1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 21 Sep 2025 08:28:50 AM IST
प्रतीकात्मक - फ़ोटो Google
Bihar News: सीमावर्ती इलाकों में पशु तस्करी का धंधा दिनोंदिन संगठित रूप लेता जा रहा है, लेकिन अब गोरखपुर पुलिस ने इसे रोकने के लिए बिहार पुलिस के साथ कंधे से कंधा मिलाने का फैसला किया है। रेंज स्तर पर होने वाली इंटरस्टेट बैठक में संयुक्त रणनीति बनेगी, जिसमें पश्चिम चंपारण, गोपालगंज और सिवान से चल रहे गिरोहों पर शिकंजा कसा जाएगा। एडीजी मुथा अशोक जैन ने साफ कहा कि मकसद सिर्फ छोटे-मोटे तस्करों को पकड़ना नहीं, बल्कि पूरे नेटवर्क को जड़ से उखाड़ फेंकना है। हाल की घटनाओं ने इस जरूरत को और मजबूत कर दिया है, जहां तस्करों ने पुलिस टीमों पर हमले तक कर दिए हैं।
पिछले दस सालों के रिकॉर्ड को खंगालने का काम जोरों पर है। पुलिस ने उन गैंग्स की लिस्ट तैयार की है, जिनके नाम बार-बार केसों में उभरते रहे। बिहार के इन जिलों में बैठे सरगनाओं का नेटवर्क गोरखपुर, कुशीनगर और आसपास के इलाकों तक फैला हुआ है। मसलन, कुशीनगर का जवाहिर यादव पश्चिम चंपारण के तमकुहिया से अपना गिरोह चला रहा है जो पिपराइच, गुलरिहा और शाहपुर तक सक्रिय है। दो महीने पहले शाहपुर पुलिस ने उसके दो गुर्गों को मुठभेड़ में दबोचा था। इसी तरह साहब अंसारी का धंधा भी तमकुहिया से ही फल-फूल रहा है। गोपालगंज के नरहवा और गोपालपुर से मिंटू खान, भुट्टू जैसे करीब दस गैंग्स सक्रिय हैं, जिनके पास सौ से ज्यादा पिकअप वाहन हैं। पकड़े गए तस्करों ने कबूल किया कि चोरी के पशु सिवान के बढ़हरिया में स्टोर होते हैं, वहां से डील तय होती है।
हाल ही में पश्चिम चंपारण के दहवा गांव में बिहार-यूपी की संयुक्त टीम पर हमला इसका ताजा उदाहरण है। छापेमारी के दौरान दारोगा गंभीर घायल हो गए, उनकी रिवॉल्वर तक छीन ली गई। गोपालगंज में भी यूपी के सत्य प्रकाश यादव को चार पशुओं के साथ दबोचा गया। गोरखपुर के पिपराइच में तो तस्करों ने एक युवक की हत्या तक कर दी, जिसके बाद ग्रामीणों और पुलिस के बीच झड़प हुई। इन घटनाओं ने साफ कर दिया कि बिना संयुक्त अभियान के इन गिरोहों पर लगाम लगाना नामुमकिन है। एडीजी जैन ने बताया कि बैठक में खुफिया जानकारी शेयरिंग, छापेमारी प्लान और वाहनों की ट्रैकिंग पर फोकस होगा। लॉजिस्टिक सपोर्ट, स्टोरेज पॉइंट्स पर भी नजर रहेगी।