 2025 11:47:22 AM IST
प्रतीकात्मक - फ़ोटो Google
Bihar News: बिहार में प्रतियोगी परीक्षाओं को नई ऊंचाई देने के लिए बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने एक बड़ा कदम उठाया है। इस कदम के तहत राज्य के 9 प्रमंडलों में फैले 10 जिलों में 10 'आदर्श परीक्षा केंद्र' स्थापित कर दिए गए हैं, जहां अत्याधुनिक तकनीक से लैस सुविधाएं उपलब्ध होंगी। इन केंद्रों पर कुल 11,392 छात्र एक साथ परीक्षा दे सकेंगे। समिति के अध्यक्ष आनंद किशोर ने बताया है कि यह पहल परीक्षाओं में पारदर्शिता और निष्पक्षता को मजबूत करने के लिए की गई है। साथ ही केंद्रों को इंटरनेशनल स्टैंडर्ड के अनुरूप डिजाइन किया गया है।
ये केंद्र पटना, गया, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, भागलपुर, मुंगेर, सहरसा, छपरा, पूर्णिया और पटना के बापू परीक्षा परिसर में बने हैं। पटना, गया, दरभंगा, मुजफ्फरपुर व भागलपुर में प्रत्येक में 1,168 सीटें हैं। मुंगेर व सहरसा में 620-620, छपरा में 692, पूर्णिया में 640 और बापू परिसर पटना में सबसे ज्यादा 2,890 सीटें उपलब्ध हैं। हर केंद्र पर कंप्यूटर आधारित और पेपर आधारित दोनों तरह की परीक्षाओं के लिए पूरी तैयारी है। छात्रों को एंट्री के वक्त ही बायोमेट्रिक सिस्टम से पहचान सत्यापित होगी, इससे नकल या फर्जीवाड़े को रोकने में मदद मिलेगी।
सबसे खास बात तो यह है कि सभी कमरों में AI-संचालित CCTV कैमरे लगे हैं, जो कि छात्रों की हर गतिविधि पर नजर रखने में मदद करेंगे। अगर कोई भी संदिग्ध हरकत हुई तो सिस्टम तुरंत अलर्ट भेजेगा। केंद्रों में बिजली बैकअप, वेंटिलेशन, साफ-सफाई और सुरक्षित एग्जिट गेट्स की व्यवस्था है। आनंद किशोर ने कहा कि हाल के वर्षों में बोर्ड ने कॉपी मूल्यांकन को डिजिटल किया है और रिजल्ट तेजी से जारी करने का सिस्टम बनाया है, जिससे अब छात्रों का विश्वास और बढ़ा है। अब ये हाईटेक केंद्र नकल-मुक्त परीक्षा का नया अध्याय लिखेंगे।
यह पहल बिहार के छात्रों के लिए वरदान साबित होगी, पहले केंद्रों की कमी से असुविधा होती थी, लेकिन अब हाईटेक सुविधाओं से परीक्षा का अनुभव बदलेगा। समिति ने अपील की है कि परीक्षा देने वाले सभी छात्र एडमिट कार्ड चेक करें और समय से अपने केंद्र पर पहुंचें। कुल मिलाकर बिहार बोर्ड की यह कोशिश राज्य की शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में बड़ा ही सकारात्मक कदम है।