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Bihar News: बिहार के इस SDO साहब पर 'भ्रष्टाचार' साबित, अकूत संपत्ति छुपाने के लिए तरह-तरह के तर्क दिए...बेटे की पढ़ाई के दौरान ट्यूशन पढ़ाकर 18 लाख कमाई करने, और भी बहुत कुछ कहा पर..

Bihar News: बिहार के पूर्व अनुमंडल पदाधिकारी गुलाम मुस्तफा अंसारी के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला प्रमाणित हुआ है. जांच में 44.51 लाख रुपये की अवैध संपत्ति अर्जित करने का खुलासा. सरकार ने उनके पेंशन से 50% की स्थायी कटौती का फैसला किया है.

1st Bihar Published by: Viveka Nand Updated Tue, 01 Apr 2025 11:12:06 AM IST

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Bihar News: बिहार के एक अनुमंडल पदाधिकारी के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप प्रमाणित पाये गए हैं. विभागीय जांच में पाया गया है कि आरोपी अधिकारी ने आय से अधिक संपत्ति अर्जित की है. तत्कालीन अनुमंडल पदाधिकारी ने भ्रष्टाचार से अर्जित संपत्ति को छुपाने की पूरी कोशिश की,. आरोपी ने बेटे की पढ़ाई के दौरान ही ट्यूशन पढ़ाने का जिक्र किया, ट्यूशन से 18 लाख की कमाई दिखाया, लेकिन संचालन पदाधिकारी ने जांच में इन बातों को असत्य करार दिया है. अब सरकार नेआरोपी तत्कालीन अनुमंडल पदाधिकारी को दंड दिया है. 

जयनगर के तत्कालीन एसडीओ के खिलाफ निगरानी ने दर्ज किया था डीए केस 

 निगरानी ब्यूरो ने मधुबनी जिले के जयनगर अनुमंडल के तत्कालीन अनुमंडल पदाधिकारी(SDO) गुलाम मुस्तफा अंसारी के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का केस 9 दिसंबर 2016 को दर्ज किया था .सामान्य प्रशासन विभाग ने इन आरोपों के लिए आरोप पत्र गठित किया. 19 जून 2017 को इन आरोपों को लेकर गुलाम मुस्तफा अंसारी से स्पष्टीकरण की मांग की गई. निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने 14 जनवरी 2019 को रिपोर्ट किया , जिसमें अंसारी के खिलाफ आय से 44 लाख 51 हजार 919 रुपए अधिक धन अर्जित करने का मामला पाये जाने का उल्लेख किया. इसके बाद 8 मार्च 2019 को आरोपी एसडीओ के खिलाफ विभागीय कार्यवाही संचालित की गई. मुख्य जांच आयुक्त को संचालन पदाधिकारी नियुक्त किया गया.

जांच में आय से 44 लाख 51 हजार रू पाया गया अधिक 

8 जुलाई 2022 को कृषि विभाग के सचिव सह जांच अधिकारी एन. सरवन कुमार को संचालन पदाधिकारी नियुक्त किया गया. इसी बीच ये 28 फरवरी 2022 को सेवानिवृत हो गए. इसके बाद आरोपी अधिकारी के खिलाफ की विभागीय कार्यवाही को पेंशन नियमावली के तहत परिवर्तित किया गया. जांच आयुक्त सह खाद्य उपभोक्ता संरक्षण विभाग के सचिव ने विभागीय कार्यवाही में तमाम आरोपों को प्रमाणित पाया. जिसमें पाया गया कि इन्होंने 44 लाख 51,919 रुपए आय से अधिक संपत्ति अर्जित की है .

आरोपी ने बचने के लिए बेटे को बनाया ढाल...पढ़ाई के दौरान ट्यूशन से 18 लाख की कमाई दिखाया

जांच में पाया गया कि आरोपी पदाधिकारी के पुत्र जो विधि की पढ़ाई करने वाला छात्र है, के बैंक खाते में सहपाठियों के अभिभावक द्वारा  पैसे भेजने की बात कही गई थी. साथ ही बेटे के बैंक खाते की राशि 18 लाख रू पढ़ाई के दौरान ट्यूशन से प्राप्त आय के रूप में बताया था, जो सत्य प्रतीत नहीं होता है. इसके बाद सरकार ने तत्कालीन अनुमंडल पदाधिकारी गुलाम मुस्तफा अंसारी के पेंशन से 50% की राशि कटौती स्थाई रूप से करने का दंड निर्धारित किया है . सामान्य प्रशासन विभाग की तरफ से 25 मार्च 2025 को ही संकल्प जारी कर दिया गया. 

बता दें, अक्टूबर 2016 में निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की टीम ने मधुबनी के जयनगर के एसडीपीओ (अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी) चंदन पुरी व एसडीओ (अनुमंडलाधिकरी) गुलाम मुस्तफा अंसारी तथा उनके बॉडीगार्ड्स को गिरफ्तार किया था. दोनों अधिकारियों को एक पटाखा व्यवसायी को लाइसेंस देने के लिए रिश्वत लेने के आरोप में पकड़ा गया था. एसडीओ को गिरफ्तार करने के बाद निगरानी ने एसडीओ के पटना स्थित आवास पर भी छोपमारी की थी. जिसमें आय से 44 लाख रू अधिक अर्जित करने का एक और केस दर्ज किया गया था. डीए केस को सामान्य प्रशासन विभाग ने सही पाया है और रिटायर्ड अधिकारी के पेंशन से 50 फीसदी कटौती करने का दंड दिया है.